भारत और चीन के बीच हाल ही में सीमा मुद्दों को लेकर उच्च-स्तरीय वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों ने शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आपसी संवाद और विश्वास बहाली के कदमों पर सहमति व्यक्त की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर पिछले कुछ वर्षों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- वार्ता का उद्देश्य:
- दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव को कम करना।
- सीमा पर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए आपसी संवाद को मजबूत करना।
- शांति और स्थिरता पर सहमति:
- दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि सीमा पर कोई भी विवाद बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जाएगा।
- सैन्य और राजनयिक स्तर पर नियमित संवाद बनाए रखने पर जोर दिया गया।
- विश्वास बहाली के कदम (CBMs):
- सीमा पर अतिरिक्त सैन्य तैनाती को कम करने और गश्त की गतिविधियों को नियंत्रित करने पर चर्चा हुई।
- गलतफहमियों को दूर करने के लिए हॉटलाइन और फील्ड कमांडर स्तर की बैठकें बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
- व्यापार और द्विपक्षीय संबंध:
- दोनों देशों ने आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई।
- सीमा विवादों के बावजूद व्यापारिक संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
पृष्ठभूमि: भारत-चीन सीमा विवाद
- LAC पर तनाव:
- भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी LAC है, जहाँ कई जगहों पर दोनों देशों के बीच अस्पष्ट सीमाएँ विवाद का कारण हैं।
- 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा है।
- सैन्य तैनाती:
- दोनों देशों ने सीमा पर अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत किया है, जिससे हालात और जटिल हो गए हैं।
- ड्रैगन-इंडिया डिप्लोमेसी:
- दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के समाधान के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ताएँ हो चुकी हैं।
भारत का रुख:
भारत ने स्पष्ट किया है कि:
- सीमा पर यथास्थिति बहाल करना और LAC का सम्मान करना किसी भी समाधान का आधार होगा।
- भारत शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है लेकिन राष्ट्रीय संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।
चीन का रुख:
- चीन का कहना है कि सीमा विवाद को हल करने के लिए संवाद और सहमति ही एकमात्र रास्ता है।
- उसने सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत के साथ आपसी सहयोग की बात कही।
भविष्य की रणनीति:
- संवाद की निरंतरता:
- दोनों देशों ने उच्च स्तरीय बैठकों और वार्ताओं को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास:
- सीमा क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए परियोजनाएँ लागू करने पर भी चर्चा हुई।
- सैन्य तैनाती में कमी:
- चरणबद्ध तरीके से सेना की तैनाती में कमी करने और विश्वास बहाली के उपायों को लागू करने पर सहमति हुई।
विशेषज्ञों की राय:
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और चीन के बीच यह सहमति आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, स्थायी समाधान के लिए दोनों देशों को दीर्घकालिक विश्वास बहाली पर काम करना होगा।

निष्कर्ष:
भारत और चीन के बीच हालिया वार्ता सीमा पर तनाव को कम करने और आपसी विश्वास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों का शांतिपूर्ण समाधान पर सहमत होना दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
“शांति और संवाद से ही विकास और स्थिरता का रास्ता तैयार होता है।”