Sunday, June 1, 2025
Homeटेक्नोलॉजीबाबा वेंगा की चेतावनी हुई सच! सभी पीढ़ियों को खतरे में डाल...

बाबा वेंगा की चेतावनी हुई सच! सभी पीढ़ियों को खतरे में डाल रहा ये खास ड‍िवाइस


Last Updated:

बाबा वेंगा (Baba Vanga) को उनकी सटीक भविष्यवाणियों के लिए पूरी दुन‍िया में जाना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने एक ऐसे समय की कल्पना की थी जब लोग छोटे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर जरूरत से ज्‍यादा निर्भर हो जाएंगे.

हाइलाइट्स

  • बाबा वेंगा की भविष्यवाणी स्मार्टफोन पर निर्भरता पर सच साबित हुई.
  • स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से बच्चों में एंजाइटी और डिप्रेशन बढ़ रहा है.
  • अत्यधिक स्क्रीन टाइम से संज्ञानात्मक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

Baba Vanga Predictions: बाबा वेंगा को उनकी सटीक भविष्यवाणियों के लिए विश्वभ्‍र में जाना जाता है. उन्‍होंने एक ऐसे समय की कल्‍पना की थी, जब लोग कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर इतने अधिक निर्भर हो जाएंगे क‍ि इससे पीढ़ियां खतरे में आ जाएंगी. इन गैजेट्स को आज स्मार्टफोन के रूप में पहचाना जाता है. बाबा वेंगा ने अपनी भव‍िष्‍यवाणी में कहा था क‍ि ये गैजेट, इंसानों के व्यवहार और मनोवैज्ञानिक सेहत को काफी हद तक प्रभाव‍ित करेगा. बाबा वेंगा ने भव‍िष्‍यवाणी में ये कहा था क‍ि जीवन को जरूरत से ज्‍यादा सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन की गई वही तकनीक आख‍िर में इंसान‍ियत के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकती है.

बाबा वेंगा की कही बात ब‍िल्‍कुल सच न‍िकली है. भारत के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक एक अध्ययन क‍िया है, ज‍िससे ये पता चला है कि लगभग 24% बच्चे सोने से ठीक पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. रात के समय मोबाइल डिवाइस पर बढ़ती निर्भरता उनकी नेचुरल नींद के पैटर्न को बाधित कर रही है, उनमें एकाग्रता की कमी आ रही है और ऐसे बच्‍चों को शैक्षणिक चुनौतियों का सामना भी करना पड सकता है.

ये भी पढ़ें- iPhone 17 खरीदने की नहीं जरूरत, iOS 19 आते ही तगड़ी हो जाएगी iPhone की बैटरी

स्‍मार्टफोन के कारण एंजाइटी और ड‍िप्रेशन

शोध में ये भी बताया गया है कि बच्चों में स्मार्टफोन का जरूरत से उपयोग की वजह से एंजाइटी, ड‍िप्रेशन और कॉन्‍सेंट्रेशन से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं. लंबे समय तक स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय अक्सर शारीरिक व्यायाम और आमने-सामने की बातचीत की जगह ले लेता है, जो युवा व्यक्तियों में स्वस्थ भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी है.

ये भी पढ़ें- AI असिस्टेंट, Dynamic Bar और 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्‍च हुआ Itel A90; ₹7000 से कम है कीमत

संज्ञानात्मक प्रदर्शन में कमी

लंबे समय तक स्मार्टफोन का उपयोग करने से कंसेंट्रेशन खराब हो सकता है. इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है और ऐसे लोग प्राॅबलेम सॉल्‍व‍िंग क्षमताएं कमजोर हो जाती हैं. अध्ययनों से पता चला है कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम, संज्ञानात्मक कार्यों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
hometech

बाबा वेंगा की चेतावनी हुई सच! सभी पीढ़ियों को खतरे में डाल रहा ये खास ड‍िवाइस



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular

Recent Comments