Tuesday, July 8, 2025
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ट्रंप ने ओबामा की तरह 1861 से चली आ रही ऐतिहासिक उद्घाटन परंपरा को दोहराया

1861 की परंपरा का महत्व और उसका इतिहास

1861 में, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने उद्घाटन समारोह में एक विशेष परंपरा शुरू की थी। यह परंपरा लोकतंत्र, सत्ता हस्तांतरण, और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानी जाती है। 2025 में, डोनाल्ड ट्रंप ने इस ऐतिहासिक परंपरा को दोहराते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों और अमेरिकी इतिहास को सम्मान देने का प्रयास किया।


क्या है 1861 की उद्घाटन परंपरा?

1. बाइबल पर शपथ ग्रहण

  • अब्राहम लिंकन ने 1861 में अपने उद्घाटन के दौरान एक विशेष बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली थी।
  • यह बाइबल अमेरिका में ईसाई मूल्यों और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

2. राष्ट्रीय एकता का संदेश

  • लिंकन ने शपथ के दौरान यह संदेश दिया था कि सत्ता हस्तांतरण का यह क्षण राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र की जीत है।
  • उनके उद्घाटन समारोह को अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षणों में से एक माना जाता है।

ट्रंप ने कैसे दोहराई यह परंपरा?

1. लिंकन की बाइबल का उपयोग

  • डोनाल्ड ट्रंप ने अब्राहम लिंकन की ऐतिहासिक बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली।
  • इससे पहले बराक ओबामा ने भी 2009 और 2013 में अपने उद्घाटन के दौरान लिंकन की बाइबल का उपयोग किया था।

2. पारंपरिक शपथ समारोह

  • ट्रंप ने इस परंपरा को दोहराकर सत्ता हस्तांतरण के महत्व और अमेरिका के लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया।
  • यह कदम उनके प्रशासन के लिए एक सकारात्मक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

3. राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान

  • ट्रंप ने लिंकन की परंपरा का अनुसरण करते हुए उद्घाटन समारोह में अमेरिकी ध्वज और सैन्य बैंड के साथ राष्ट्रगान को प्रमुखता दी।

ओबामा और ट्रंप के बीच समानता और अंतर

समानता:

  • दोनों नेताओं ने लिंकन की ऐतिहासिक बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली।
  • दोनों ने राष्ट्रीय एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया।

अंतर:

  • ओबामा ने अपने उद्घाटन में विविधता और समावेशिता को प्राथमिकता दी थी, जबकि ट्रंप ने “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर जोर दिया।
  • ट्रंप का समारोह अधिक परंपरागत और ऐतिहासिक प्रतीकों पर केंद्रित था।

लिंकन की परंपरा का महत्व

1. लोकतंत्र और शक्ति का सम्मान

  • लिंकन की यह परंपरा सत्ता हस्तांतरण के शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक स्वरूप का प्रतीक है।
  • ट्रंप ने इसे दोहराकर यह संदेश दिया कि लोकतंत्र में सत्ता का सम्मान सर्वोपरि है।

2. राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

  • इस परंपरा के माध्यम से अमेरिका के सभी वर्गों और समुदायों के बीच एकता का संदेश दिया जाता है।

3. ऐतिहासिक परंपराओं का सम्मान

  • ट्रंप का यह कदम अमेरिकी इतिहास और परंपराओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उद्घाटन समारोह पर प्रतिक्रिया

समर्थकों की प्रतिक्रिया:

  • ट्रंप समर्थकों ने उनके इस कदम की सराहना की और इसे “राष्ट्रीय गौरव और परंपराओं का सम्मान” बताया।
  • “यह कदम हमारे इतिहास और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करता है।” – समर्थक

आलोचकों की प्रतिक्रिया:

  • आलोचकों का कहना है कि यह परंपरा दोहराने से ट्रंप की पिछली नीतियों और विवादों पर पर्दा नहीं डाला जा सकता।
  • “ट्रंप को सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी आत्मसात करना चाहिए।” – विशेषज्ञ

लिंकन, ओबामा और ट्रंप: तीन युगों का संगम

लिंकन का युग:

  • अमेरिका के सबसे कठिन समय में लिंकन ने देश को एकजुट रखा।
  • उनकी परंपरा ने सत्ता हस्तांतरण को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रतीक के रूप में स्थापित किया।

ओबामा का युग:

  • ओबामा ने विविधता और समावेशिता के साथ इस परंपरा को आगे बढ़ाया।
  • उनके उद्घाटन समारोह को प्रगतिशील और ऐतिहासिक माना गया।

ट्रंप का युग:

  • ट्रंप ने इस परंपरा को दोहराकर अमेरिकी इतिहास और परंपराओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
  • हालांकि, उनके आलोचक इसे उनके विवादित राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़कर देखते हैं।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1861 की ऐतिहासिक उद्घाटन परंपरा को दोहराना यह दर्शाता है कि अमेरिका के लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं का सम्मान करना आज भी कितना प्रासंगिक है। यह कदम न केवल उनके प्रशासन के लिए सकारात्मक संदेश है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, परंपराएं राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनी रहती हैं।

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