Wednesday, June 25, 2025
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जरूरत की खबर- ऑनलाइन खरीदी दवा से युवक की मौत: वेबसाइट से दवाई खरीदते हुए सावधान, ऑर्डर करने से पहले चेक करें ये 8 चीजें


4 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

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ऑनलाइन शॉपिंग ने जिंदगी को पहले से कहीं आसान बना दिया है। अब सिर्फ कपड़े, ग्रॉसरी या गैजेट्स ही नहीं, बल्कि दवाएं भी कुछ क्लिक पर घर पहुंच जाती हैं। हालांकि ये सहूलियत तभी तक फायदेमंद है, जब तक आप सतर्क हैं। एक गलत दवा न सिर्फ आपकी सेहत बिगाड़ सकती है, बल्कि जानलेवा भी हो सकती है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत में एक युवक की ऑनलाइन मंगवाई गई दवा खाने से मौत हो गई। युवक ने वजन कम करने की दवा मंगवाई थी, जिससे उसकी किडनी फेल हो गई। यह मामला चौंकाने वाला था, जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऑनलाइन दवाएं खरीदना कितना सही है।

तो चलिए, जरूरत की खबर में आज बात करेंगे कि ऑनलाइन दवाएं मंगवाना कितना सेफ है? साथ ही जानेंगे कि-

  • ऑनलाइन दवा मंगवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  • डॉक्टर की प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन ही ऑनलाइन क्यों खरीदनी चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. कपिल आडवाणी, क्लिनिकल फार्मासिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई

सवाल- ऑनलाइन दवाएं खरीदना कितना सेफ है?

जवाब- डॉ. कपिल आडवाणी बताते हैं कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म से दवाएं खरीद रहे हैं और कितनी सतर्कता बरत रहे हैं। किसी भी दवा को खरीदने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना और प्रमाणित ऑनलाइन फार्मेसी से ही ऑर्डर करना जरूरी है। खासकर वे दवाएं, जिनमें डोज का थोड़ा सा फर्क भी जानलेवा हो।

सवाल- ऑनलाइन दवा मंगवाते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- ऑनलाइन दवा मंगवाना आज के दौर में सुविधाजनक जरूर है, लेकिन इसके साथ सतर्क रहना भी उतना ही जरूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार दवा मंगवाते समय ग्राफिक में दी गई इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

सवाल- असली ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियां दवा देने से पहले क्या मांगती हैं?

जवाब- डॉ. कपिल आडवाणी बताते हैं कि सही और लाइसेंस प्राप्त फार्मेसी कंपनियां कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के गंभीर दवाएं नहीं बेचतीं हैं। उनका एक सख्त प्रोसेस होता है, जिसमें मरीज की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। नीचे दिए ग्राफिक से जानिए कि असली और जिम्मेदार ऑनलाइन फार्मेसी दवा देने से पहले आपसे क्या-क्या मांगेगी और क्या उसका तरीका होता है।

सवाल- अगर ऑनलाइन मंगाई गई दवा से रिएक्शन हो जाए तो क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

जवाब- अगर दवा से नुकसान हुआ है या आपको लगता हो कि दवा के साथ छेड़छाड़ की गई है तो आप ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी या स्वास्थ्य विभाग में शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। कुछ भरोसेमंद प्लेटफॉर्म अब दवा की सारी डिटेल्स ऑनलाइन भी दिखाने लगे हैं, लेकिन यह सुविधा अभी हर जगह उपलब्ध नहीं है। इसलिए हमेशा पैकेट की जांच जरूर करें और सावधानी बरतें।

सवाल- क्या भारत में ऑनलाइन फार्मेसी के लिए कोई रेगुलेशन या नियम हैं?

जवाब- भारत में ऑनलाइन फार्मेसी के लिए अभी तक कोई स्पष्ट और अलग कानून पूरी तरह लागू नहीं हुआ है। हालांकि मौजूदा कानून जैसे Drugs and Cosmetics Act, 1940 और IT Act, 2000 के तहत इन्हें नियंत्रित किया जाता है।

2018 में सरकार ने Draft E-Pharmacy Rules जारी किए थे, लेकिन ये अब तक लागू नहीं हुए हैं। इस बीच कुछ अदालतों में ई-फार्मेसी के खिलाफ मामले भी आए, जिनमें कहा गया कि बिना लाइसेंस दवा बेचना कानून का उल्लंघन है।

सरकार और ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी (CDSCO) अब इस क्षेत्र के लिए एक साफ और मजबूत कानून लाने की तैयारी में हैं, ताकि फर्जी प्रिस्क्रिप्शन, अनियमित बिक्री और ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा तय की जा सके।

सवाल- कैसे सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन मंगवाई दवा की पैकिंग सही और सील्ड है?

जवाब- ऑनलाइन दवा मंगवाना अब आम बात हो गई है, लेकिन दवा की सुरक्षा और प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसकी पैकिंग सही है या नहीं। अगर दवा की सील टूटी हुई है या पैकिंग खराब है तो उसके अंदर की दवा नकली, एक्सपायर या खराब हो सकती है। इससे सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि दवा मिलने के बाद सबसे पहले उसकी पैकिंग और सील की जांच की जाए। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें।

  • पैकेट या बॉक्स खुला हुआ न हो। अगर पैकेट पर टेप दोबारा चिपकाया गया हो या कोई छेड़छाड़ नजर आए तो सतर्क हो जाएं।
  • दवा की बोतल या स्ट्रिप पर ऐसी सील होनी चाहिए, जो टूटने पर साफ नजर आए कि छेड़छाड़ हुई है।
  • पैक पर कंपनी का नाम, दवा का नाम, बैच नंबर, निर्माण और समाप्ति तिथि साफ-साफ दर्ज होनी चाहिए।
  • जो दवा आपने ऑर्डर की थी, वह ही आई है या नहीं, इसकी पुष्टि करें।
  • शीशी या कांच वाली दवाओं के लिए पैकेजिंग के अंदर बबल रैप या कुशनिंग जरूर हो।
  • संभव हो तो डिलीवरी बॉय के सामने चेक करें। पैकेट वहीं खोलें और यदि कुछ गलत लगे तो तुरंत रिटर्न करें।

…………

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