Tuesday, April 29, 2025
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महाकुंभ 2025 मुख्य आकर्षण: मकर संक्रांति पर पहले ‘अमृत स्नान’ में 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए

मकर संक्रांति और पहला ‘अमृत स्नान’

महाकुंभ मेला 2025 का शुभारंभ मकर संक्रांति के दिन हुआ, जिसे पहले ‘अमृत स्नान’ के रूप में मनाया गया। इस विशेष अवसर पर, 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह आयोजन आध्यात्मिकता, भक्ति और भारतीय संस्कृति के अद्वितीय संगम का प्रतीक बन गया।


मकर संक्रांति पर संगम स्नान का महत्व

1. पौराणिक महत्व

मकर संक्रांति के दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान को विशेष महत्व दिया गया है।

  • इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
  • स्नान को मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का मार्ग माना जाता है।

2. धार्मिक अनुष्ठान

  • स्नान के बाद, श्रद्धालु दान-पुण्य और हवन जैसे अनुष्ठान करते हैं।
  • साधु-संतों और अखाड़ों ने भी विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया।

‘अमृत स्नान’ में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड उपस्थिति

1. भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे

  • मकर संक्रांति के अवसर पर सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ संगम तट पर उमड़ पड़ी।
  • देशभर से आए श्रद्धालुओं के साथ, कई विदेशी पर्यटकों ने भी इस पवित्र स्नान का हिस्सा लिया।

2. अखाड़ों की शोभायात्रा

  • 13 अखाड़ों ने ‘अमृत स्नान’ में भाग लिया।
  • नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

3. विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी

  • अमेरिका, रूस, जापान, और यूरोप के कई देशों से आए पर्यटकों ने संगम में स्नान किया और भारतीय संस्कृति का अनुभव किया।

यूपी सरकार की व्यवस्थाएं

1. सुरक्षा प्रबंध

  • 50,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों को तैनात किया गया।
  • 3,000 सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की गई।

2. स्वास्थ्य सेवाएं

  • स्नान क्षेत्र के पास 100 से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट और एम्बुलेंस तैनात की गईं।
  • स्वास्थ्य शिविरों में हजारों श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं।

3. यातायात और परिवहन

  • मेला क्षेत्र में 24/7 शटल बस और विशेष ट्रेन सेवाएं चलाई गईं।
  • श्रद्धालुओं के लिए आसान और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की गई।

4. सफाई और स्वच्छता

  • ‘स्वच्छ कुंभ, सुरक्षित कुंभ’ अभियान के तहत घाटों की गहन सफाई की गई।
  • 20,000 से अधिक सफाईकर्मियों ने पूरे दिन काम किया।

श्रद्धालुओं का अनुभव

1. आस्था का महासंगम

  • “त्रिवेणी संगम में स्नान करना जीवन का सबसे पवित्र अनुभव था। यह आत्मा को शुद्ध करने का अद्भुत अवसर है।” – सुमित्रा देवी, वाराणसी
  • “अखाड़ों की शोभायात्रा ने हमारी धार्मिक भावना को और प्रबल किया।” – राजेश वर्मा, दिल्ली

2. विदेशी पर्यटकों की प्रतिक्रिया

  • “यहां की ऊर्जा और भक्ति का माहौल अविश्वसनीय है। भारतीय संस्कृति का यह अनुभव मेरे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा बन गया है।” – जेनिफर स्मिथ, अमेरिका

महाकुंभ 2025: डिजिटल युग में आस्था

1. लाइव स्ट्रीमिंग और डिजिटल सेवाएं

  • महाकुंभ के प्रमुख कार्यक्रमों और स्नान पर्वों की लाइव स्ट्रीमिंग ने दुनिया भर के लोगों को इस आयोजन से जोड़ा।
  • फूड डिलीवरी और डिजिटल भुगतान सेवाओं ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को और बढ़ाया।

2. ऑनलाइन महाप्रसाद

  • देशभर में महाप्रसाद की ऑनलाइन डिलीवरी ने उन लोगों को कुंभ का हिस्सा बनाया, जो वहां उपस्थित नहीं हो सके।

Image credit -ANI photo

निष्कर्ष

मकर संक्रांति पर महाकुंभ मेला 2025 में पहला ‘अमृत स्नान’ आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व उदाहरण बन गया। 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति और यूपी सरकार की शानदार व्यवस्थाओं ने इस आयोजन को सफल और यादगार बना दिया। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की वैश्विक पहचान को भी सुदृढ़ करता है।

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