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5 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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किताब- द मिरेकल इक्वेशन
लेखक- हैल एलरॉड
अनुवाद- प्रणव मिश्रा
प्रकाशक- मंजुल प्रकाशन
मूल्य- 350 रुपए
क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि कुछ लोग चमत्कार सा कर जाते हैं? एक आम बैकग्राउंड से आते हैं, मुफलिसी और संकटों से लड़ते हुए ऐसी ऊंचाई तक जाते हैं कि समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिर ये सब कैसे हुआ? लेखक हैल एलरॉड कहते हैं कि इसमें कोई जादू नहीं है। इन लोगों ने बस खुद से 2 वादे किए हैं-
1. खुद पर भरोसा
2. असाधारण मेहनत
यही इन लोगों के ‘द मिरेकल इक्वेशन’ की नींव है।
इंसान का होना अपने आप में एक चमत्कार
किताब का पहला ही चैप्टर है– ‘चमत्कारों के रहस्य से बाहर निकलना।’ चमत्कार शब्द सुनने में ऐसा लगता है कि यह इंसानी ताकत और क्षमताओं से बाहर की कोई बात है। जबकि छोटी–छोटे कहानियों के जरिए हैल बहुत पावरफुल तरीके से ये बताते हैं कि इंसान का होना अपने आप में एक चमत्कार है। हमारे दो हाथ, दो पैर, दो आंखें, हमारा दिमाग और आत्मा, ये सब अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है।
इंसान का दुर्भाग्य ये है कि वो उसे जन्म से मिले इन जादुई चमत्कारों को छोड़कर किसी जादू, टोने, मंतर और बाबा के चमत्कार का इंतजार करता रहता है। किस्मत के भरोसे बैठा रहता है। किस्मत है क्या चीज, वही जिसे हम खुद अपने हाथों से लिखते हैं।
ये बातें सुनने में बड़ी–बड़ी लग रही हैं, लेकिन आप इस किताब की कहानियों को पढ़ेंगे तो ये सारी बातें ऐसी प्रतीत होंगी कि थोड़ी हिम्मत, ताकत, मेहनत और लगन से इन्हें अपनी मुट्ठी में भी कैद किया जा सकता है।
इसके लिए आपको किताब हाथ में लेकर पढ़ना शुरू करना होगा।

हर कोई चाहता है कि उसका सपना पूरा हो। कोई बड़ा बिजनेस शुरू करना चाहता है, कोई सरकारी नौकरी पाना चाहता है, कोई बेहतर हेल्थ या रिलेशनशिप चाहता है। लेकिन सवाल यह है कि हममें से ज्यादातर लोग चाहकर भी शुरुआत क्यों नहीं कर पाते? या फिर बीच रास्ते में क्यों रुक जाते हैं?
द मिरेकल इक्वेशन से क्या सीख मिलती है?
‘द मिरेकल इक्वेशन’ हमें सिखाती है कि सपनों को सच करने के लिए किसी तिलिस्म यानी जादू की नहीं, बल्कि एक मजबूत सोच और लगातार मेहनत की जरूरत होती है। इसके लिए लेखक हैल एलरॉड ने एकदम सीधा-सा फार्मूला दिया है:
अडिग विश्वास + असाधारण मेहनत = चमत्कारिक नतीजे

1. अडिग विश्वास यानी खुद पर भरोसा करना सीखिए
हममें से बहुत से लोग इसलिए हार मान लेते हैं क्योंकि वे खुद पर कभी भरोसा ही नहीं कर पाते हैं। लेखक हैल एलरॉड कहते हैं कि अगर आप खुद पर विश्वास नहीं करेंगे तो दुनिया कभी आपके ऊपर भरोसा नहीं करेगी।

