Sunday, June 15, 2025
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जानें अपने अधिकार- लोन चुकाने में देरी: रिकवरी एजेंट कर रहे परेशान, जानिए कहां और कैसे करें शिकायत, क्या है RBI की गाइडलाइंस


3 घंटे पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

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हम सभी कभी-न-कभी किसी जरूरत के लिए बैंक से लोन लेते हैं। सब कुछ ठीक चलता रहता है। लेकिन जिंदगी में कभी-कभी ऐसी मुश्किलें आ जाती हैं कि हम लोन की किस्त नहीं भर पाते हैं या समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं।

कुछ किस्त टूटते ही बैंक रिकवरी एजेंट्स के फोन आने लगते हैं। ये एजेंट्स कई बार गलत तरीके से बात करते हैं। गाली-गलौज और धमकियां देकर परेशान करते हैं। कई बार ये एजेंट्स घर के दरवाजे पर आकर बुरा बर्ताव करते हैं।

एक ओर जहां हम पहले से ही आर्थिक तनाव का सामना कर रहे होते हैं। ऐसे में इन एजेंट्स के दुर्व्यवहार से हम और परेशान हो जाते हैं। कई बार रिकवरी एजेंट्स हमारे घर, रिश्तेदारों या दोस्तों को फोन करके परेशान करते हैं, जिससे हमें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में आज हम ‘जानें अपने अधिकार’ कॉलम में जानेंगे कि-

  • लोन रिकवरी एजेंट्स परेशान करें तो क्या करें?
  • क्या इन एजेंट्स की शिकायत की जा सकती है?

सवाल- जब भी हम कोई लोन लेते हैं तो किन बातों का पालन करना हमारे लिए अनिवार्य है?

जवाब- अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो कुछ जरूरी बातों का हमेशा ध्यान रखें। इससे आप किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी में नहीं पड़ेंगे।

समय से किस्त चुकाना- इससे आप लेट पेमेंट और अतिरिक्त ब्याज से बचे रहेंगे।

बैंक को सूचित करना- अगर आप किसी आर्थिक परेशानी में हैं तो किस्त टूटने से पहले बैंक को सूचित करें।

चेक बाउंस न होना- अगर आपने बैंक में चेक दिया हुआ है और बैंक अकाउंट में पैसे नहीं हैं तो बैंक को सूचित करें।

बैंक को रजिस्ट्री की सूचना देना (होम लोन लेने पर)- अगर घर की रजिस्ट्री हो चुकी है तो बैंक को सूचना देना।

बैंक से फॉलो–अप लेना (होम लोन लेने पर)- बिल्डर से बैंक को पेपर मिले या नहीं, इस बारे में फॉलो अप लेना।

कम्युनिकेशन क्लियर रखना- बैंक से हमेशा ईमेल, लेटर या लिखित में बातचीत करें।

सवाल- अगर किन्हीं परिस्थितिगत कारणों से लोन की किस्त समय पर नहीं भर पा रहे हैं तो क्या करें?

जवाब- अगर आप किसी कारणवश लोन समय से नहीं चुका पा रहे हैं तो धैर्य रखें। चूंकि, बैंक ने लोन देते समय क्रेडिट स्कोर, इनकम प्रूफ जैसे सारे डाक्यूमेंट्स चेक किए थे। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

बैंक से बात करें- EMI की तारीख आने से पहले अपने बैंक से बात करें।

अपनी स्थिति स्पष्ट करें- बैंक को बताएं कि आपको क्या परेशानी आ रही है और आप EMI क्यों नहीं चुका सकते हैं।

बैंक से राहत मांगे- बैंक से किस्त टालने या लोन रिस्ट्रक्चर करने के लिए बात कर सकते हैं। इससे आपको कुछ किस्तों में राहत मिल सकती है या बैंक किस्त की रकम छोटी कर सकता है।

जरूरी डाक्यूमेंट्स साथ रखें- पिछली EMI पेमेंट्स के डाक्यूमेंट्स और लोन की डिटेल्स अपने साथ रखें।

सवाल- अगर आपने समय रहते बैंक को सूचित नहीं किया और बैंक से रिकवरी के लिए बार-बार फोन आ रहा है तो क्या करें?

जवाब- बैंक से फोन आए तो घबराएं नहीं। बात करें और उन्हें अपनी समस्या बताएं कि आप किस्त नहीं चुका सकते हैं और अभी लोन भरने की स्थिति में भी नहीं हैं।

ऐसे में आपसे पूछा जाता है कि आप कब तक पेमेंट कर सकते हैं। पेमेंट में और देरी होने पर बैंक लोन अकाउंट को रिकवरी में डाल देता है।

सवाल- अगर लोन बैंक द्वारा रिकवरी में डाल दिया गया है तो क्या करें?

जवाब- अगर बैंक ने आपके लोन को रिकवरी में डाल दिया है तो इसका मतलब है कि बैंक सामान्य प्रक्रिया के बजाय अन्य तरीकों से लोन वसूलने की कोशिश करेगा।

इसमें बैंक आपके लोन का केस रिकवरी एजेंसी को सौंप सकता है। एजेंसी के रिकवरी एजेंट्स कॉल, मैसेज या घर आकर पेमेंट की रिकवरी के लिए संपर्क करते हैं।

इस स्थिति में लोन रिकवरी एजेंट्स से बचने की बजाय उनसे शांति और समझदारी से बात करें। उन्हें बताएं कि आप लोन चुकाना चाहते हैं, लेकिन इस समय आप परेशानी में हैं।

इसके बाद आप अब भी अपने बैंक से बात कर सकते हैं। बैंक से EMI रीशेड्यूलिंग के लिए, कुछ महीनों के लिए EMI से मोहलत या लोन सेटलमेंट के लिए बात कर सकते हैं।

सवाल- लोन रिकवरी एजेंट्स परेशान करें तो क्या करना चाहिए?

जवाब- अगर रिकवरी एजेंट्स आपको परेशान कर रहे हैं तो सबसे पहले आप उनसे बात करें। उन्हें शांतिपूर्वक बताएं कि उनका तरीका RBI की गाइडलाइंस के खिलाफ है। आइए इन गाइडलाइंस को ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं।

सवाल- अगर रिकवरी एजेंट्स RBI की गाइडलाइंस या बैंक के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो कहां शिकायत करें?

जवाब- अगर रिकवरी एजेंट्स RBI की गाइडलाइंस या कानून का उल्लंघन करते हैं तो आपके पास रिकवरी एजेंट्स की शिकायत करने के कई विकल्प होते हैं। हालांकि, इससे पहले आपको उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करना चाहिए।

इसके लिए आप रिकवरी एजेंट्स की कॉल टाइमिंग के स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज, ईमेल और वॉट्सएप चैट जैसे रिकॉर्ड संभालकर रखें। घर या ऑफिस के बाहर की CCTV रिकॉर्डिंग मिले तो संभालकर रखें।

इसके बाद आप उनके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। आइए ग्राफिक के जरिए समझते हैं कि रिकवरी एजेंट्स के खिलाफ शिकायत कहां की जा सकती है।

सवाल- क्या रिकवरी एजेंट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है? अगर हां, तो किन परिस्थितियों में?

जवाब- अगर रिकवरी एजेंट्स नियमों को ताक पर रखकर आपको मानसिक रूप से परेशान करते हैं। आपकी मर्यादा को नुकसान पहुंचाते हैं तो आप उनके के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

रिकवरी एजेंट गाली-गलौज करें- भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 352 के तहत जानबूझकर अपमानित करने और शांति भंग करने के तहत कार्रवाई हो सकती है।

रिकवरी एजेंट जबरन घर में घुसे- BNS की धारा 331(1) के तहत यह आपराधिक अतिक्रमण माना जाएगा। इसमें गृह भेदन BNS की धारा 330(2) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।

रिकवरी एजेंट मारपीट करे- BNS की धारा 115(2) के तहत सामने वाले को जानबूझकर चोट पहुंचाने का मामला है। इसके अलावा BNS की धारा 131 के तहत बिना किसी उकसावे के हमला या आपराधिक बल प्रयोग करने पर भी कार्रवाई हो सकती है।

नोट: ऐसी किसी भी स्थिति में पुलिस को कॉल करें और FIR दर्ज करवाएं।

सवाल- अगर आपने लोन नहीं लिया और फिर भी रिकवरी एजेंट्स कॉल कर रहे हैं तो क्या करें?

जवाब- कई मामलों में रिकवरी एजेंट्स लोन लेने वाले व्यक्ति के रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन करके परेशान करने लगते हैं।

ऐसे किसी मामले में अगर आप गारंटर नहीं हैं, लेकिन आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार डिफॉल्ट कर रहा है, इसलिए आपको कॉल करके परेशान किया जा रहा है, तो आपको तुरंत बैंक और पुलिस से शिकायत करनी चाहिए।

सवाल- अगर आपने गलती से फर्जी एप से लोन ले लिया है तो अब क्या करना चाहिए?

जवाब- अगर आपने किसी फर्जी लोन एप से लोन ले लिया है और उसके बाद आपको धमकी दी जा रही है, ब्लैकमेलिंग, अनुचित ब्याज वसूली या आपके डिजिटल डेटा का दुरुपयोग हो रहा है, तो बिना देर किए तुरंत कानूनी कार्रवाई करें।

फोन या डिवाइस से डेटा चुराने या दुरुपयोग करने पर IT अधिनियम, 2000 की धारा 66E और 72 के तहत व्यक्तिगत जानकारी का गलत इस्तेमाल करने और गोपनीयता भंग करने की कार्रवाई हो सकती है।

गैरकानूनी एप से कर्ज देना

ऐसे एप्स RBI के दिशा-निर्देश के विरुद्ध काम करते हैं। यदि एप किसी मान्यता प्राप्त NBFC या बैंक से जुड़ा नहीं है या RBI से रजिस्टर्ड नहीं है, तो यह अवैध है।

FIR दर्ज कराएं- नजदीकी पुलिस स्टेशन में या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत करें।

साइबर क्राइम सेल को रिपोर्ट करें- यदि एप ने फोन डेटा का दुरुपयोग किया है तो साइबर क्राइम सेल को रिपोर्ट करें।

RBI को ईमेल करें- crpc@rbi.org.in पर फर्जी एप की शिकायत ईमेल लिखकर करें।

फोन से एप हटाएं और स्कैन करें- साथ ही फर्जी एप को दी गई सभी परमिशंस हटाएं और अनइंस्टॉल करके फोन को एंटीवायरस की मदद से स्कैन करें।

……

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