Tuesday, June 17, 2025
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डायबिटीज का डर खत्म, खूब खाओ यह सब्जी, डॉक्टर की नहीं पड़ेगी जरूरत! किसानों के लिए पैसे कमाने की मशीन


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Jackfruit Ke Fayde: कटहल डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी है. इसकी किस्में खजवा, स्वर्ण मनोहर और स्वर्ण पूर्ति हैं. कटहल की खेती 25-35°C तापमान और 1500-2500 मिमी वर्षा वाले क्षेत्रों में होती है.

कटहल की उन्नत किस्में और फायदे

हाइलाइट्स

  • कटहल डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी है.
  • कटहल की किस्में खजवा, स्वर्ण मनोहर, स्वर्ण पूर्ति हैं.
  • कटहल की खेती 25-35°C तापमान और 1500-2500 मिमी वर्षा में होती है.

दरभंगा. कटहल एक उष्णकटिबंधीय फल है जो अपनी अनूठी बनावट, स्वाद और पोषण गुणों के साथ-साथ औषधीय विशेषताओं के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. विशेष रूप से मधुमेह (डायबिटीज) जैसे गैर-संक्रामक रोगों की बढ़ती समस्या के बीच, कटहल डायबिटीज रोगियों के लिए एक आशाजनक विकल्प बनकर उभरा है.

कटहल एक पर परागित फसल होने के कारण इसमें जैव विविधता अत्यधिक पाई जाती है. परंतु कुछ विशिष्ट किस्में शोध संस्थानों द्वारा चयनित की गई है जो बेहतर गुणवत्ता और अधिक उपज प्रदान करती है.

खजवा: जल्दी पकने वाला, ताजे फल के लिए उपयुक्त.
स्वर्ण मनोहर: छोटे आकार के वृक्ष में बड़े और अधिक फलों वाली, 300–550 किग्रा उपज/वृक्ष.
स्वर्ण पूर्ति: सब्जी के उपयोग हेतु उपयुक्त, छोटे आकार के फल (3–4 किग्रा), लंबी अवधि तक उपयोग योग्य. इन किस्मों के चयन से किसान बेहतर गुणवत्ता और अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं.

कटहल के फायदे
कटहल में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह फल अपनी अनूठी बनावट और स्वाद के साथ-साथ पोषण गुणों के कारण भी जाना जाता है. कटहल के बीज भी उबालकर या भूनकर खाए जाते हैं और प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं.

कटहल की खेती
कटहल मुख्य रूप से 25°C से 35°C तापमान पर और 1500–2500 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पनपता है. यह तटीय क्षेत्रों, मैदानी भागों और हल्की ढलान वाली पहाड़ियों में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. कटहल के पौधे बीज और वानस्पतिक विधियों (बडिंग व ग्राफ्टिंग) से तैयार किए जाते हैं. सफल ग्राफ्टिंग के लिए अक्टूबर-नवंबर और बडिंग के लिए फरवरी-मार्च उपयुक्त समय होता है.

रोग और कीट प्रबंधन
कटहल को प्रभावित करने वाले कीटों में फल मक्खी, एफिड्स और मीलीबग प्रमुख हैं. इनके नियंत्रण हेतु जैविक कीटनाशकों और फेरोमोन ट्रैप का उपयोग लाभकारी है. रोगों में झुलसा, पत्ती धब्बा और तना सड़न सामान्य हैं.

उत्पादन और संभावनाएं
कटहल का पेड़ 3–4 साल में फल देना प्रारंभ कर देता है। एक परिपक्व पेड़ से 50–250 फल/वर्ष तक प्राप्त होते हैं, जिनका वजन 5–30 किग्रा या इससे अधिक हो सकता है. यह उत्पादन किसानों की आर्थिक समृद्धि में सहायक हो सकता है. कटहल एक बहुपयोगी, औषधीय गुणों से युक्त और आर्थिक रूप से लाभकारी फल है. यह भारत में पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य लाभ और किसानों की आय बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है. आवश्यकता है कि किसान इसके संगठित उत्पादन, पौध गुणवत्ता, प्रसंस्करण और विपणन पर विशेष ध्यान दें.

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Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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डायबिटीज का डर खत्म, खूब खाओ यह सब्जी, डॉक्टर की नहीं पड़ेगी जरूरत!

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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