Wednesday, May 14, 2025
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Happy mother’s day 2025: इन भारतीय क्रिकेटर्स की सफलता के पीछे हैं उनकी सुपर मॉम का संघर्ष


Indian Cricketers Mothers: मदर्स डे इस साल रविवार, 11 मई को मनाया जा रहा है. ये दिन मां के नाम है, जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है. मां सबसे बड़ी योद्धा होती है, जो हर परिस्थिति में अपने बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए संघर्ष करती है. आज इस ख़ास मौके पर हम आपको भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सफलता के पीछे कहीं ना कहीं उनकी सुपर मॉम रही हैं.

विराट कोहली की मां

दाएं हाथ के बल्लेबाज विराट कोहली दुनिया के सबसे फेमस क्रिकेटर्स में से एक हैं. कोहली ने छोटी उम्र में अपने पिता को खो दिया था, जिसके बाद उनकी माताजी सरोज कोहली ने आर्थिक परेशानियों के बावजूद कोहली के क्रिकेटर बनने के सपने को रुकने नहीं दिया. कोहली की माताजी की हिम्मत और ताकत ने कोहली के पिता की मृत्यु से पैदा हुए खालीपन के बावजूद परिवार को एक साथ रखा. 

कोहली की माताजी ने एक प्रकाशन से बात करते हुए कहा था, “पिता की मृत्यु के बाद से उनके बेटे कोहली बदल गए, वह हर मैच को गंभीरता से ले रहे थे. उन्हें बेंच पर बैठना पसंद नहीं था. मानों उस दिन के बाद से उनका जीवन पूरी तरह से क्रिकेट पर टिका हुआ था. कोहली ने अपने पिता और अपने माता के नाम का टैटू भी गुदवाया हुआ है.

मिताली राज की मां

कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज लाखों युवा लड़कियों के लिए आदर्श हैं. मिताली के माता-पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई त्याग किए. जब ​​उन्हें पहली बार वर्ल्ड कप के लिए संभावित खिलाड़ियों में शामिल किया गया, तो उनके पिता दोराई राज ने दूसरे शहर में जाने से बचने के लिए अपना प्रमोशन छोड़ दिया था. उनकी मां लीला राज ने भी घर की देखभाल करने के लिए एक अपने करियर का त्याग कर दिया.

एक इंटरव्यू में अपनी सुपरमॉम के बारे में बात करते हुए मिताली राज ने कहा था, “उन्होंने अपना बहुत सारा समय त्याग किया है. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत मेहनत की है कि मुझे समय पर खाना मिले. मैं उस तरह की बच्ची हूं जिसे आज भी अपनी मां की जरूरत होती है, इसलिए उन्होंने पीछे हटकर गृहिणी बनने का फैसला किया.”

जसप्रीत बुमराह की मां

जब बुमराह के पिता का निधन हुआ था, तब उनकी उम्र सिर्फ 5 साल थी. एक इंटरव्यू में बुमराह ने बताया था कि इसके बाद मां को काम करना पड़ा. घर की परिस्थिति अच्छी थी जो चुनौतीपूर्ण बन गई थी. उन्होंने कहा था कि, “मेरी मां ने हमारे लिए जो कुछ किया है, हम उसका कर्ज कभी नहीं चुका पाएंगे.” 

इस कठिन समय में उनकी मां ने सिखाया कि मुश्किल समय में धैर्य बनाए रखने का महत्त्व क्या होता है. तेज गेंदबाज ने माना कि उस दौरान सीखी गई बातें वह कभी नहीं भूलते.

रोहित शर्मा की मां

हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने वाले रोहित शर्मा सबसे सफल कप्तानों में शुमार हैं. पहले मदर्स डे के मौके पर रोहित ने पोस्ट में लिखा था कि, “आप चाहें जीतें या अंतिम पायदान पर रहे, मां ही है जो हमेशा आपके साथ खड़ी रहेंगी. यह मां को स्पेशल बनाती है”. आपको बता दें कि छोटी उम्र में रोहित अपने चाचा और दादा के साथ रहते थे, क्योंकि आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. इस दौरान आप समझ सकते हो कि उनकी माताजी ने अपने सपनों का कितना त्याग किया होगा ताकि उनका बेटा सफल हो सके.

सचिन तेंदुलकर की मां

तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान् कहा जाता है, जिसे देखने के लिए आज भी भारी भीड़ उमड़ती है लेकिन क्या आपको पता है कि उनकी मां पहली बार क्रिकेट मैदान पर सचिन को देखने आई जब वह अपना 200वां  टेस्ट खेल रहे थे. एक इंटरव्यू में में सचिन की माताजी रजनी तेंदुलकर ने कहा था, “मैं कभी किसी मैच में नहीं गई थी. मैं बहुत तनाव में रहती थी. हम सचिन को टेलीविजन पर देखते थे. इस बार सचिन ने कहा कि आई, इस बार आपको आना ही होगा. मैंने उनसे आपके लिए यह मैच मुंबई में कराने के लिए कहा है। अगर आप नहीं आएंगी तो उन्हें कैसा लगेगा?. इस बार, मुझे शारीरिक समस्या थी. मैं सीढ़ियाँ नहीं चढ़ सकती थी. तब सचिन ने मेरे लिए खास तौर पर एक रैंप बनवाया. भारी भीड़ होने के कारण, सचिन ने मेरे लिए व्हीलचेयर भी मंगवाई.” सचिन ने पहले एक मदर्स डे पर अपनी माताजी के बारे में कहा था कि “वह एक ऐसी महिला है जो बाकी सभी की जगह ले सकती है, लेकिन उसकी जगह कोई और नहीं ले सकता!”

एमएस धोनी की मां

2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भारतीय क्रिकेटर्स अपनी मां के नाम लिखी हुई जर्सी पहनकर खेले थे. उस दौरान एक इंटरव्यू में धोनी ने कहा था, “आप मुझसे पूछे तो ये इस बारे में था कि मैं अपनी मां से कितनी भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ हूं. पिता का भी रोल महत्वपूर्ण होता है लेकिन हम मां की सराहना नहीं कर पाते, जैसे हमें करनी चाहिए.”

“हम जिस तरह 15 अगस्त, 26 जनवरी से पहले देशभक्ति में डूब जाते हैं. वो जरुरी भी है कि वो जो देश की रक्षा के लिए कर रहे हैं, उसके लिए हम रोज उनका धन्यवाद करें. हमें अपनी मां के रोल के लिए उनके साथ भी ऐसा करना चाहिए.”



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