Monday, June 16, 2025
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जरूरत की खबर- कोविड के बाद बढ़ रहे हेपेटाइटिस केसेज: इसके लक्षणों को लेकर रहें सचेत, आसपास बीमारी फैले तो बरतें 8 सावधानियां


11 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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केरल में हेपेटाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केरल का त्रिशूर जिला इसके संक्रमण का केंद्र बन गया है, जहां मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि स्थानीय लोग घबरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

इस साल अप्रैल के अंत तक केरल में हेपेटाइटिस के 3,227 मामले सामने आए हैं और 16 मौतें हो चुकी हैं। इसमें एर्नाकुलम, मलप्पुरम और कोझिकोड सबसे ज्यादा प्रभावित जिले रहे हैं। अब त्रिशूर संक्रमण का नया केंद्र बन गया है। पिछले साल केरल में हेपेटाइटिस-A के 7,943 मामले दर्ज हुए थे और 81 लोगों की मौत हुई थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, किसी संक्रमण से होने वाली मौतों के लिए ट्यूबरकुलोसिस के बाद हेपेटाइटिस दूसरी सबसे बड़ी वजह है। इससे हर साल लगभग 13 लाख लोगों की मौत होती है। इसका मतलब है कि हेपेटाइटिस से दुनिया में हर दिन लगभग 3500 लोगों की मौत होती है। केरल में अचानक तेजी से बढ़ रहे मामले चिंता का विषय बन गए हैं।

इसलिए ‘जरूरत की खबर’ में आज हेपेटाइटिस की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • हेपेटाइटिस के क्या लक्षण हैं?
  • इसका संक्रमण कैसे फैलता है?
  • इसका इलाज क्या है और बचाव के उपाय क्या हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. मोनिका जैन, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली

सवाल: हेपेटाइटिस क्या होता है और कितने तरह का होता है?

जवाब: हेपेटाइटिस लिवर में होने वाला इंफ्लेमेशन है, जो वायरस, टॉक्सिन्स या ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण होता है। इंफ्लेमेशन हमारे शरीर का इंफेक्शन या इंजरी के प्रति रिस्पॉन्स है। यह एक गंभीर कंडीशन है, जिससे लिवर को काफी नुकसान हो सकता है।

आमतौर पर हेपेटाइटिस 2 तरह का होता है:

1. एक्यूट: यह अल्पकालिक होता है, जो लगभग 6 महीने में ठीक हो सकता है।

2. क्रॉनिक: यह लंबे समय तक बना रहता है।

इसके अलावा इसे 5 और तरह से बांटा जाता है, हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E।

सवाल: हेपेटाइटिस के लक्षण क्या हैं?

जवाब: हेपेटाइटिस के कारण शुरुआत में थकान, पेट के दाहिनी ओर दर्द, भूख न लगना, दस्त और हल्के बुखार जैसे लक्षण दिख सकते हैं। क्रॉनिक हेपेटाइटिस में लक्षण गंभीर हो सकते हैं। सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए-

सवाल: हेपेटाइटिस किन कारणों से फैलता है?

जवाब: हेपेटाइटिस अलग-अलग तरीकों से फैलता है। हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन या गंदे पानी के कारण फैल सकता है। जबकि, हेपेटाइटिस B और C खून के संपर्क से जैसे नीडल शेयर करने से, अनसेफ सेक्स से या जन्म के दौरान मां से बच्चे में फैल सकता है। हेपेटाइटिस D तब होता है, जब किसी को पहले से हेपेटाइटिस B है, क्योंकि इसे B वायरस की जरूरत होती है।

सवाल: गर्मी और बरसात में हेपेटाइटिस के मामले क्यों बढ़ जाते हैं?

जवाब: गर्मी और बरसात में हेपेटाइटिस A और E के मामले इसलिए बढ़ जाते हैं, क्योंकि गर्मियों में साफ पीने के पानी की समस्या हो जाती है। खाना जल्दी खराब हो जाता है। असल में गर्म मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, खासकर गंदगी वाले स्ट्रीट फूड या दूषित पानी में ये और तेजी से पनप सकते हैं। पानी की कमी या खराब जल आपूर्ति से भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए गर्मियों में साफ पानी पीना और स्वच्छ भोजन करना बहुत जरूरी है।

सवाल: क्या सभी तरह के हेपेटाइटिस खतरनाक होते हैं?

