Monday, June 16, 2025
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जरूरत की खबर- घर को नमी और सीलन से बचाएं: बारिश शुरू होने से पहले करें ये 9 काम, फर्नीचर-दीवारें और छत रहेगी सुरक्षित


12 घंटे पहले

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देश में इस बार मानसून समय से पहले दस्तक देने वाला है। बारिश का मौसम भीषण गर्मी से राहत देने वाला तो होता है, लेकिन कई परेशानियां भी साथ लाता है। जैसे दीवारों की सीलन, फर्नीचर में नमी, छत और ड्रेनेज की दिक्कतें। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते कुछ जरूरी तैयारियां कर ली जाएं, ताकि मानसून का मजा बेफिक्री से लिया जा सके।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में जानते हैं कि मानसून से पहले किस तरह की तैयारियां जरूरी हैं? साथ ही बात करेंगे कि-

  • इस मौसम में कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए?

एक्सपर्ट: अभिषेक शर्मा, सिविल इंजीनियर, IIT कानपुर

सवाल- मानसून के मौसम में घर की किन चीजों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है? जवाब- मानसून में घर को सबसे ज्यादा नुकसान नमी और पानी से होता है। बारिश का पानी दीवारों और छत में रिसकर फफूंदी पैदा कर सकता है। लकड़ी के फर्नीचर, दरवाजे और खिड़कियां भी पानी की वजह से फूल या सड़ सकती हैं। साथ ही कुछ अन्य चीजों को भी नुकसान पहुंचता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- मानसून से पहले घर की इन चीजों की कैसे देखभाल कर सकते हैं? जवाब- मानसून के मौसम में पहले से कुछ तैयारी करना जरूरी है ताकि बारिश के पानी से कोई नुकसान न हो और घर सुरक्षित रहे। इसके लिए सबसे पहले घर के आसपास की नाली को अच्छी तरह से साफ कर लें। इससे पानी का जमाव नहीं होगा। इसके अलावा छत और दीवारों की दरारों को अच्छे से भरवाएं ताकि बारिश का पानी अंदर न आ सके। बाहरी दीवारों पर वाटरप्रूफ पेंट लगवाने से दीवारें नमी से बची रहती हैं। छत पर कबाड़ इकट्ठा न करें क्योंकि इससे पानी का जमाव हो सकता है और बाद में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

सवाल- घर के अंदर की नमी को कम करने के लिए मानसून से पहले क्या तैयारियां कर सकते हैं?

जवाब- मानसून के मौसम में घर के अंदर की सही तैयारी करना बहुत जरूरी है, ताकि बारिश और नमी से कोई नुकसान न हो। नीचे दिए ग्राफिक में कुछ आसान टिप्स देखिए-

आइए, ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

जूतों और गीली चीजों के लिए अलग जगह बनाएं

मानसून में घर में गंदगी और नमी बाहर से आने का खतरा ज्यादा रहता है। खासतौर पर जूतों, छतरियों और रेनकोट के जरिए। इस परेशानी से बचने के लिए घर के मुख्य दरवाजे के पास ही एक छोटा सा कॉर्नर बनाएं। वहां एक मजबूत और खुली जूता रैक रखें, जिसमें गीले जूते आराम से रखे जा सकें और वे सूखते भी रहें। साथ ही दीवार पर हुक या स्टैंड लगाकर छतरियों और रेनकोट को टांगने की जगह बनाएं। इसके नीचे एक पोंछा या पानी सोखने वाला मैट बिछा सकते हैं, जिससे टपकता पानी फर्श पर न फैले।

फर्श पर बैंबू या रबर मैट का इस्तेमाल करें

मानसून में कारपेट या कपड़े वाले मैट जल्दी गीले हो जाते हैं। इससे बदबू और फंगस का खतरा रहता है। इसलिए मानसून में कारपेट की जगह बैंबू या रबर से बने मैट बिछाना ज्यादा बेहतर है। ये न केवल पानी सोखने में मदद करते हैं, बल्कि जल्दी सूख जाते हैं। साथ ही इनकी सफाई भी आसान होती है। इन मैट्स को खासकर एंट्री पॉइंट्स, बाथरूम के बाहर, किचन एरिया और बालकनी में बिछाना चाहिए।

