Monday, June 16, 2025
Homeस्त्री - Womenमेंटल हेल्थ– घर बीवी की कमाई से चलता है: बिजनेस डूब...

मेंटल हेल्थ– घर बीवी की कमाई से चलता है: बिजनेस डूब गया, घरवाले ताने देते हैं, मैं शराब और डिप्रेशन में डूब रहा हूं, क्या करूं


8 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

सवाल– मेरी उम्र 37 साल है और मेरा रेस्टोरेंट का बिजनेस है। मेरी वाइफ एक एडवर्टाइजिंग कंपनी में काम करती है। पांच साल पहले हमारी अरेंज मैरिज हुई थी। उस वक्त मेरा बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था और मैं अपनी वाइफ से कहीं ज्यादा कमाता था। लेकिन बाद में मुझे बिजनेस में काफी लॉस हुआ। मेरे बिजनेस पार्टनर ने कुछ बैंक फ्रॉड किया था, जिसकी वजह से हमें अपना रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा। अब मेरी वाइफ मुझसे कहीं ज्यादा कमा रही है। एक तरह से देखा जाए तो घर उसकी कमाई से ही चलता है। वाइफ और उसके पेरेंट्स भी इस बात के लिए अकसर मुझे ताना देते रहते हैं। मैं इस तरह का आदमी नहीं हूं, जो अपनी बीवी की कमाई पर पले। मैं पहले भी कभी-कभी ड्रिंक करता था, लेकिन पिछले एक साल में मेरी शराब की लत काफी बढ़ गई है, जिसे लेकर अकसर वाइफ के साथ मेरा झगड़ा होता है। हालांकि वो कहती है कि वो शराब के कारण नाराज है, लेकिन मुझे पता है कि उसकी नाराजगी की असली वजह मेरे पैसे न कमाना है। मेरे घर में तनाव बढ़ रहा है। मैं डिप्रेशन में जा रहा हूं। क्या करूं?

एक्सपर्ट– डॉ. द्रोण शर्मा, कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट, आयरलैंड, यूके। यूके, आयरिश और जिब्राल्टर मेडिकल काउंसिल के मेंबर।

आपकी समस्या न सिर्फ आर्थिक चुनौती से जुड़ी है, बल्कि यह भावनात्मक, वैवाहिक और आत्मसम्मान से जुड़ी एक गहरी मनोवैज्ञानिक उलझन भी है। एक वरिष्ठ मनोचिकित्सक (30 वर्षों के अनुभव) के रूप में मैं इस केस का मूल्यांकन तीन स्तरों पर करूंगा:

1. मुख्य समस्याएं

2. अपना मूल्यांकन यानी सेल्फ एसेसमेंट

3. सेल्फ हेल्प के तरीके

1. मुख्य समस्याएं

सबसे पहले बात करते हैं मुख्य समस्याओं की।

1. आत्मसम्मान में गिरावट

पहले आप अपनी फैमिली का आर्थिक आधार थे, लेकिन अब आपकी भूमिका में बदलाव आया है, जिससे आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।

2. पारिवारिक तनाव और ताने

पत्नी व ससुराल की टिप्पणियां आपकी पहचान और पुरुषत्व पर सवालिया निशान बन गई हैं।

3. असहायता की भावना

आर्थिक रूप से निर्भर महसूस करना आत्मग्लानि, शर्म और कुंठा को जन्म देता है।

4. शराब की लत

शराब तनाव और हीनभावना से बचने का एक अस्वस्थ तरीका है, जो समस्या को और गहरा कर रहा है।

5. वैवाहिक संवाद का टूटना

समस्या के बारे में आपस में हेल्दी तरीके से बातचीत नहीं हो रही। स्वस्थ संवाद की जगह शिकायतों और आक्रोश ने ले ली है।

6. डिप्रेशन की शुरुआत

मन हमेशा उदास रहना, शर्मिंदगी, पछतावा, ऊर्जा की कमी और भविष्य के प्रति निराशा, ये सब डिप्रेशन के ही लक्षण हैं।

2. अपना मूल्यांकन यानी सेल्फ एसेसमेंट

आगे बढ़ने से पहले आपको एक बार आपना सेल्फ एसेसमेंट करने की जरूरत है। इससे पता चलेगा कि समस्या की गंभीरता किस स्तर पर है और तत्काल प्रोफेशनल मदद की जरूरत है या नहीं। नीचे ग्राफिक में दिए सवालों को ध्यान से पढ़ें और ग्राफिक में ही दिए स्कोर चार्ट के मुताबिक हर सवाल को 0 से लेकर 4 तक में रेट करें और अंत में अपना टोटल स्कोर देखें।

3. सेल्फ हेल्प के तरीके

पहले दो स्टेप्स में हमने सबसे पहले प्रॉब्लम को आइडेंटीफाई किया और सेल्फ एसेसमेंट किया। अब इस जवाब के सबसे जरूरी हिस्से में सेल्फ हेल्प के तरीकों पर बात करेंगे। हरेक समस्या को पॉइंट आउट करते हुए ये देखेंगे कि उसे दूर करने के लिए आपको अपनी तरफ से कौन से कदम उठाने की जरूरत है।

आत्मसम्मान में गिरावट

आपकी पहली समस्या ये थी कि बदली परिस्थितियों में आपके आत्म–सम्मान को चोट पहुंची है। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ प्रैक्टिकल समाधान नीचे ग्राफिक में दिए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और अपने जीवन पर अप्लाय कीजिए।

