Air India Plane Crash: गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के लिए 1206 एक ऐसा नंबर था, जो उनके लिए बेहद लकी माना जाता था. उनके स्कूटर से लेकर कार तक की नंबर प्लेट पर 1206 रहता था. यह उनके लिए एक गुड एनर्जी का सोर्स था, लेकिन 12 जून, 2025 को यह नंबर एक क्रूर इत्तेफाक बन गया, जब वह उसी दिन अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 पर सवार थे और उनका विमान उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
इस दर्दनाक हादसे में उनकी मौत हो गई. इस हादसे में विजय रूपाणी के अलावा अन्य 240 अन्य लोगों की भी जान चली गई है. हालांकि, इस हादसे में एक शख्स चमत्कारी रूप से जिंदा भी बचा है. विमान में 10 क्रू मेंबर, दो पायलट और 230 यात्री सवार थे. हादसा एक रिहायशी इलाके मेघाणी में हुआ है, जिस वजह से इस हादसे ने 24 स्थानीय लोगों की भी जान ले ली.
पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ के अनुसार, विजय रूपाणी को अपनी पत्नी के साथ 5 जून को लंदन जाना था, लेकिन लुधियाना पश्चिम उपचुनाव प्रचार के लिए उन्होंने यात्रा 12 जून तक स्थगित कर दी. जाखड़ ने दुख प्रकट करते हुए कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. नियति और भाग्य ने ऐसा खेल दिखाया कि वह मुसीबत में फंस गए. रूपाणी अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे, लेकिन वह कभी नहीं पहुंचे.’
राजकोट में शोक की लहर
राजकोट विजय रूपाणी का घर और कर्मभूमि, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कई विकास कार्य किए. उन्होंने नया हवाई अड्डा, एम्स हॉस्पिटल और अन्य बुनियादी परियोजनाएं पूरी कीं. उनकी मौत पर एक स्थानीय निवासी संजय मेहता ने कहा कि विजय रूपाणी एक बड़े नेता थे. इसके बावजूद वह हमेशा आम इंसान की तरह रहते थे. वह दयालु थे. उन्हें हम विजयभाई कहते थे. वह हमारे पड़ोसी थे. वहीं राजकोट में विजय रूपाणी के निधन की खबर सुनते ही हर गली में सन्नाटा पसर गया. राजनीतिक विचारधारा से परे जाकर, सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
राजकोट विजय रूपाणी के जीवन का संघर्ष
राजकोट विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त, 1956 म्यांमार (तब बर्मा) के यंगून शहर में एक जैन परिवार में हुआ था, लेकिन 1960 में राजनीतिक अस्थिरता के कारण उनका परिवार का भारत के राजकोट आ गया. उनकी राजनीति में रूचि कॉलेज के दिनों से ही थी. वह छात्र राजनीति में काफी एक्टिव रहे फिर आगे चलकर भाजपा पार्टी में रहकर लंबी पारी खेली. वह 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे. निधन के समय वह पंजाब भाजपा प्रभारी के रूप में कार्यरत थे.
हवाई अड्डे की विदाई और वह कॉल
विजय रूपाणी के निजी सहायक, शैलेश मंडालिया ने बताया, ‘मैंने उन्हें हवाई अड्डे छोड़ा. कुछ मिनट बाद ही हमें यह बुरी खबर मिल गई. यकीन करना मुश्किल था.’ उनके भतीजे मेहुल रूपाणी ने विजय रूपाणी के निधन की पुष्टि की और बताया कि परिवार स्तब्ध है. अमेरिका से उनके परिजन आ रहे हैं. उनके पार्थिव शरीर को सरकारी प्रक्रिया से राजकोट लाए जाने की तैयारी की जा रही है.’