Wednesday, July 30, 2025
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ट्रम्प के एडवाइजरी बोर्ड में लश्कर का पूर्व आतंकी शामिल: 13 साल जेल में रहा; एक कट्टरपंथी को भी शामिल किया

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वॉशिंगटन3 घंटे पहले

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व्हाइट हाउस ने 1 मई को रिलीजियस लिबर्टी कमीशन का गठन किया था। - Dainik Bhaskar

व्हाइट हाउस ने 1 मई को रिलीजियस लिबर्टी कमीशन का गठन किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सरकारी आवास व्हाइट ने एक एडवाइजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स यानी एक सलाहकार समिति का गठन किया है। इस बोर्ड में लश्कर के पूर्व आतंकी इस्माइल रॉयर और कट्टरपंथी रहे शेख हमजा यूसुफ को शामिल किया गया है।

इस्माइल रॉयर आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों में 13 साल जेल की सजा काट चुका है।

ट्रम्प की करीबी सहयोगी रह चुकी लॉरा लूमर ने X पर इन नियुक्तियों को पागलपन बताया है। लॉरा ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि ये नियुक्तियां राष्ट्रपति ट्रम्प ने नहीं, बल्कि उनके कर्मचारियों ने किया है।

लॉरा लूमर ने X पर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के नोटिस की तस्वीर शेयर की। इसमें रॉयर को दोषी करार दिया गया था।

लॉरा लूमर ने X पर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के नोटिस की तस्वीर शेयर की। इसमें रॉयर को दोषी करार दिया गया था।

रॉयर ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी प्रशिक्षण लिया, 13 साल जेल में रहा

2003 में, अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने रॉयर पर आतंकवाद से जुड़े आरोप लगाए थे। इनमें अमेरिका के खिलाफ युद्ध की साजिश और 2003 में अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा को फिजिकल सपोर्ट मुहैया करना शामिल था।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस्माइल रॉयर ने 1992 में इस्लाम धर्म अपनाया था। इस्माइल का मूल नाम रेंडेल रॉयर था। 2000 में, उसने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया। इसी संगठन ने 2008 मुंबई हमले किए थे।

2001 के 9/11 हमले के बाद, रॉयर ‘वर्जीनिया जिहाद नेटवर्क’ का प्रमुख सदस्य बन गया था। इस नेटवर्क ने जिहाद के लिए पेंटबॉल ट्रेनिंग का आयोजन किया और तालिबान को समर्थन देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों में हथियारों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की।

2004 में रॉयर ने, विस्फोटकों के इस्तेमाल में सहायता और प्रोत्साहन देने का इल्जाम कबूल किया था। जिसके लिए उसे 20 साल की सजा मिली थी, लेकिन 13 साल बाद 2017 में उन्हें रिहा कर दिया गया।

व्हाइट हाउस ने 16 मई को अपनी वेबसाइट पर धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के नाम जारी किए थे। इसके बाद से विवादों का सिलसिला शुरू हो गया

व्हाइट हाउस ने 16 मई को अपनी वेबसाइट पर धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के नाम जारी किए थे। इसके बाद से विवादों का सिलसिला शुरू हो गया

व्हाइट हाउस ने 1 मई को रिलीजियस लिबर्टी कमीशन का गठन किया

व्हाइट हाउस ने 16 मई 2025 को बताया कि रिलीजियस लिबर्टी कमीशन का गठन 1 मई 2025 को किया गया था। टेक्सास के लेफ्टिनेंट गवर्नर डैन पैट्रिक इसके अध्यक्ष हैं, और डॉ. बेन कार्सन उपाध्यक्ष हैं।

कमीशन में तीन सलाहकार बोर्ड हैं: धार्मिक नेता, कानूनी विशेषज्ञ, और ले लीडर्स। रॉयर और यूसुफ को ले लीडर्स बोर्ड में नियुक्त किया गया है।

व्हाइट हाउस के अनुसार, रॉयर ने नॉन प्रोफिटेबल संगठनों के साथ काम किया और विभिन्न धर्मों के बीच शांति को बढ़ावा दिया।

इसके अलावा व्हाइट हाउस ने रॉयर के एक किताब “रिलीजियस वायलेंस टुडे: फेथ एंड कॉन्फ्लिक्ट इन द मॉडर्न वर्ल्ड” की बात की। इस किताब में रॉयर ने इस्लाम पर एक लेख सह-लिखा था।

व्हाइट हाउस के मुताबिक शेख हमजा को एक दशक तक लगातार 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में (पश्चिमी दुनिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामी विद्वान) के रूप में स्थान दिया गया था। पहले ट्रम्प प्रशासन के दौरान, शेख हमजा ने स्टेट डिपार्टमेंट कमीशन में काम किया था।

व्हाइट हाउस ने 16 मई को रिलीजियस लिबर्टी कमीशन के सदस्यों की लिस्ट जारी की। इसमें इस्माइल रॉयर का नाम शामिल है।

व्हाइट हाउस ने 16 मई को रिलीजियस लिबर्टी कमीशन के सदस्यों की लिस्ट जारी की। इसमें इस्माइल रॉयर का नाम शामिल है।

लॉरा लूमर- शेख हमजा का कॉलेज शरिया कानून सिखाता है

लॉरा लूमर ने बोर्ड के दूसरे नियुक्त सदस्य, शेख हमजा यूसुफ पर भी गंभीर आरोप लगाए। यूसुफ अमेरिका के पहले मान्यता प्राप्त मुस्लिम लिबरल आर्ट्स कॉलेज, जायतुना कॉलेज के सह-संस्थापक हैं।

इसके साथ ही शेख हमजा बर्कले के ग्रेजुएट थियोलॉजिकल यूनियन के सेंटर फॉर इस्लामिक स्टडीज में सलाहकार हैं। लूमर ने एक्स पर दावा किया कि यूसुफ एक जिहादी हैं, उनका मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास जैसे संगठनों से संबंध है।

लॉरा ने यह भी कहा कि जायतुना कॉलेज शरिया कानून सिखाता है। हालांकि, यूसुफ के खिलाफ आतंकवाद से संबंधित कोई ठोस सबूत या कानूनी कार्रवाई सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।

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