प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष क्रिसमस के अवसर पर एक विशेष पहल करते हुए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के दिल्ली स्थित आवास पर जाकर उनके परिवार के साथ त्योहार की खुशियाँ साझा कीं। यह अवसर भारत की सांस्कृतिक विविधता और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बना।
घटना का विवरण
- जॉर्ज कुरियन के आवास पर समारोह
- प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के घर जाकर क्रिसमस की बधाई दी और उनके परिवार के साथ त्योहार का आनंद उठाया।
- इस कार्यक्रम में केक काटने की रस्म के साथ-साथ क्रिसमस कैरल्स भी गाए गए।
- प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
- पीएम मोदी ने कहा:“क्रिसमस शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। हमें सभी धर्मों और समुदायों के साथ मिलकर इस भावना को मजबूत करना चाहिए।”
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- समारोह में गospel गायक समूह ने पारंपरिक क्रिसमस गीतों का प्रदर्शन किया।
- बच्चों ने क्रिसमस ट्री सजाया और पीएम मोदी को हस्तनिर्मित उपहार भेंट किए।
- जॉर्ज कुरियन की प्रतिक्रिया
- केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने प्रधानमंत्री के आगमन पर आभार व्यक्त करते हुए कहा:“प्रधानमंत्री का यहाँ आना पूरे ईसाई समुदाय के लिए सम्मान और खुशी का अवसर है। यह हमारे देश की विविधता में एकता को दर्शाता है।”
राजनीतिक और सांप्रदायिक संदेश
- सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा
- पीएम मोदी का यह कदम भारत की धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक एकता के संदेश को मजबूत करता है।
- ईसाई समुदाय के लिए सकारात्मक संकेत
- प्रधानमंत्री द्वारा ईसाई समुदाय के एक प्रमुख त्योहार में शामिल होना, त्योहार के महत्व और समुदाय के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
- राजनीतिक दृष्टिकोण
- इस पहल को आगामी लोकसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी समुदायों तक पहुँचने का संदेश दिया है।
क्रिसमस का महत्व
- प्रेम और सेवा का त्योहार
- क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का दिन है, जो शांति, प्रेम और सेवा का प्रतीक है।
- भारत में क्रिसमस का उत्सव
- भारत के कई राज्यों, विशेषकर केरल, गोवा, और पूर्वोत्तर राज्यों में क्रिसमस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री के ऐसे अन्य पहल
- सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक कार्यक्रम:
- प्रधानमंत्री मोदी हमेशा विभिन्न धार्मिक त्योहारों में भाग लेकर समाज में भाईचारे और एकता का संदेश देते रहे हैं।
- जैसे दीवाली, गुरुपर्व, और ईद के अवसर पर उनकी भागीदारी।
- ‘सबका साथ, सबका विकास’ का संदेश:
- यह घटना भी उनकी इस विचारधारा को व्यावहारिक रूप में दिखाती है।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम देश की धार्मिक और सांस्कृतिक सहिष्णुता को मजबूत करता है।
“यह पहल भारतीय समाज में सकारात्मक संदेश देती है और सभी धर्मों के प्रति सम्मान का प्रतीक है।”

निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का क्रिसमस समारोह में शामिल होना भारतीय समाज में विविधता और एकता की मिसाल पेश करता है। यह न केवल ईसाई समुदाय के लिए खुशी और सम्मान का क्षण था, बल्कि पूरे देश के लिए सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश भी था।