नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हाल ही में संसद भवन में एक ऐसे बैग के साथ देखी गईं, जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ था। यह दृश्य मीडिया में आते ही राजनीतिक हलचल का कारण बन गया है। कई राजनीतिक दलों ने इस घटना को सियासी मुद्दा बना लिया, जबकि कांग्रेस ने इसे महज़ संयोग करार दिया।
मामले का विवरण:
संसद सत्र के दौरान प्रियंका गांधी को एक हैंडबैग के साथ देखा गया, जिस पर स्पष्ट रूप से ‘Palestine’ अंकित था। जैसे ही तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, भाजपा और अन्य दलों ने इसे लेकर सवाल खड़े कर दिए।
भाजपा की प्रतिक्रिया:
भाजपा प्रवक्ताओं ने प्रियंका गांधी पर हमला बोलते हुए कहा:
“कांग्रेस हमेशा से भारत के राष्ट्रीय हितों से परे जाकर विदेशी मुद्दों को तवज्जो देती है। प्रियंका गांधी का यह बैग उनकी पार्टी के झुकाव को दर्शाता है।”
भाजपा नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह कांग्रेस की आधिकारिक विदेश नीति का हिस्सा है?
कांग्रेस का जवाब:
कांग्रेस पार्टी ने तुरंत इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि:
“प्रियंका गांधी का बैग केवल एक फैशन एक्सेसरी है, जिसका किसी राजनीतिक विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। इसे अनावश्यक विवाद का मुद्दा बनाया जा रहा है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है, जबकि वास्तविक मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर इस घटना ने सियासी बहस को हवा दे दी है।
- भाजपा समर्थकों ने इसे कांग्रेस की विदेश नीति में विरोधाभास बताया।
- कांग्रेस समर्थकों ने इसे बेवजह तूल दिए जाने वाला विषय करार दिया।
- कई न्यूट्रल दर्शकों ने इसे एक व्यक्तिगत पसंद का मामला माना।
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना प्रतीकात्मक है लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति और भारत की विदेश नीति के संदर्भ में जोड़ना अतिशयोक्ति होगी। हालांकि, यह साफ है कि संसद के सत्र के दौरान इस प्रकार की घटनाएं राजनीतिक विवाद को जन्म देती हैं।
क्या है ‘फिलिस्तीन’ का संदर्भ?
- फिलिस्तीन मुद्दा:
फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष एक पुराना अंतरराष्ट्रीय विवाद है, जिसमें भारत की स्थिति विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में रही है। - भारत का आधिकारिक रुख:
भारत हमेशा से दो-राज्य समाधान का समर्थन करता रहा है और फिलिस्तीन की जनता के अधिकारों का सम्मान करता है। - कांग्रेस का झुकाव:
ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस पार्टी फिलिस्तीन के समर्थन में बयान देती रही है, जो गुटनिरपेक्ष नीति के समय से चला आ रहा है।
निष्कर्ष:
प्रियंका गांधी के ‘फिलिस्तीन’ लिखे बैग के साथ संसद में देखे जाने की घटना ने एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। जहां भाजपा इसे कांग्रेस की विचारधारा से जोड़कर देख रही है, वहीं कांग्रेस इसे एक व्यक्तिगत मुद्दा बता रही है। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में प्रतीकों और संकेतों का कितना महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है।