एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में 6.6% की दर से विकास कर सकती है। मजबूत घरेलू मांग, निवेश वृद्धि, और नीतिगत सुधार इस विकास दर के मुख्य कारक होंगे।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- विकास दर का अनुमान:
- FY26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.6% रहने का अनुमान है।
- यह दर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर वृद्धि का संकेत देती है।
- विकास के प्रमुख कारक:
- घरेलू मांग: उपभोक्ता खर्च और ग्रामीण क्षेत्रों में आय में वृद्धि से खपत बढ़ने की उम्मीद है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश: सरकार के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और PM Gati Shakti जैसी योजनाएँ विकास को गति देंगी।
- FDI और विनिर्माण: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विनिर्माण गतिविधियाँ मजबूत हो रही हैं।
- सेवा क्षेत्र का योगदान: IT, BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ), और टूरिज्म सेक्टर की तेजी विकास को समर्थन देगी।
- महंगाई और मुद्रास्फीति:
- FY26 में मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है, जो विकास को स्थिरता प्रदान करेगी।
- खाद्य और ऊर्जा कीमतों में स्थिरता का भी असर रहेगा।
- मजबूत सरकारी नीतियाँ:
- नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के सुधारात्मक कदम जैसे डिजिटल पेमेंट्स, GST सुधार और MSME सेक्टर को समर्थन विकास दर को बनाए रखने में सहायक होंगे।
वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति:
- भारत की स्थिरता:
- वैश्विक मंदी और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा।
- FDI हब के रूप में उभरना:
- वैश्विक कंपनियाँ भारत को निवेश के लिए आकर्षक स्थान मान रही हैं, विशेष रूप से विनिर्माण, टेक्नोलॉजी, और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में।
- चीन+1 रणनीति:
- वैश्विक कंपनियों द्वारा चीन+1 रणनीति अपनाने से भारत को विनिर्माण केंद्र के रूप में फायदा हो रहा है।
चुनौतियाँ:
- वैश्विक अनिश्चितताएँ:
- भू-राजनीतिक तनाव, जैसे रूस-यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व संकट के कारण आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव।
- रोजगार सृजन:
- विकास को सतत बनाए रखने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना जरूरी है, विशेषकर युवाओं के लिए।
- महंगाई पर नियंत्रण:
- खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र में मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना।
विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है:
“भारत के पास मजबूत आर्थिक आधार, नीतिगत समर्थन, और युवा जनसंख्या के कारण FY26 में 6.6% की विकास दर हासिल करने की क्षमता है।”
निष्कर्ष:
FY26 में भारत की 6.6% की आर्थिक विकास दर का अनुमान देश के लिए सकारात्मक संकेत है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत का विकास घरेलू मांग, निवेश, और नीतिगत सुधारों पर निर्भर करेगा।
“यह दर भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और कदम होगी।”