Thursday, July 31, 2025
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जरूरत की खबर- पैकेट वाला दूध उबालना फायदेमंद या नुकसानदायक: जानें पैकेट वाले दूध को उबालने का वैज्ञानिक पहलू, एक्सपर्ट्स की राय और सही तरीका

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7 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

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जो लोग ताजे गाय-भैंस के दूध पीकर पले-बढ़े हैं, उनके लिए बिना उबाले दूध पीना सोच पाना भी मुश्किल है। हालांकि अब शहरों में कच्चा दूध मिलना आसान नहीं है। ज्यादातर घरों में पॉली पैक वाला दूध इस्तेमाल हो रहा है। बहुत से लोग इसे उबालकर ही पीते हैं। वह मानते हैं कि ऐसा करना जरूरी है क्योंकि दूध में बैक्टीरिया हो सकते हैं। वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बाजार में मिलने वाला दूध पहले ही पाश्चराइजेशन (Pasteurization) प्रोसेस से गुजर चुका होता है, जो इसे बैक्टीरिया से मुक्त बनाता है। ऐसे में बार-बार उबालना न सिर्फ फालतू हो सकता है, बल्कि इससे दूध के जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी कम हो सकते हैं।

तो चलिए आज ‘जरूरत की खबर’ में जानेंगे कि क्या पॉली पैक वाला दूध उबालना सही है? साथ ही बात करेंगे कि-

  • क्या इससे न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं?
  • क्या बिना उबाले दूध पीना सेफ है?
  • डॉक्टर इस बारे में क्या सलाह देते हैं?

एक्सपर्ट:

डॉ. आर. एस. सोढ़ी, प्रेसिडेंट, इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA), पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर, अमूल

शुचिता शर्मा, डाइटीशियन, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, इंदौर

सवाल- पाश्चराइजेशन और UHT प्रोसेस दूध क्या होता है?

जवाब- पाश्चराइजेशन और अल्ट्रा हाई टेम्परेचर प्रोसेसिंग (UHT) दोनों ही दूध या अन्य लिक्विड फूड आइटम्स को सुरक्षित बनाने और उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने की दो मुख्य टेक्नीक हैं। आइए इन्हें समझते हैं।

पाश्चराइजेशन:

यह एक प्रोसेस है, जिसमें दूध को लगभग 71°C तापमान पर 15-20 सेकेंड तक गर्म किया जाता है और फिर तुरंत ठंडा किया जाता है। इसका उद्देश्य दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई.कोली, लिस्टेरिया और सैल्मोनेला को खत्म करना होता है। इससे दूध सुरक्षित हो जाता है, लेकिन इसे ठंडा करके और कुछ दिनों के भीतर इस्तेमाल करना होता है। आमतौर पर पॉलीपैक में मिलने वाला दूध खरीदते हैं, वह पाश्चराइज्ड होता है।

UHT प्रोसेस:

इस प्रोसेस में दूध को 135°C से ज्यादा तापमान पर 2 से 5 सेकेंड के लिए गर्म किया जाता है। यह सभी बैक्टीरिया और स्पोर्स को भी खत्म हो जाते हैं, जिससे दूध को बिना फ्रिज में रखे 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है, बशर्ते पैकिंग खुली न हो। टेट्रा पैक में मिलने वाला दूध UHT दूध होता है।

सवाल- क्या पैकेट वाले दूध को उबालना जरूरी है?

जवाब- डाइटीशियन शुचिता शर्मा बताती हैं कि अगर आप दूध वाले से सीधे गाय या भैंस का दूध लेते हैं, तो उसे जरूर उबालना चाहिए। उसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

लेकिन जो दूध पैकेट में मिलता है (जैसे टेट्रा पैक या पैकेट वाला), वो पहले से ही बहुत गर्म करके साफ किया गया होता है। इसे पाश्चराइज्ड (pasteurized) कहते हैं। इसका मतलब ये दूध पीने के लिए पहले से ही सुरक्षित होता है।

ऐसे दूध को बार-बार या बहुत देर तक उबालने से इसमें मौजूद जरूरी न्यूट्रिएंट्स कम हो सकते हैं। इसलिए पॉली पैक दूध को उबालने की जरूरत नहीं है। इसे बस हल्का सा गर्म करना काफी है।

सवाल- क्या UHT दूध को उबालना जरूरी है?

