अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के खिलाफ “पारस्परिक कर” (Reciprocal Tax) लगाने की चेतावनी दी है। यह बयान व्यापारिक असंतुलन और उच्च आयात शुल्क को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में आया है।
बयान का मुख्य कारण:
- व्यापार असंतुलन:
- ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत से बड़ी मात्रा में आयात करता है, लेकिन भारतीय बाजार में अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाया जाता है।
- उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण व्यापार नीति करार दिया।
- टैरिफ का मुद्दा:
- ट्रंप का दावा है कि अमेरिकी उत्पाद, जैसे मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि उत्पाद, पर भारत द्वारा अनुचित रूप से उच्च शुल्क लगाए जाते हैं।
- विशेष रूप से हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत पर करों में बराबरी लाने की आवश्यकता है।
- पारस्परिक कर (Reciprocal Tax):
- ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर वे फिर से राष्ट्रपति बने, तो अमेरिका उन देशों पर पारस्परिक कर लगाएगा जो अमेरिकी उत्पादों पर अन्यायपूर्ण कर लगाते हैं।
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध:
- वर्तमान व्यापार स्थिति:
- भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग $190 बिलियन (2023) तक पहुँच चुका है।
- अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
- टैरिफ विवाद:
- भारत ने अपनी संरक्षणवादी नीतियों के तहत कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया है।
- अमेरिका का कहना है कि यह उसके उत्पादों को भारतीय बाजार में कम प्रतिस्पर्धी बनाता है।
- पिछले घटनाक्रम:
- ट्रंप के कार्यकाल (2017-2021) में अमेरिका ने भारत से व्यापार विशेष दर्जा (GSP) को वापस ले लिया था।
- उस समय भी भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क को लेकर विवाद हुआ था।
ट्रंप के बयान का प्रभाव:
- भारत-अमेरिका व्यापार संबंध:
- ट्रंप के बयान से यह संकेत मिलता है कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं तो अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है।
- भारतीय उद्योग पर असर:
- अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है।
- प्रमुख सेक्टर जैसे टेक्सटाइल, आईटी सर्विसेज, मोटरसाइकिल, और खाद्य प्रसंस्करण प्रभावित हो सकते हैं।
- वैश्विक व्यापार पर असर:
- अमेरिका की “प्रोटेक्शनिस्ट नीति” अन्य देशों के साथ व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जिससे वैश्विक व्यापार पर दबाव बढ़ेगा।
- चीन की भूमिका:
- अमेरिका के लिए भारत एक स्ट्रेटेजिक पार्टनर है, खासतौर पर चीन के प्रभाव को रोकने के लिए।
- यह विवाद भू-राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया:
- भारत ने ट्रंप के पिछले कार्यकाल में आयात शुल्क के मुद्दे को हल करने के लिए बातचीत की थी।
- भारतीय व्यापार मंत्रालय का मानना है कि शुल्क नीतियाँ आर्थिक जरूरतों और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप का “पारस्परिक कर” लगाने की चेतावनी अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव को उजागर करती है। हालांकि दोनों देश आर्थिक साझेदार हैं, लेकिन इस तरह के मुद्दे व्यापार वार्ता और रणनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका कैसे इस मुद्दे को संतुलित बातचीत के माध्यम से हल करते हैं।
“व्यापार संतुलन बनाना जरूरी है, लेकिन आपसी रिश्तों की मजबूती प्राथमिकता होनी चाहिए।”