Friday, January 17, 2025
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Rising Gold Prices Drive Indians Toward Lightweight and Lower-Carat Jewellery

भारत में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के चलते उपभोक्ताओं का रुझान अब हल्के वजन (Lightweight) और लो-कैरेट (Lower Carat) ज्वेलरी की ओर बढ़ रहा है। सोने की परंपरागत मांग पर असर डालते हुए यह नई प्रवृत्ति ज्वेलरी उद्योग को भी बदलने की ओर ले जा रही है।


सोने की कीमतों में वृद्धि:

  1. मौजूदा कीमतें:
    • भारत में सोने की कीमतें पिछले कुछ महीनों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी हैं, जहाँ 24 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹65,000 प्रति 10 ग्राम के पार हो गई है।
  2. महत्वपूर्ण कारण:
    • वैश्विक अनिश्चितता: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर की मजबूती और भू-राजनीतिक तनाव से सोने की मांग बढ़ी है।
    • महंगाई और निवेश: सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जिससे कीमतों में तेजी आई है।
    • कमजोर रुपया: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की गिरावट से सोने के आयात में लागत बढ़ गई है।

नए ट्रेंड: हल्की और लो-कैरेट ज्वेलरी की मांग

  1. हल्के गहनों की ओर रुझान:
    • बढ़ती कीमतों के चलते उपभोक्ता अब भारी गहनों की बजाय हल्के और डिजाइनर गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
  2. लो-कैरेट ज्वेलरी:
    • पारंपरिक 22 कैरेट और 24 कैरेट के बजाय अब 18 कैरेट और 14 कैरेट के गहनों की माँग बढ़ रही है।
    • लो-कैरेट ज्वेलरी न केवल सस्ती है बल्कि स्टाइलिश और टिकाऊ भी होती है।
  3. डिजाइनर और फैशनेबल गहने:
    • उपभोक्ता अब डेली वियर और फैशन-फ्रेंडली डिज़ाइनों को पसंद कर रहे हैं, जिसमें हल्के और कम कैरेट के गहनों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

ज्वेलरी उद्योग की प्रतिक्रिया:

  1. डिजाइन में बदलाव:
    • ज्वेलर्स अब हल्के और लो-कैरेट सोने के गहनों की डिजाइनिंग पर जोर दे रहे हैं।
    • नई तकनीकों से इनोवेटिव डिज़ाइन और किफायती गहनों की पेशकश की जा रही है।
  2. गोल्ड मिक्स:
    • कई ज्वेलर्स अब सोने के साथ प्लेटिनम, चाँदी और कृत्रिम हीरे (Cubic Zirconia) का मिश्रण कर गहनों की लागत कम कर रहे हैं।
  3. ज्वेलरी फाइनेंस स्कीम:
    • ज्वेलरी खरीदने के लिए आसान ईएमआई स्कीम और योजनाएँ पेश की जा रही हैं, ताकि ग्राहकों का बोझ कम हो सके।

ग्राहकों की प्राथमिकता:

  • विवाह और त्यौहार: लोग अब भारी गहनों की जगह हल्के, मल्टीपर्पस गहनों को पसंद कर रहे हैं।
  • निवेश: निवेश के लिए गोल्ड बार और सिक्कों में रुचि बनी हुई है, जबकि आभूषण में लोग सस्ते विकल्प खोज रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय:

  • उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि हल्के और लो-कैरेट ज्वेलरी की माँग आने वाले समय में लंबे समय तक जारी रहेगी।
  • यह रुझान सोने की उच्च कीमतों के बीच भारतीय उपभोक्ताओं को बजट के अंदर विकल्प प्रदान कर रहा है।

निष्कर्ष:

सोने की कीमतों में वृद्धि ने भारतीय बाजार में हल्के वजन और लो-कैरेट ज्वेलरी की माँग को बढ़ा दिया है। इस बदलते ट्रेंड के चलते ज्वेलरी उद्योग नए डिजाइन और उत्पाद विकसित कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को किफायती और फैशनेबल विकल्प मिल सकें।

“बढ़ती कीमतों के बीच हल्की और लो-कैरेट ज्वेलरी भारतीय उपभोक्ताओं के लिए नई पसंद बनती जा रही है।”

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