कीटों से बचाव के लिए पेस्ट कंट्रोल जरूरी

मानसून में नमी बढ़ने के कारण कीड़े-मकोड़े, तिलचट्टे, चींटियां, दीमक और मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है। इसलिए मानसून से पहले ही एक बार प्रोफेशनल पेस्ट कंट्रोल करवाना जरूरी है। इससे कीटों के अंडों और छिपे हुए कीटों को खत्म किया जा सकता है। खासतौर पर रसोई, बाथरूम, स्टोर रूम और घर की दरारों वाले हिस्सों में फोकस करें। ये कीटों के छिपने की सबसे आम जगह होती हैं। अगर आप केमिकल से बचना चाहते हैं तो नीम का तेल, कपूर या लेमनग्रास जैसे नेचुरल रिपेलेंट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

घर में ताजी हवा का आना बहुत जरूरी

अगर घर में वेंटिलेशन ठीक न हो तो नमी जमा होने लगती है, जिससे दीवारों पर फफूंदी (fungus), बदबू आने लगती है। इसलिए जरूरी है कि आप हर दिन कुछ समय के लिए खिड़कियां और दरवाजे खोलें ताकि घर में ताजी हवा और नेचुरल रोशनी आ सके। इससे न केवल घर का माहौल हल्का और सुखद बनता है, बल्कि बैक्टीरिया और फंगस से भी बचाव होता है। अगर कोई ऐसी जगह है, जहां खिड़कियां नहीं हैं तो एग्जॉस्ट फैन लगवाना या डिह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना अच्छा विकल्प है।

दीवारों और फर्नीचर की साफ-सफाई जरूरी

मानसून के दौरान हवा में नमी बढ़ने से घर की दीवारें और फर्नीचर सबसे जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए दीवारों और फर्नीचर को नियमित रूप से सूखे कपड़े से पोंछें ताकि उस पर नमी जम न पाए। लकड़ी के फर्नीचर के नीचे या पीछे अखबार या नेप्थलीन बॉल्स रखें, जिससे नमी कम हो और कीड़े न पनपें।

इलेक्ट्रिक बोर्ड और वायरिंग चेक करें

मानसून से पहले घर की वायरिंग और स्विच बोर्ड की जांच जरूर करवाएं। कहीं तार खुले हों या नमी लगती हो तो उन्हें ठीक कराएं। गीले हाथों से स्विच न छुएं और जरूरी जगहों पर वाटरप्रूफ कवर लगवाएं ताकि शॉर्ट सर्किट और करंट से बचाव हो सके।

सवाल- मानसून में घर के बगीचे का कैसे ख्याल रखें?

जवाब- मानसून में बगीचे का ध्यान रखने के लिए यह जरूरी है कि पानी का सही तरीके से निकासी हो और पौधों को जरूरत से ज्यादा पानी न लगे। पौधों के नीचे की मिट्टी को ढंकने के लिए सूखा पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सवाल- मच्छरों से बचने के लिए क्या उपाय करें?

जवाब- कूलर का पानी हफ्ते में एक बार बदलें और पानी की टंकी को ढंककर रखें। खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाएं और मच्छर मारने वाली क्रीम, स्प्रे का इस्तेमाल करें।

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मानसून की बौछारें जितनी सुकून भरी लगती हैं, घर के लिए उतनी ही परेशानियां भी लेकर आती हैं। बारिश के पानी से घर की दीवार और छत कमजोर हो सकती है। साथ ही इससे नमी और फफूंदी लग सकती है। ऐसे मौसम में घर की सुरक्षा के लिए वाटरप्रूफिंग बेहद जरूरी हो जाती है। पूरी खबर पढ़िए…

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