उदाहरण: लेखक हैल एलरॉड एक खतरनाक एक बार एक्सिडेंट में बुरी तरह घायल हो गए थे। डॉक्टर ने उनसे कहा कि अब वह चल नहीं पाएंगे, लेकिन उन्होंने ये मानने से इनकार कर दिया। खुद पर भरोसा रखा और आज न सिर्फ चल रहे हैं, बल्कि लाखों को प्रेरित कर रहे हैं।
सबक: इससे ये सबक मिलता है कि चाहे जैसे भी हालात हों, आपको खुद पर भरोसा करना होता है– “मैं ये कर सकता हूं।”
2. असाधारण मेहनत यानी तब तक चलो, जब तक मंजिल ना मिले
लेखक ने इस किताब में यह भी स्पष्ट किया है कि सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होता है। हर दिन कुछ-न-कुछ ऐसा करना जरूरी है, जो आपको अपने लक्ष्य के करीब ले जाए। यहां तक कि जब थक जाएं, तब भी थोड़ा और चलना चाहिए।
इसके खातिर किताब में एथलीट्स का उदाहरण दिया गया है। वे रोज मैदान में घंटों पसीना बहाते हैं, बार-बार गिरते हैं, लेकिन उठकर फिर दौड़ता है। वही रवैया हमें जिंदगी में भी अपनाना होगा- चाहे सफलता कितनी भी दूर क्यों न लगे। इससे ये सबक मिलता है कि अगर आप रोज 1% भी आगे बढ़ते हैं तो एक दिन मंजिल तक पहुंच जाते हैं।

हर दिन खुद से किया वादा निभाएं
आप खुद से एक वादा करें कि चाहे जो कुछ भी हो जाए, मैं अपने लक्ष्य की ओर रोज एक कदम जरूर बढ़ाऊंगा।
मान लीजिए, अगर आपने यह तय किया है कि रोज सुबह 30 मिनट पढ़ना है तो चाहे नींद आए या आपके गेस्ट घर में हों, खुद से किया गया अपना वादा निभाना ही असली कमिटमेंट है। इससे हमें सबक मिलता है कि सफलता उन्हीं को मिलती है, जो बिना किसी बहाने और बिना ब्रेक के काम करते हैं।
सिर्फ सपना मत देखिए, उसे महसूस कीजिए
लेखक हैल एलरॉड लिखते हैं कि जब तक आप अपने लक्ष्य को देखकर उत्साहित महसूस नहीं करते, तब तक वह बस एक ‘आइडिया’ ही है, वह सपना नहीं है। आपको हमेशा यह कल्पना करनी चाहिए कि जब आपका सपना पूरा होगा, तब आपकी जिंदगी कैसी होगी।
अगर आप IAS ऑफिसर बनना चाहते हैं, तो रोज कुछ मिनट यह सोचिए कि जब आप अफसर बनेंगे, तो आपकी लाइफ कैसी होगी, आप समाज में क्या बदलाव लाएंगे। यह विजन आपको रोज प्रेरणा देगा। इससे यह होगा कि मन में साफ तस्वीर होगी, तभी दिमाग और शरीर साथ काम करेंगे।
किताब की खास बातें
भाषा: बहुत सरल है और दिल को छू लेने वाली है।प्रेरणा: लेखक ने अपनी जिंदगी में जो खुद किया है, वही किताब में बताया है। इसलिए यह किताब सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि जिंदगी का सच है।किसे पढ़नी चाहिए: स्टूडेंट्स, जॉब कर रहे लोग, बिजनेसपर्सन या हाउसवाइफ- हर कोई इस किताब के फॉर्मूले से जीवन में कुछ बेहतर कर सकता है।
खुद पर भरोसा और अटूट मेहनत से होता है जादू
‘द मिरेकल इक्वेशन’ हमें सिखाती कि कैसे जिद, मेहनत और खुद पर विश्वास से हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं।

‘द मिरेकल इक्वेशन’ को बनाइए गाइड बुक अगर आप भी अपने सपनों को सिर्फ सपना बनाकर नहीं छोड़ना चाहते हैं तो ‘द मिरेकल इक्वेशन’ आपके लिए बेस्ट गाइड बुक हो सकती है। पढ़िए, सोचिए और सबसे जरूरी, उसे जीवन में अपनाइए।
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