Thursday, June 19, 2025
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रिलेशनशिप एडवाइज: हमारा धर्म अलग है, हमें शादी करनी है: बवाल होना तय है, पर हमें भागना नहीं, घरवालों को मनाना है, हम क्या करें?


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5 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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सवाल: मैं और मेरा बॉयफ्रेंड लखनऊ के रहने वाले हैं। हम दोनों ने IIT से पढ़ाई की है। अभी बेंगलुरु में एक आईटी कंपनी में जॉब करते हैं। हम दोनों शादी करना चाहते हैं, लेकिन हमारा रिश्ता इंटर-रिलीजियस है। हमारी फैमिलीज एक-दूसरे को भी पहले से जानती हैं। उन्हें कॉलेज से लेकर जॉब तक हमारी दोस्ती से कभी कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि हम शादी करना चाहते हैं तो माहौल पूरी तरह बदल गया है। अब दोनों परिवारों के बीच मनमुटाव हो गया है, दूरियां बढ़ रही हैं। हम दोनों की भी अपने फैमिली मेंबर्स से बातचीत कम होने लगी है। इसका असर हम दोनों के बीच भी पड़ रहा है। हमें समझ नहीं आ रहा कि इतनी समझदार सोच वाले लोग अचानक इतने सख्त क्यों हो गए हैं। अब हम क्या करें? अपने रिश्ते को कैसे बचाएं। ऐसा क्या करें कि फैमिलीज भी दूर न हों?

एक्सपर्ट: द्युतिमा शर्मा, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एंड ट्रॉमा फोकस्ड थेरेपिस्ट, भोपाल

जवाब: आप ये सोच रहे हैं कि आपके पेरेंट्स इतने समझदार हैं। उन्होंने ही आपको IIT तक पहुंचाया है। अब वे अचानक इतने सख्त कैसे हो गए? सच कहें तो आपकी परेशानी थोड़ी पेचीदा तो है। आप दोनों ने अपने रिश्ते को वक्त दिया है, दोस्ती को प्यार में बदला है और फैमिलीज को भी साथ बनाए रखा है। इसके बावजूद शादी की बात आते ही सब कुछ बदल रहा है। ऐसे में आपका कन्फ्यूजन भी बिल्कुल जायज है।

आप अकेले नहीं हैं। भारत में कई कपल्स, खासकर इंटर-रिलीजियस रिश्तों में इस मोड़ से गुजरते हैं। आपकी सिचुएशन में प्यार भी है, उम्मीद भी है और थोड़ा-सा डर भी है। चलिए इसे साथ मिलकर समझते हैं और कुछ रास्ते तलाशते हैं। ऐसे रास्ते जो आपके रिश्ते को बचाएं और परिवारों को भी जोड़े रखें।

2.1% लोग ही करते हैं इंटर-रिलीजियस शादी

पीव रिसर्च सेंटर में पब्लिश एक सर्वे के मुताबिक, भारत में सिर्फ 2.1% लोग ही इंटर रिलीजियस शादी करते हैं। इंटर-रिलीजियस शादियां भारत में अभी भी रेयर हैं, खासकर गांव और छोटे शहरों में ये ज्यादा मुश्किल है।

सवाल: आपके परिवारों का रिएक्शन क्यों बदल गया है?

जवाब: यह समझना जरूरी है कि आपके परिवारों का विरोध अचानक नहीं आया। दोस्ती तक सब ठीक था क्योंकि वह एक ‘सीमा’ में थी, लेकिन शादी? यह भारतीय समाज में सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों, उनकी परंपराओं और पहचान का सवाल बन जाता है।

यहां तक कि पढ़े-लिखे लोग भी भावनाओं और समाज के दबाव में आ जाते हैं। उनके लिए यह डर है- लोग क्या कहेंगे? रिश्तेदार क्या सोचेंगे? बच्चों का भविष्य क्या होगा? ये सवाल उनके दिमाग में बार-बार घूमते हैं।

उनका यह डर गलत नहीं है। यह उनकी दुनिया का अपना सच है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपका प्यार गलत है।

आपकी भावनाएं मायने रखती हैं

आप दोनों IIT ग्रेजुएट हैं, बेंगलुरु में सेटल्ड हैं और अपने रिश्ते को लेकर सीरियस हैं। फिर भी, परिवारों का विरोध आपको अंदर से तोड़ रहा है। यह नॉर्मल है। आप अपने प्यार को बचाना चाहते हैं, लेकिन मम्मी-पापा को खोने का डर भी आपको सता रहा है।

यह वक्त आसान नहीं है, पर थोड़ा वक्त देंगे तो मुश्किलें हल हो जाएंगी। इस दौरान आप दोनों को ये याद रखना है कि अगर तनाव के कारण आप दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर तकरार हो रही है तो यह तनाव आपका नहीं, बाहर का है। इससे बचने की कोशिश करनी है।

अब क्या करें?

