नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके के बीच उनकी पहली भारत यात्रा के दौरान विस्तृत द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, सुरक्षा साझेदारी, और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। राष्ट्रपति दिसानायके के भारत दौरे को भारत-श्रीलंका संबंधों में एक नया आयाम जोड़ने वाला बताया जा रहा है।
बैठक के मुख्य बिंदु:
- आर्थिक सहयोग को बढ़ावा:
- भारत ने श्रीलंका को वित्तीय सहायता और विकास परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव दिया।
- दोनों देशों ने व्यापार समझौतों को मजबूत करने और श्रीलंका के बुनियादी ढांचे में भारत के योगदान पर सहमति जताई।
- फूड और एनर्जी सुरक्षा के लिए भारत ने श्रीलंका को आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर करने में सहयोग देने की बात कही।
- सुरक्षा साझेदारी:
- समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
- चीनी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने श्रीलंका की समुद्री सीमा पर मॉनिटरिंग सिस्टम और साझा पेट्रोलिंग की जरूरत पर बल दिया।
- आतंकवाद और तस्करी रोकने के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग पर सहमति बनी।
- विकास परियोजनाएं:
- भारत ने श्रीलंका में रेलवे, सड़क, और ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्राथमिकता देने की बात कही।
- हंबनटोटा पोर्ट और अन्य रणनीतिक स्थानों को भारत और श्रीलंका की संयुक्त भागीदारी से विकसित किया जाएगा।
- तमिल समुदाय का मुद्दा:
- पीएम मोदी ने श्रीलंका में तमिल समुदाय के अधिकारों और उनके विकास के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए भावनात्मक और सामरिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है।
- राष्ट्रपति दिसानायके ने तमिल समुदाय के कल्याण के लिए संवैधानिक सुधारों और विकास योजनाओं का आश्वासन दिया।
- सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग:
- दोनों देशों ने रामायण सर्किट और अन्य सांस्कृतिक स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित करने पर सहमति जताई।
- भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर चर्चा हुई।
पीएम मोदी का बयान:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के बाद कहा:
“भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और रणनीतिक रिश्ते हैं। हम श्रीलंका के विकास और स्थिरता में सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर हैं।”
राष्ट्रपति दिसानायके का बयान:
राष्ट्रपति दिसानायके ने अपनी भारत यात्रा को सफल और ऐतिहासिक बताते हुए कहा:
“श्रीलंका भारत के साथ अपने संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भारत के साथ हर क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देंगे।”
भारत-श्रीलंका संबंधों का महत्व:
- रणनीतिक साझेदारी:
श्रीलंका की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर हिंद महासागर में। - आर्थिक सहयोग:
भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसे विकास योजनाओं में मदद करता है। - सुरक्षा साझेदारी:
समुद्री सुरक्षा और चीनी प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए भारत-श्रीलंका सहयोग जरूरी है। - सांस्कृतिक रिश्ते:
रामायण सर्किट और बौद्ध धरोहर के जरिए दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक जुड़ाव है।
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति दिसानायके की इस पहली भारत यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में नए अवसरों का सृजन होगा। भारत की निवेश योजनाएं श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके की यह बैठक भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा देती है। आर्थिक विकास, सुरक्षा सहयोग, और सांस्कृतिक जुड़ाव के माध्यम से दोनों देश आने वाले समय में क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं।