झुग्गीवासियों के लिए पानी और स्वच्छता बनी प्राथमिक मांग
दिल्ली के झुग्गी इलाकों में रहने वाले लाखों लोग पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक बहस के केंद्र में आ गया है। झुग्गीवासियों का कहना है कि विभिन्न सरकारों ने उनके लिए योजनाओं का वादा तो किया, लेकिन जमीनी हकीकत में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ।
झुग्गियों में पानी और स्वच्छता की स्थिति
1. पानी की किल्लत
- झुग्गियों में पानी की सप्लाई या तो बहुत सीमित है या पूरी तरह से अनुपलब्ध।
- टैंकरों पर निर्भरता: अधिकांश झुग्गी निवासी पानी के लिए सरकारी या निजी टैंकरों पर निर्भर हैं।
- पीने योग्य साफ पानी की कमी के कारण बीमारियां जैसे डायरिया और टाइफाइड आम हैं।
2. शौचालय और स्वच्छता की खराब स्थिति
- झुग्गियों में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बेहद कम है और उनकी स्थिति दयनीय है।
- कई जगहों पर लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
- कचरा प्रबंधन और नाली व्यवस्था भी खराब है, जिससे जलभराव और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है।
3. स्वास्थ्य समस्याएं
- गंदा पानी और खराब स्वच्छता के कारण झुग्गियों में पानी से जुड़ी बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण आम हैं।
- बच्चों और महिलाओं पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है।
राजनीतिक दलों के वादे और हकीकत
1. आम आदमी पार्टी (AAP)
- “जहां झुग्गी, वहीं मकान” योजना के तहत, AAP ने झुग्गीवासियों को बुनियादी सुविधाएं देने का वादा किया।
- सरकार ने कुछ क्षेत्रों में पानी और शौचालय की सुविधाएं बढ़ाई हैं, लेकिन यह प्रयास अधूरे हैं।
- फ्री पानी योजना भी झुग्गियों में प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाई।
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- बीजेपी ने झुग्गियों को पुनर्विकसित करने और उन्हें स्मार्ट हाउसिंग सुविधाओं में बदलने का वादा किया है।
- हालांकि, झुग्गी क्षेत्रों में उनकी योजनाओं का क्रियान्वयन धीमा है।
3. कांग्रेस पार्टी
- कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में राजीव आवास योजना के तहत झुग्गीवासियों के लिए स्थायी आवास का वादा किया था।
- लेकिन कई परियोजनाएं या तो अधूरी रहीं या पूरी तरह लागू नहीं हो सकीं।
झुग्गीवासियों की मांगें
1. साफ पानी की उपलब्धता
- झुग्गीवासियों की प्राथमिक मांग पीने योग्य साफ पानी की आपूर्ति है।
- पानी की टैंकर आधारित व्यवस्था को स्थायी पाइपलाइन सिस्टम से बदलने की आवश्यकता है।
2. स्वच्छता और शौचालय सुविधाएं
- सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाई जाए और उनकी नियमित सफाई की जाए।
- झुग्गियों में कचरा प्रबंधन और जल निकासी की व्यवस्था सुधारी जाए।
3. स्थायी समाधान
- झुग्गियों के लिए स्थायी आवास और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
- स्वच्छता और पानी से जुड़ी सेवाओं के लिए स्थायी बुनियादी ढांचा विकसित किया जाए।
चुनाव से पहले झुग्गी मुद्दे पर राजनीतिक रणनीति
1. वादों की बारिश
- चुनाव के करीब आते ही राजनीतिक दल झुग्गीवासियों को लुभाने के लिए नए वादे और योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।
- पानी और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर ठोस योजनाएं पेश की जा सकती हैं।
2. फोकस क्षेत्रों की पहचान
- राजनीतिक दल उन झुग्गी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां उनकी पकड़ कमजोर है।
- इन इलाकों में पानी के टैंकर भेजना और शौचालय निर्माण शुरू करना आम रणनीति हो सकती है।
3. जनसभाएं और संवाद
- झुग्गीवासियों के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए, दल जनसभाएं आयोजित करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनने का प्रयास करेंगे।
सरकार और सामाजिक संगठनों की भूमिका
1. सरकारी प्रयास
- दिल्ली जल बोर्ड को झुग्गियों में पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू करनी चाहिए।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत झुग्गी क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण और रखरखाव किया जा सकता है।
2. सामाजिक संगठन
- कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) झुग्गी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं।
- इन संगठनों को सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि ज़मीनी स्तर पर बेहतर परिणाम मिल सकें।
3. सामुदायिक भागीदारी
- झुग्गीवासियों को जागरूक करना और उन्हें पानी और स्वच्छता प्रबंधन में शामिल करना जरूरी है।
झुग्गियों में सुधार के लिए सुझाव
1. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP मॉडल)
- पानी और स्वच्छता सुविधाओं को सुधारने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल अपनाया जा सकता है।
2. डिजिटलीकरण
- झुग्गियों में बुनियादी सुविधाओं के वितरण को डिजिटली ट्रैक और प्रबंधित किया जाए।
- निवासियों के लिए पानी की उपलब्धता और शिकायत निवारण की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा सकता है।
3. स्वच्छता और पानी पर विशेष बजट
- झुग्गी क्षेत्रों के लिए विशेष बजट आवंटित किया जाए ताकि पानी और स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं को हल किया जा सके।
निष्कर्ष
दिल्ली के झुग्गीवासियों के लिए पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का संघर्ष विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। राजनीतिक दलों के लिए यह जरूरी है कि वे केवल वादे करने के बजाय जमीनी सुधार लाने के लिए काम करें।
यह स्पष्ट है कि झुग्गी क्षेत्रों के विकास के बिना दिल्ली का समग्र विकास अधूरा है। यह समय है कि सरकार और राजनीतिक दल झुग्गीवासियों के अधिकारों और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं।