Tuesday, April 29, 2025
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एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से आध्यात्मिकता तक, मिलिए अभय सिंह से – आईआईटीयन बने संन्यासी

आस्था और आत्म-साक्षात्कार का अद्भुत सफर

महाकुंभ मेला 2025 ने एक बार फिर आस्था, भक्ति और आत्म-साक्षात्कार का मंच प्रस्तुत किया है। इस बार मेले में एक अनोखी कहानी ने लोगों का ध्यान खींचा है। अभय सिंह, एक पूर्व आईआईटीयन और एयरोस्पेस इंजीनियर, जिन्होंने लाखों की सैलरी और ग्लैमरस जीवनशैली को त्यागकर संन्यास का मार्ग चुना। उनका यह सफर आध्यात्मिकता और आत्म-साक्षात्कार की प्रेरणादायक गाथा है।


अभय सिंह का जीवन परिचय

1. शिक्षा और करियर

  • अभय सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ।
  • उन्होंने आईआईटी कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
  • अभय ने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में उच्च वेतन और प्रतिष्ठित पद पर काम किया।

2. आध्यात्मिकता की ओर रुझान

  • व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण अभय को जीवन में एक खालीपन महसूस हुआ।
  • वे जीवन के अर्थ और उद्देश्य को तलाशने के लिए भारतीय दर्शन और वेदांत की ओर आकर्षित हुए।

3. संन्यास का निर्णय

  • 2020 में, उन्होंने अपने कॉर्पोरेट करियर को अलविदा कहकर ऋषिकेश के एक आश्रम में दीक्षा ली।
  • अभय ने संन्यास धारण करने के बाद नया नाम स्वामी अभयानंद गिरी अपनाया।

महाकुंभ 2025 में अभय सिंह की उपस्थिति

1. साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय

महाकुंभ मेला 2025 में स्वामी अभयानंद गिरी अपनी अनोखी कहानी और आध्यात्मिक संदेश के कारण चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।

  • उनकी कहानी ने लाखों श्रद्धालुओं को प्रेरित किया है।
  • मेले में उनके प्रवचनों और योग सत्रों में बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं।

2. आध्यात्मिकता और विज्ञान का संगम

अभय सिंह अपने प्रवचनों में विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच के संबंध पर चर्चा करते हैं।

  • “आध्यात्मिकता विज्ञान से परे नहीं, बल्कि उसका पूरक है,” वे कहते हैं।
  • उनके प्रवचन आईआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों के छात्रों को भी प्रेरित कर रहे हैं।

अभय सिंह का संदेश

1. संपत्ति और पद से परे जीवन का उद्देश्य

  • अभय सिंह का मानना है कि भौतिक उपलब्धियां आत्मा की शांति और खुशी का विकल्प नहीं हो सकतीं।
  • “जीवन का असली उद्देश्य आत्मा की खोज और ईश्वर की भक्ति में है,” वे कहते हैं।

2. योग और ध्यान का महत्व

  • वे योग और ध्यान को मानसिक शांति और आत्मिक विकास का मार्ग मानते हैं।
  • “आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्त होने के लिए ध्यान और प्राणायाम आवश्यक हैं।”

अभय सिंह के जीवन की प्रेरणा

1. आईआईटीयन से संन्यासी तक का सफर

  • अभय की यात्रा यह दिखाती है कि किसी भी पेशे या शिक्षा से आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
  • वे अपने अनुभवों को सरल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ साझा करते हैं।

2. युवाओं के लिए प्रेरणा

  • उनकी कहानी खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो करियर की दौड़ में मानसिक शांति और जीवन के अर्थ को खो देते हैं।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

1. आधुनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

  • “अभय जी का प्रवचन आधुनिक दृष्टिकोण और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। उनकी कहानी ने मुझे गहराई से प्रेरित किया।” – सौरभ वर्मा, लखनऊ

2. जीवन के नए दृष्टिकोण का अनुभव

  • “एक आईआईटीयन का संन्यासी बनना यह साबित करता है कि जीवन में असली खुशी ईश्वर की खोज में है।” – नेहा शर्मा, दिल्ली

अभय सिंह की कहानी क्यों है खास?

1. भौतिकता से आध्यात्मिकता का सफर

  • अभय सिंह का जीवन यह संदेश देता है कि भौतिक सुख और विलासिता से आत्मा का संतोष संभव नहीं है।

2. वैज्ञानिक और आध्यात्मिक संतुलन

  • वे विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन स्थापित करते हुए यह सिखाते हैं कि दोनों परस्पर जुड़े हुए हैं।

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निष्कर्ष

महाकुंभ मेला 2025 में स्वामी अभयानंद गिरी की उपस्थिति ने आध्यात्मिकता और आधुनिक जीवनशैली के बीच एक सेतु का काम किया है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि आत्म-साक्षात्कार के लिए उम्र, पेशा, या शिक्षा कोई बाधा नहीं है। अभय सिंह का सफर न केवल महाकुंभ के श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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