जवाब: सभी तरह के हेपेटाइटिस खतरनाक नहीं होते हैं, जबकि कुछ गंभीर हो सकते हैं। हेपेटाइटिस A आमतौर पर हल्का होता है और अक्सर सामान्य इलाज से ही ठीक हो जाता है। हेपेटाइटिस B और C क्रॉनिक हो सकते हैं, जिससे सिरोसिस, लिवर कैंसर या लिवर फेल्योर का खतरा हो सकता है। हेपेटाइटिस D और E भी गंभीर हो सकते हैं, खासतौर पर जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है। टॉक्सिक और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सही समय पर इलाज और देखभाल से जोखिम कम किया जा सकता है।

सवाल: क्या हेपेटाइटिस का इलाज संभव है?

जवाब: हां, हेपेटाइटिस का इलाज संभव है, लेकिन यह हेपेटाइटिस के प्रकार पर निर्भर करता है। हेपेटाइटिस A का इलाज आसानाी से हो सकता है। हेपेटाइटिस C को डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल दवाओं से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। हेपेटाइटिस B का क्रॉनिक रूप पूरी तरह ठीक नहीं होता है, लेकिन एंटीवायरल दवाओं से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। अगर टॉक्सिक हेपेटाइटिस है तो इलाज के साथ शराब या टॉक्सिन्स से बचना जरूरी है। इनके गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।

सवाल: क्या हेपेटाइटिस से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं?

जवाब: हां, हेपेटाइटिस A और B से बचाव के लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं। ये वैक्सीन बच्चों और वयस्कों को दी जा सकती हैं। इसकी वैक्सीन उन लोगों को जरूर लगवानी चाहिए, जिन्हें इसका जोखिम ज्यादा रहता है, जैसे कोई स्वास्थ्यकर्मी है। हेपेटाइटिस C, D, और E के लिए अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। वैक्सीनेशन के साथ-साथ स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे साफ पानी पीना और सेफ सेक्स का ध्यान रखें। अपने डॉक्टर से कंसल्ट करके वैक्सीनेशन शेड्यूल कर सकते हैं और जरूरतों के बारे में जानकारी ले सकते हैं, ताकि आप सुरक्षित रहें।

सवाल: क्या हेपेटाइटिस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे को फैल सकता है?

जवाब: हां, कुछ तरह के हेपेटाइटिस संक्रामक होते हैं। हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन या पानी से फैल सकते हैं। हेपेटाइटिस B और C खून, अनसेफ सेक्स या शेयर्ड नीडल के जरिए फैलते हैं। हेपेटाइटिस B जन्म के दौरान मां से बच्चे में भी जा सकता है।

सवाल: साफ पानी न मिलने पर संक्रमण से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब: गर्मियों में और बरसात के दिनों में अक्सर पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध नहीं होता है। इसलिए साफ पानी न मिलने पर गर्मियों में हेपेटाइटिस A और E का खतरा बढ़ जाता है। अगर हेपेटाइटिस फैल रहा है या पानी दूषित है तो जरूरी सावधानियां बरतें-

सवाल: हेपेटाइटिस से क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?

जवाब: अगर हेपेटाइटिस बहुत लंबे समय तक बना रहे या संक्रमण बहुत गंभीर हो जाए तो यह कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:

सिरोसिस- यह लिवर में होने वाला घाव या स्कार होता है। अगर लिवर में बार-बार डैमेज हो रहा है और खुद इसे रीजनरेट करके ठीक करने की कोशिश करता है, तो उसमें निशान यानी घाव बन जाते हैं। यह एक गंभीर लिवर प्रॉब्लम है।

लिवर कैंसर- हैपेटाइटिस B और C वायरस से होने वाली सिरोसिस से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह लिवर कैंसर का सबसे कॉमन प्रकार है। लगभग आधे केस इन्हीं वायरस के कारण होते हैं।

लिवर फेल्योर- जब लिवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है तो उसे लिवर फेल्योर कहते हैं। अगर वायरल हेपेटाइटिस तेजी से लिवर को नुकसान पहुंचा रहा है, तो यह कभी यह अचानक से फेल हो सकता है। लंबे समय तक सिरोसिस रहने से भी ऐसा हो सकता है।

पोर्टल हाईपरटेंशन- जब सिरोसिस के कारण लिवर में ब्लड सप्लाई करने वाली मुख्य नसों में रुकावट आ जाती है तो खून का दबाव बढ़ जाता है। इसे पोर्टल हाईपरटेंशन कहते हैं।

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