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India Pakistan OIC Meeting: भारत ने ओआईसी की भारत-विरोधी टिप्पणियों को अनुचित और तथ्यहीन बताया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और ओआईसी को पाकिस्तान के प्रभाव में आकर टिप्पणी नही…और पढ़ें
ओआईसी में तुर्की, पाकिस्तान सहित 48 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं.
हाइलाइट्स
- भारत ने ओआईसी की भारत-विरोधी टिप्पणियों को अनुचित बताया.
- विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.
- ओआईसी में 48 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं.
नई दिल्ली. भारत ने सोमवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की ओर से की गई भारत-विरोधी टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हुए उसे “अनुचित और तथ्यहीन” बताया. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है, खासकर जम्मू-कश्मीर के मामले में. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, “ये टिप्पणियां पाकिस्तान द्वारा प्रेरित हैं, जिसने आतंकवाद को अपनी राजनयिक नीति का हिस्सा बना लिया है. यह ओआईसी मंच का संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए निरंतर दुरुपयोग है.”
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा
विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा, “जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और संप्रभु हिस्सा है. यह भारत के संविधान में दर्ज है. ओआईसी को पाकिस्तान के प्रचार के प्रभाव में आकर अपने एजेंडे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, वरना इसकी विश्वसनीयता और प्रासंगिकता को गहरी क्षति पहुंचेगी.” विदेश मंत्रालय ने ओआईसी बैठक में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए “बेसिर-पैर के आरोपों” को भी खारिज किया और कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा दुनिया का ध्यान अपने यहां प्रायोजित आतंकवाद, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, और सांप्रदायिक हिंसा से भटकाने की नाकाम कोशिश है.
भारत ने कहा, “पाकिस्तान द्वारा लगाए गए ‘अकारण और अनुचित सैन्य आक्रामकता’ के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक वैध और सटीक आत्मरक्षा की कार्रवाई थी, जो पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकवादी शिविरों के विरुद्ध की गई थी.” भारत का कहना है कि यह हास्यास्पद है कि पाकिस्तान सिर्फ भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की बात करता है, जबकि उसके जवाबी हमले विफल रहे और उन्होंने आम नागरिकों की जान और संपत्ति को खतरे में डाला, जिसमें कई नागरिक हताहत हुए.
बता दें कि ओआईसी खुद को मुस्लिम जगत की सामूहिक आवाज कहता है. यह समूह दुनिया में मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए कार्य करता है. हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि ओआईसी को पाकिस्तान जैसे देशों का उपकरण नहीं बनना चाहिए, जो अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे के तहत भारत के खिलाफ झूठे और पक्षपाती प्रस्ताव पारित कराते हैं.
ओआईसी में 48 मुस्लिम देश
बता दें कि इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) 1969 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र के बाद चार महाद्वीपों में फैले 57 राज्यों की सदस्यता वाला दूसरा सबसे बड़ा संगठन है. इसमें 48 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं. संगठन के अनुसार यह ‘मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज है’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम दुनिया के हितों की रक्षा और सुरक्षा’ करने के लिए काम करता है. इसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा में स्थित है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें