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Benefits of Lemon Grass: बिहार के पश्चिम चम्पारण सहित ज्यादातर जिलों में लेमन ग्रास की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. उत्तम नस्ल का मेडिसिनल प्लांट होने की वजह से इसका इस्तेमाल दवाईयों सहित कॉमेस्टिक प्रोडक्ट्स …और पढ़ें
सुबह सवेरे लेमन ग्रास से बनी एक कप चाय की चुश्की लेने के साथ ही कड़कती धूप और त्वचा सम्बंधित रोगों से बचाव के लिए पेस्ट के रूप में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है. लेमन ग्रास स्वास्थ्य के लिए एक ऐसा वरदान साबित हो रहा है, जिसकी कल्पना भी कभी किसी ने नहीं की थी.

पिछले 40 वर्षों से मेडिसिनल प्लांट्स की खेती कर रहे जिले के मझौलिया प्रखंड स्थित रुलहीं गांव के किसान परशुराम बताते हैं कि लेमन ग्रास में बेहद अधिक मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाया जाता है. इसके साथ ही इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और तेज़ बुखार के दौरान बदन दर्द की समस्या से राहत दिलाने के लिए एंटी एन्फ्लामेंट्री प्रॉपर्टी वाला फ्लेबोनाइट्स भी पाया जाता है.

इसके उपयोग से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है. यदि आप इसकी पत्तियों का सेवन सुबह सवेरे चाय के रूप में करते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन और विटामिन C सहित अन्य कई पोषक तत्वों की पूर्ति होगी.

कृषि वैज्ञानिक डॉ.अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं कि लेमन ग्रास साइट्रिक टाइप का प्लांट है. इसमें लगभग 88 प्रतिशत विटामिन सी होता है, जो एंटीआक्सीडेंट का काम करता है. एंटी इन्फ्लामेंट्री प्रोसेस को कम करता है.

अगर किसी को अर्थरायटिस है, कैडियो बायास्कुलर डिसीस है या बार-बार सर्दी खांसी फ्लू की शिकायत है तो इसका सेवन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है. चौंकने वाली बात यह है कि कई रिसर्च में पाया गया है कि लेमन ग्रास कैंसर तक के सेल्स को ठीक करने में उपयोगी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि लेमन ग्रास की खेती से किसानों को काफी फायदा हो सकता है. वर्तमान में जिले के दर्जनों किसान लेमन ग्रास की खेती कर रहे हैं. खासकर मझौलिया, रामनगर और बगहा 2 प्रखंड में मुख्य रूप से इसकी खेती की जा रही है.

फसल की कटाई के बाद इसे बाजार में बेच दिया जाता है. इसका इस्तेमाल तेल, साबुन, सैनेटाइजर, फिनाइल, एंटी फंगल और विभिन्न प्रकार की दवाईयों को बनाने में किया जाता है.