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Health News: एनीमिया रोकथाम के लिए यह खुराक हर मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप में बच्चों को दी जाएगी. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाकर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्…और पढ़ें
एनीमिया से रोकथाम के लिए करौली में चलेगा खास अभियान..
हाइलाइट्स
- करौली में एनीमिया रोकथाम के लिए विशेष अभियान शुरू
- बच्चों को हर मंगलवार को दी जाएगी आयरन फोलिक एसिड की खुराक
- गर्मी की छुट्टियों में भी बच्चों को नियमित खुराक दी जाएगी
करौली. जिले में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत 5 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोर-किशोरियों को एनीमिया से बचाने के लिए आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की नियमित खुराक दी जा रही है. यह खुराक हर मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप में बच्चों को दी जाएंगी. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाकर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है.
नियमित रूप से दी जाएगी बच्चों को यह खुराक
जानकारी के अनुसार इस विशेष अभियान के तहत ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को यह खुराक नियमित रूप से दी जाएगी. कार्यवाहक सीएमएसओ डॉ. सतीश चंद मीणा ने बताया कि स्कूलों में छुट्टियों के बावजूद बच्चों तक आईएफए की गोली पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है. इसमें प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों और स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है.
पानी या नींबू पानी के साथ निगलकर लेनी होती है गोली
उन्होंने बताया कि छात्रों को उनकी कक्षा के अनुसार आईएफए की गुलाबी (कक्षा 1 से 5) और नीली गोली (कक्षा 6 से 12) घर पर ही सेवन के लिए दी जाएगी. यह गोली हर मंगलवार को भोजन के एक घंटे बाद पानी या नींबू पानी के साथ निगलकर लेनी होती है. गोली के बेहतर असर के लिए भोजन में विटामिन-सी युक्त चीजें जैसे नींबू, आंवला, संतरा, हरी मिर्च आदि खाने की सलाह दी गई है.
इस स्थिति में बंद न करें गोली देना
अगर किसी बच्चे को बुखार, उल्टी, दस्त या अन्य बीमारी हो, तो कुछ समय तक गोली न दी जाए. गोली से हल्का जी मिचलाना या पेट दर्द जैसी परेशानी हो सकती है, जो सामान्य और थोड़े समय की होती है. ऐसी स्थिति में गोली देना बंद न करें बल्कि बच्चे को कुछ देर आराम दें.
स्वयं सहायता समूह और सरकारी संस्थाएं भी देंगे योगदान
गांवों में सरपंच, धर्मगुरु, स्वयं सहायता समूह और पंचायती राज संस्थाएं भी इस अभियान में सहयोग देंगी. सीएचओ, एएनएम, आशा सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण सत्र आयोजित करेंगे और घर-घर जाकर बच्चों द्वारा गोली सेवन की निगरानी करेंगे.