<p style="text-align: justify;">हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों की बात हो तो दिमाग इसमें पहले पायदान पर आता है. यह न सिर्फ हमारी सोच, इमोशंस और बिहेवियर को कंट्रोल करता है, बल्कि शरीर के सभी काम करने में मदद करता है. अगर दिमाग किसी बीमारी की चपेट में आता है तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल करीब 50 मिलियन लोग न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से प्रभावित होते हैं. ये बीमारियां भारत में भी टेंशन बढ़ा रही हैं. आइए आज हम आपको दिमाग से जुड़ी पांच बड़ी बीमारियों, उनके लक्षण और बचाव के बारे में बता रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह है दिमाग की सबसे खतरनाक बीमारी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिमाग की सबसे खतरनाक बीमारी की बात करें तो यह अल्जाइमर है, जो याद्दाश्त, सोच और व्यवहार पर असर डालती है. यह बीमारी डिमेंशिया का सबसे कॉमन प्रकार है, जिससे 65 साल से ज्यादा उम्र में लोगों में अक्सर परेशान रहते हैं. इस बीमारी में दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है, जिससे याद्दाश्त खत्म होने या पूरी तरह चले जाने का खतरा रहता है. बार-बार चीजों को भूलना, समय और जगह को समझने में परेशानी और बोलने या लिखने में मुश्किल आदि इसी बीमारी के लक्षण हैं. गौर करने वाली बात यह है कि अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है. इसमें मरीज धीरे-धीरे दूसरों पर निर्भर हो जाता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पार्किंसन भी करती है परेशान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पार्किंसन रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो दिमाग में डोपामाइन बनाने वाली कोशिकाओं के नष्ट होने से होता है. दरअसल, डोपामाइन हमारे शरीर की एक्टिविटीज को कंट्रोल करता है, जिसकी कमी से मूवमेंट संबंधित दिक्कतें होती हैं. यह बीमारी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में काफी ज्यादा देखी जाती है. पार्किंसन बीमारी की बात करें तो आराम करते वक्त भी हाथों-पैरों या शरीर में कंपन होना इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है. इसके अलावा मांसपेशियों में अकड़न और चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज चलते वक्त अपना संतुलन खो सकते हैं और चलते वक्त काफी छोटे-छोटे कदम बढ़ाते हैं. साथ ही, चेहरे पर इमोशंस की कमी भी इसी बीमारी का लक्षण है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मिर्गी भी दिमाग की डराने वाली बीमारी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">मिर्गी दिमाग की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में असामान्य इलेक्ट्रिक एक्टिविटीज की वजह से बार-बार दौरे (सीजर्स) पड़ते हैं. यह किसी भी उम्र में हो सकता है. इसकी वजह जेनेटिक के अलावा चोट या इंफेक्शन भी हो सकती है. अचानक बेहोश होना और शरीर का कांपना मिर्गी का मुख्य लक्षण है. इसके दौरे आने पर शरीर अकड़ जाता है. साथ ही, स्वाद-गंध या नजर में बदलाव भी आने लगता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दूसरों पर आश्रित बना देता है स्ट्रोक</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब दिमाग में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होती है तो स्ट्रोक पड़ता है. इसकी वजह से दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं. स्ट्रोक दो तरह का होता है. पहला इस्कीमिक, जिसमें खून का थक्का जम जाता है. वहीं, दूसरा हेमरेजिक होता है, जिसमें खून की धमनी फट जाती है और दिमाग के अंदरूनी हिस्सों में ब्लड फैल जाता है. चेहरे-हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नपन आना स्ट्रोक का प्रमुख लक्षण है. ये दिक्कतें अक्सर शरीर के एक तरफ के हिस्से में होती हैं. इस दौरान बोलने और समझने में भी परेशानी होती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बेहद खतरनाक होता है ब्रेन ट्यूमर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब दिमाग में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो मरीज को ब्रेन ट्यूमर हो जाता है. यह कैंसरस (मैलिग्नेंट) या गैर-कैंसरस (बिनाइन) हो सकता है. इस बीमारी में दिमाग का काम करने का तरीका प्रभावित होता है और इस बीमारी का इलाज बेहद मुश्किल है. लगातार सिरदर्द होना ब्रेन ट्यूमर का प्रमुख लक्षण है. यह दर्द सुबह के वक्त ज्यादा होता है. इसके अलावा दौरे पड़ना, चक्कर आना, देखने-सुनने और बोलने में परेशानी भी इस बीमारी के लक्षण हैं.</p>
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<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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ये हैं दिमाग से जुड़ी पांच सबसे खतरनाक बीमारियां, ऐसे दिखते हैं लक्षण
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