इस मुश्किल को सुलझाने के लिए आपको समझदारी और प्यार, दोनों की जरूरत है। यहां एक आसान 3-स्टेप प्लान है:

1. अपने रिश्ते को मजबूत करें

  • सबसे पहले, आप दोनों को एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करनी होगी।
  • अपने डर, अपनी चिंताएं एक-दूसरे से शेयर करें।
  • एक-दूसरे को यह भरोसा दें कि आप साथ हैं, चाहे जो हो।
  • छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें। यह तनाव का असर है, आपकी कमजोरी नहीं है।

2. परिवार के लोगों से बातचीत करें

  • अपने परिवारों को समझने और समझाने की कोशिश करें।
  • उनकी बात सुनें, गुस्से से नहीं, प्यार से बात करें।
  • उन्हें बताएं कि आप उनके डर को समझते हैं, लेकिन आपका रिश्ता भी कीमती है।
  • धीरे-धीरे उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आप दोनों एक-दूसरे के लिए सही हैं।

3. किसी न्यूट्रल इंसान की मदद लें

  • अगर सीधे बात करना मुश्किल हो तो किसी फैमिली फ्रेंड, रिश्तेदार या काउंसलर से मदद ले सकते हैं।
  • यह काउंसलर या दोस्त आपके और परिवारों के बीच कम्युनिकेशन का पुल बन सकता है।

सवाल: अपने रिश्ते को कैसे बचाएं?

जवाब: आपके रिश्ते की नींव मजबूत है कि आप दोनों ने इसे सालों तक संभाला है। अब इसे बचाने के लिए:

एक-दूसरे का साथ न छोड़ें: यह वक्त आपकी एकजुटता की परीक्षा है।

रेस्ट मोड में रखें: शादी की बात को अभी थोड़ा टाल दें, लेकिन रिश्ता खत्म न करें।

सपोर्ट पर फोकस करें: फैसले लेने से पहले एक-दूसरे को सपोर्ट करें।

सवाल: अपने परिवारों को कैसे मनाएं?

जवाब: परिवारों को मनाना आसान नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। इसके लिए उनकी वैल्यूज का सम्मान करें। उन्हें समझाएं कि आप उनकी परंपराओं को समझते हैं। अपने रिश्ते की ताकत के बारे में बताए। उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आप दोनों का करियर, आपकी समझदारी और एक-दूसरे के लिए सम्मान इस रिश्ते में सबसे बड़ी चीज है। उन्हें इसे समझने का वक्त दें, जल्दबाजी न करें।

अपना ख्याल रखें

इस तनाव में अपने मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज न करें:

  • एक-दूसरे से बात करते रहें। यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
  • दोस्तों से या काउंसलर से सलाह लें।
  • योग, मेडिटेशन या अपनी पसंद की चीजों में वक्त बिताएं।

आखिरी बात

आपका प्यार खास है और इसे बचाने की कोशिश करना ही आपकी पहली जीत है। अब ये समझें कि यह लड़ाई अकेले नहीं, सबके साथ मिलकर लड़नी होगी। अपनी फैमिलीज को वक्त दें। अपने रिश्ते पर भरोसा रखें और कम्युनिकेशन का रास्ता हमेशा खुला रखें। हमें यकीन है कि आप दोनों इस तूफान से बाहर निकल आएंगे। कई कपल्स ने ऐसा किया है, आप भी कर सकते हैं। अपने दिल की सुनें, लेकिन शांत दिमाग से फैसले लें।

…………….. ये आलेख भी पढ़िए रिलेशनशिप एडवाइज- हमने तय किया, हमें बच्चा नहीं चाहिए: घरवालों का टॉर्चर खत्म नहीं होता, क्या करें कि किसी का दिल न दुखे

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