China Hypersonic Technology: चीन ने बीते कुछ वर्षों में सैन्य तकनीक के क्षेत्र में बेहद तेज़ी से प्रगति की है. अब उसके पास ऐसे अत्याधुनिक हथियार हैं जो कुछ ही सेकंड में किसी भी पड़ोसी देश में भारी तबाही मचा सकते हैं. इनमें से एक तकनीक है, हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम. इस तकनीक ने न केवल अमेरिका को चौंकाया है बल्कि भारत सहित चीन के सभी पड़ोसी देशों को सतर्क कर दिया है.
क्या होती है हाइपरसोनिक वेपन तकनीक?
हाइपरसोनिक हथियार वे होते हैं जो ध्वनि की गति से पाँच गुना या उससे भी अधिक तेज़ होते हैं (Mach 5+). चीन ने DF-17 नाम की एक हाइपरसोनिक ग्लाइड मिसाइल विकसित की है, जो अपने लक्ष्य तक पहुँचने में इतना कम समय लेती है कि मौजूदा एंटी-मिसाइल सिस्टम उसे ट्रैक भी नहीं कर पाते. इसका मतलब है कि किसी भी हमले से पहले चेतावनी देना या उससे बचाव करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
कैसे फैलता है इससे खतरा?
चीन का DF-17 सिस्टम परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. अगर ये मिसाइल भारत जैसे देश के किसी बड़े शहर को निशाना बनाए तो महज़ कुछ ही सेकंड में भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, चीन के पास एआई आधारित ड्रोन स्वार्म, साइबर अटैक तकनीक और लेज़र हथियार भी हैं जो किसी भी देश की संप्रभुता को चुनौती दे सकते हैं.
क्या भारत को है खतरा?
सीधे तौर पर देखा जाए तो भारत के लिए ये तकनीक चिंता का विषय है. चीन और भारत के बीच सीमा विवाद पहले से ही तनावपूर्ण हैं. ऐसे में अगर चीन अपने इन हथियारों का इस्तेमाल मनोवैज्ञानिक दबाव या सैन्य श्रेष्ठता दिखाने के लिए करता है, तो यह दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा कर सकता है.
भारत की तैयारी
हालांकि भारत भी हथियारों की नई तकनीकों पर काम कर रहा है. डीआरडीओ हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) पर रिसर्च कर चुका है जो भविष्य में भारत के लिए एक जवाबी ताकत बन सकता है. साथ ही, भारत की मिसाइल डिफेंस प्रणाली लगातार मजबूत हो रही है. चीन की यह नई वेपन तकनीक निश्चित रूप से क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकती है.
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