जवाब- UHT दूध, जो टेट्रा पैक में आता है, उसे पहले ही 135 डिग्री सेल्सियस तक कुछ सेकेंड के लिए बहुत तेज गर्म किया जाता है और फिर एकदम साफ पैकिंग में बंद किया जाता है। इस प्रोसेस में सारे हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।

इसका मतलब है कि ये दूध पूरी तरह से सुरक्षित होता है और आप इसे सीधे पैक से पी सकते हैं। इसे उबालने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि अगर आपको गर्म दूध पसंद है तो हल्का गर्म कर सकते हैं, लेकिन ये सिर्फ आपकी पसंद पर निर्भर करता है।

सवाल- टोंड, डबल टोंड, फुल क्रीम दूध क्या इनके उबालने की जरूरत अलग-अलग होती है?

जवाब- ये तीनों अलग-अलग तरह के दूध होते हैं, जिनमें दूध का फैट (मलाई) अलग होता है।

  • टोंड दूध में सबसे कम मलाई होती है।
  • डबल टोंड दूध में मलाई थोड़ी ज्यादा होती है।
  • फुल क्रीम दूध में मलाई सबसे ज्यादा होती है।

ये सभी दूध पाश्चराइज्ड होते हैं। इसलिए चाहे टोंड हो, डबल टोंड हो या फुल क्रीम, इन्हें उबालने की जरूरत एक जैसी ही होती है, फर्क सिर्फ दूध की मलाई का होता है।

सवाल-बार-बार दूध उबालने से क्या उसका पोषण और ताजगी पर असर पड़ता है?

जवाब- दूध को बार-बार उबालने से उसका पोषण थोड़ा कम हो सकता है। खासकर कुछ ऐसे विटामिन जो गर्मी में जल्दी खराब हो जाते हैं। जैसे विटामिन B1, B2 (राइबोफ्लेविन), B3, B6 और फोलिक एसिड। इनकी मात्रा उबालने से घट सकती है और राइबोफ्लेविन तो दूध की एनर्जी देने वाली खास चीज होती है। इसके अलावा उबालने से दूध के कुछ प्रोटीन बदल जाते हैं और उसका फैट थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन कुल कैल्शियम या फैट की मात्रा ज्यादा नहीं बदलती है। अगर बार-बार उबालें तो दूध जल्दी खराब भी हो सकता है क्योंकि उसकी शेल्फ लाइफ कम हो जाती है। इसलिए जरूरी हो तो एक बार हल्का गर्म करें, लेकिन बार-बार उबालने से बचें।

सवाल- पैकेट खोलने के बाद दूध को कितने समय में पी लेना चाहिए?

जवाब- गर्मी के मौसम में दूध का पैकेट खोलने के बाद उसे 3 से 4 दिन के अंदर पी लेना चाहिए। इस दौरान दूध को हमेशा फ्रिज में 4°C या उससे कम तापमान पर रखना जरूरी है, ताकि वह खराब न हो।

हालांकि दूध पीने से पहले एक बार जरूर चेक कर लें। अगर उसमें खटास की बदबू आए तो उसे बिल्कुल न पिएं।

सवाल- क्या पैकेट वाला दूध भी ‘गंदा’ हो सकता है?

जवाब- अगर पैकेट वाला दूध सही तरीके से बनाया, पैक किया और ठंडा रखा है तो वह आमतौर पर साफ और सुरक्षित होता है। लेकिन अगर दूध का पैकेट खुला छोड़ दिया जाए या ठीक से फ्रिज में न रखा जाए तो उसमें तेजी से बैक्टीरिया हो सकते हैं। गर्मियों में यह खतरा अधिक तेजी से बढ़ जाता है। इसलिए दूध को हमेशा सील बंद पैकेट में रखें और सही तापमान पर स्टोर करें।

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