शराब की लत

शराब एक गंभीर समस्या है। अकसर लोग इसे अपनी समस्या का हल समझकर इसकी शरण में जाते हैं और नतीजा ये होता है कि शराब समस्या को और ज्यादा बढ़ा देती है। इस बारे में हम डिटेल में बात करेंगे, लेकिन पहले नीचे ग्राफिक में दिए सवालों के जवाब हां या ना में दीजिए। अगर दो से ज्यादा सवालों का आपका जवाब “हां” है तो आपको तुरंत सचेत हो जाना चाहिए और इस बुरी आदत से मुक्त होने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए।

अब नीचे दिए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ें और इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करने की कोशिश करें।

  • एक अल्कोहल डायरी बनाएं। किस दिन, कितनी मात्रा में और क्यों शराब पी, डायरी में उसका रिकॉर्ड रखना शुरू करें।
  • अपने ट्रिगर को पहचानें। कब आप ज्यादा शराब पीते हैं।
  • सप्ताह में 3 दिन बिल्कुल शराब न पीने का लक्ष्य तय करें। शुरुआत एक दिन से करें। धीरे–धीरे उसे बढ़ाएं।
  • किसी ऐसे सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें, जहां शराब छोड़ने की कोशिश कर रहे लोग अपने अनुभव साझा करते हैं।
  • डिटॉक्स शुरू करने से पहले किसी साइकेट्रिस्ट की सलाह लें।
  • हर दिन कम–से–कम 30 मिनट वॉक जरूर करें।
  • ग्रैटीट्यूड लिस्ट बनाएं। वो पांच बातें लिखें, जिनके लिए आप शुक्रगुजार हैं।
  • सोशल मीडिया से ब्रेक लें। दूसरों से अपनी तुलना न करें।

शराब की लत छुड़ाने में मददगार

CBT (कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी) टेक्नीक

थेरेपी में अक्सर ऑब्सेसिव बिहेवियर से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए CBT टेक्नीक का सहारा लिया जाता है। आप किसी एक्सपर्ट थेरेपिस्ट के जरिए यह मदद ले सकते हैं या थोड़े आत्मबल और प्रयास से खुद ये करने की कोशिश कर सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक पर गौर करें–

4 स्टेप एक्शन प्लान

जब आप अपने ऊपर वर्क करना शुरू करें तो इस काम को साइंटिफिक तरीके से, स्टेप–बाय–स्टेप करें। नीचे ग्राफिक में चार चरणों का एक एक्शन प्लान दिया जा रहा है। साथ ही उसकी एक तय समय–सीमा भी बताई गई है। इसे फॉलो करें।

पत्नी से अपनी परेशानियों के बारे में खुलकर कैसे बात करें

1. तैयारी: पहले खुद को समझें

  • यह स्वीकार करें कि अभी आप मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन यह मुश्किल ही आपकी ‘टोटल आइडेंटिटी’ नहीं है।
  • यह समझना और इसे एक्सेप्ट करना जरूरी है कि रिश्तों में कभी ऐसा दौर भी आता है, जब एक पार्टनर ज्यादा योगदान करता है, लेकिन ये असमानता स्थायी नहीं होती।

2. एक शांत समय और जगह चुनें

जब आप दोनों तनावमुक्त हों और आसपास कोई व्यवधान न हो, जैसे वीकेंड की सुबह या रात को डिनर के बाद।

3. बातचीत की शुरुआत विनम्रता और कृतज्ञता से करें

उदाहरणः

“मैं कुछ समय से महसूस कर रहा हूं कि मेरा काम बंद होना, हम दोनों की इनकम में फर्क होना, हमारे रिश्ते को भी प्रभावित कर रहा है। तुम बहुत मेहनत कर रही हो, हमारी जरूरतों को पूरा कर रही हो। इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। मैं चाहता हूं कि हम मिलकर इस दौर को समझदारी से पार करें।”

4. दोषारोपण किए बिना अपनी भावनाएं व्यक्त करें

उदाहरणः

“मुझे कभी-कभी लगता है कि मैं तुम्हारा साथ ठीक से नहीं दे पा रहा। इससे मेरे आत्मसम्मान को भी चोट पहुंचती है। लेकिन मैं ये जानता हूं कि इसका हल एक-दूसरे से खुलकर बात करने में है।”

5. भावनात्मक ईमानदारी बरतें, साथ निभाएं

उदाहरणः

“मुझे तुम्हारे साथ मिलकर इस परिस्थिति को संभालना है। मैं जानता हूं कि मुझे दोबारा खड़े होना है, लेकिन तुम्हारा सहयोग मेरे लिए बहुत मायने रखता है।”

निष्कर्ष

कुल मिलाकर सारी बातचीत का आशय ये है कि मुश्किल वक्त में टूट जाना आसान होता है, लेकिन खुद को संभालकर और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को बदलकर फिर से खड़े होने के लिए बस थोड़ी समझदारी की जरूरत होती है। कई बार हम खुद ये करने में सक्षम होते हैं और अगर न हों तो एक्सपर्ट की मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। आखिर जीवन ठोकर खाकर भी फिर से उठने का ही नाम है। ……………….. मेंटल हेल्थ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

मेंटल हेल्थ– मम्मी–पापा मेरे डिवोर्स के खिलाफ हैं:मैं पेरेंट्स को ये कैसे समझाऊं कि शक्की आदमी के साथ नहीं रह सकती

सवाल– मैं 35 साल की तलाकशुदा महिला हूं, IT प्रोफेशनल हूं। शादी डेढ़ साल चली, ससुराल और पति दोनों टॉक्सिक थे। पापा तलाक को आज भी कलंक मानते हैं, मुझे दोषी ठहराते हैं। उनका दबाव मेंटल हेल्थ पर असर डाल रहा है, पैनिक अटैक आते हैं। अब शादी से डर लगने लगा है। मैं क्या करूं? पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular

Recent Comments