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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस।
मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में नई गृह निर्माण नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति को ‘मेरा घर मेरा अधिकार’ के नारे के साथ पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में सभी वर्गों के लिए किफायती आवास सुनिश्चित करना है। नई गृह निर्माण योजना के लिए 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें झुग्गी-झोपड़ी के वासियों, महिलाओं, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से आवास योजनाओं को शामिल किया गया है।
‘हमारी योजना है कि घरों की कीमत कम हो’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य सामान्य लोगों को किफायती दामों पर घर उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत यह तय किया गया है कि कहां और कितने घर बनाए जाएंगे। फडणवीस ने जोर देकर कहा, ‘हमारी योजना है कि घरों की कीमत कम हो। 2007 के बाद इस नीति में बदलाव किया गया है। पिछली सरकार ने इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया, लेकिन हमने अटके हुए कार्यों को पूरा करने की व्यवस्था की है।’ माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बाद सूबे में लाखों परिवारों का अपना घर होने का सपना पूरा होगा।
‘स्लम-मुक्त महाराष्ट्र’ का विजन होगा साकार
नई गृह निर्माण नीति के तहत स्लमवासियों के लिए पुनर्वास योजनाओं को गति दी जाएगी, साथ ही महिलाओं, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आवास योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह नीति महाराष्ट्र में शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने और ‘स्लम-मुक्त महाराष्ट्र’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि इस नीति के तहत पारदर्शी और समावेशी तरीके से आवास परियोजनाओं को लागू किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को सुरक्षित और किफायती आवास मिल सके।
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