India Pakistan Ceasefire: भारत पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले सीजफायर की जानकारी दी थी. वॉशिंगटन में एक पाकिस्तानी पत्रकार को अमेरिका ने उस समय चुप करा दिया जब उन्होंने ये पूछने की कोशिश कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव कम करने की बातचीत का विरोध किया.
अमेरिकी विदेश विभाग की ब्रीफिंग में मंगलवार को पाकिस्तानी पत्रकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति के मसीहा के रूप में पेश किया, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की मध्यस्थता की थी और दावा किया कि तथाकथित प्रयासों का भारत ने स्वागत नहीं किया.
‘राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है’
रिपोर्टर ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट से कहा कि पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया है और उनका मानना है कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित कर देते हैं तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है. साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रयास का स्वागत नहीं किया है. क्या नरेंद्र मोदी का इस शांति समझौते का स्वागत न करने का रवैया आपको निराश करता है?
‘हमारा ध्यान युद्ध विराम पर है’
अमेरिकी अधिकारी ने उनके आरोपों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि अमेरिका का ध्यान युद्ध विराम पर है. यही देखकर हमें खुशी हो रही है. हमारा ध्यान इसी पर है और हम युद्ध विराम को कायम रखना चाहते हैं. हम सीधे संवाद को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. हमारा ध्यान यहीं है, हमारा ध्यान युद्ध विराम पर है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को सीधा संवाद बनाए रखना चाहिए और उन्होंने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों से शांति का रास्ता चुनने की अपील की.
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