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जब घर में बच्चा पैदा होता है और कपल्स मम्मी-पापा बनते हैं तो दोनों की जिंदगी भी बदल जाती है. बच्चे के लिए मां और पिता दोनों जरूरी हैं. एक बच्चा अपने पिता को सेहतमंद बनाने में बहुत मदद करता है.
बच्चों के साथ पिता का इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है (Image-Canva)
हाइलाइट्स
- बच्चे पिता को एक्टिव रखते हैं और उनकी सेहत सुधारते हैं.
- बच्चों के साथ खेलने से पिता का तनाव कम होता है.
- बच्चे पिता को हेल्दी रूटीन अपनाने में मदद करते हैं.
How kids makes father healthy: ‘पापा’ जब यह शब्द एक बच्चे के मुंह से पहली बार निकलता है तो आदमी को खुशी का ठिकाना नहीं रहता. पुरुष भी इमोशनल होते हैं लेकिन वह जाहिर नहीं करते. एक पिता अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए अपनी ख्वाहिशों की कुर्बानी दे देता है. वह अपने बच्चे के लिए अपनी आदतें को भी बदल लेता है. वहीं बच्चा भी अपने पिता को मेंटली और फिजिकली फिट रखने में बहुत बड़ा रोल निभाता है. फादर्स डे के मौके पर जानते हैं कि यह रिश्ता कैसे सेहत को प्रभावित करता है.
बच्चा संभालना बच्चों का खेल नहीं है. बच्चों के अंदर बहुत एनर्जी होती है और वह चाहते हैं कि कोई उनके साथ हमेशा खेलता रहे, उनके पीछे दौड़े, उन्हें बाहर घुमाने लेकर जाएं. जब उन्हें घर पर पापा दिखते हैं तो वह चुप नहीं बैठते. पापा पर कूदते हैं, उनके साथ खेलने की जिद करते हैं. पिता भी बच्चों को निराश नहीं करते. कभी उनका घोड़ा बनते हैं तो कभी झूला. जो पिता अपने बच्चों के साथ खेलते हैं, उन्हें बाहर घुमाने लेकर जाते हैं, उनकी कैलोरीज एक्सरसाइज जितनी ही बर्न होती हैं. इससे उनकी दिल की सेहत दुरुस्त रहती है, वजन कंट्रोल रहता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर बनता है.
तनाव रहता है दूर
मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि एक पिता की जिंदगी में स्ट्रेस बहुत होता है. वह ऑफिस के वर्कलोड से परेशान होते हैं. वहीं घर का खर्चा चलाने का बोझ, बच्चों की अच्छी परवरिश, पत्नी और बूढ़े माता-पिता की जिम्मेदारी समेत कई चीजें उनके दिमाग में हमेशा घूमती रहती हैं. जिससे उनके शरीर में कॉर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है. ऐसे में बच्चे उनके चेहरे की खुशी बनते हैं. उनकी मासूम बातें, हंसी-मजाक और खेलना उनकी बॉडी से कॉर्टिसोल को कम करके हैप्पी हार्मोन्स को बढ़ाता है जिससे तनाव छूमंतर हो जाता है.

पिता बच्चों के साथ पॉजिटिव महसूस करते हैं (Image-Canva)
जिन पुरुषों के बच्चे होते हैं, उनका शेड्यूल पूरी तरह से बदल जाता है. जो व्यक्ति सुबह 10 बजे नहीं उठता था, बच्चा होने के बाद वह सुबह 6 बजे ही उठ जाता है. बच्चों का स्कूल का टाइम उन्हें हेल्दी रूटीन अपनाने में मदद करता है. दरअसल बच्चे हर चीज अपने मम्मी-पापा से सीखते हैं. ऐसे में पिता कोशिश करते हैं कि वह सुबह जल्दी उठें ताकि उन्हें देख बच्चे भी जल्दी उठें. वह बच्चों की खातिर हेल्दी चीजें खाते हैं. एक्सरसाइज, स्विमिंग, साइक्लिंग जैसे एक्टिविटी करते हैं ताकि बच्चे उन्हें देखकर मोटिवेट हों.
अच्छी आदतों को अपनाते हैं
एक पिता कभी नहीं चाहता कि उनका बच्चा बिगड़ा हुआ इंसान बने. वह अपने बच्चे को हमेशा अच्छी चीजें सिखाना चाहते हैं. ऐसे में वह अपनी बुरी आदतों को छोड़ने की कोशिश करते हैं या कई बार बच्चे ही उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर देते हैं. जैसे स्मोकिंग छोड़ना, बाहर का खाना बंद कर देना, गुस्से पर कंट्रोल, चिल्लाकर बात ना करना.
फैमिली की अहमियत बताते हैं बच्चे
अक्सर पुरुष शादी से पहले या बाद में अपना ज्यादातर समय दोस्तों के साथ या घूमने में बिताते हैं. उनके लिए अपना समय फैमिली से बढ़कर होता है. लेकिन जब वह पिता बनते हैं तो बच्चे उन्हें फैमिली की अहमियत बताते हैं. वह पुरुष बच्चा होने के बाद जब उनके सवालों का सामना करता है तो उन्हें खुद को बदलना पड़ता है. वह बच्चे समेत फैमिली को समय देने लगते हैं. वीकेंड पर फैमिली ट्रिप का प्लान करते हैं ताकि उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें. इससे उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है.
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU…और पढ़ें
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