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AI171 Crash: एयर इंडिया विमान हादसे में 241 यात्रियों और 40 मेडिकल छात्रों की मौत हुई. व्हिसलब्लोअर ने DGCA पर सेफ्टी वॉर्निंग्स नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. दो क्रू मेंबर्स को नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया, क्…और पढ़ें
एयर इंडिया ने इस पूरे मामले को दबा दिया. (File Photo)
हाइलाइट्स
- एयर इंडिया विमान हादसे में 281 लोगों की मौत हुई.
- व्हिसलब्लोअर ने DGCA पर सेफ्टी वॉर्निंग्स नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
- सेफ्टी लैप्सेस उठाने पर दो क्रू मेंबर्स को नौकरी से निकाला गया.
अहमदाबाद: पिछले सप्ताह एयर इंडिया का विमान अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भरते वक्त एयरपोर्ट से दो किलोमीटर दूर दुर्घटना का शिकार हो गया. इस हादसे में ना सिर्फ विमान में सवार 241 पैसेजर्स मारे गए, बल्कि जहां यह जहाज गिरा वहां मेडिकल स्टूडेंट के हॉस्टल में मौजूद करीब 40 लोग भी मारे गए. इस मामले में अब एक व्हिसलब्लोअर का बड़ा खुलासा किया है. CNN न्यूज 18 ने एयर इंडिया के दो पूर्व कैबिन क्रू मेंबर्स से बात की, जिन्होंने दावा किया कि अगर DGCA यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने उनकी वॉर्निंग्स को सीरियसली लिया होता तो AI171 Crash हादसे को टाला जा सकता था. इन क्रू मेंबर्स को AI171 अहमदाबाद प्लेन क्रैश से जुड़े सेफ्टी लैप्सेस को उठाने के लिए नौकरी से निकाला दिया गया था.
कहा गया कि 14 मई 2024 को VT-ANQ फ्लाइट (मुंबई-लंदन) में डोर L4 का स्लाइड राफ्ट मैनुअल मोड में खुल गया था, जिसकी पुष्टि पायलट और इनचार्ज ने लिखित में की थी. उन्होंने Complaint No. 65682/2024 को 22 जुलाई 2024 को सेंट्रल विजिलेंस कमीशन में फाइल किया था, लेकिन DGCA ने इसे सिर्फ “इनफॉर्मल डिस्कशन” तक सीमित रखा. आरोप है कि इसपर कोई औपचारिक जांच नहीं बैठाई गई. क्रू का आरोप है कि एयर इंडिया मैनेजमेंट और DGCA ने B787/8 ड्रीमलाइनर की टेक्निकल प्रॉब्लम्स की कई शिकायतें दबा दीं, जो अहमदाबाद प्लेन क्रैश जैसे हादसे की बड़ी वजह बनीं.
व्हिसलब्लोअर का दावा है कि 14 मई 2024 की घटना में उन पर स्टेटमेंट बदलने का प्रेशर डाला गया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बिना प्रॉपर इंक्वायरी के उन्हें 48 घंटे में नौकरी से निकाल दिया गया. उन्होंने इसे अपने कॉन्स्टीट्यूशनल राइट्स (आर्टिकल 14 और 21) के उल्लंघन का मामला बताया. दूसरी क्रू और कैप्टन्स की गवाहियां भी नजरअंदाज की गईं.
दावा है कि सितंबर 2024 में DGCA की इनफॉर्मल मीटिंग के बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं आई, जो सवाल खड़े करती है. यह खुलासा बताता है कि सेफ्टी वॉर्निंग्स को अनदेखा करना कितना खतरनाक हो सकता है. अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों का दर्द और गुस्सा साफ नजर आता है. ये लोग DGCA और एयर इंडिया के काम करने के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं. क्या उनकी लापरवाही ने इतनी जिंदगियां छीन ली?

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें