यूनिसेफ ने हाल ही में चेतावनी दी है कि सब-सहारा अफ्रीका में बच्चों में कुपोषण की दर तेजी से बढ़ रही है, जिससे लाखों बच्चों का जीवन और भविष्य खतरे में है। जलवायु परिवर्तन, आर्थिक संकट, संघर्ष, और खाद्य असुरक्षा जैसे कारकों ने इस क्षेत्र में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है।
मुख्य आंकड़े और तथ्य
- चौंकाने वाले आंकड़े:
- यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, सब-सहारा अफ्रीका में एक तिहाई बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
- लगभग 45 मिलियन बच्चे गंभीर रूप से अल्प-पोषित (Severe Acute Malnutrition) हैं।
- स्टंटिंग (Growth Faltering):
- 40% से अधिक बच्चे स्टंटिंग से प्रभावित हैं, यानी उनकी उम्र के अनुसार उनका शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है।
- वेस्टिंग (Weight Loss):
- हर साल लाखों बच्चे वेस्टिंग से पीड़ित होते हैं, जिसमें वजन तेजी से गिरता है और जान का खतरा बढ़ जाता है।
कुपोषण के मुख्य कारण
1. खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity):
- सूखे और बाढ़ जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने खेती और खाद्य उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
- इस क्षेत्र में परिवारों की खाद्य आपूर्ति असुरक्षित हो गई है।
2. आर्थिक संकट:
- बढ़ती मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता के कारण लोगों की क्रय शक्ति कमजोर हुई है।
- कई परिवार पौष्टिक आहार का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं।
3. सशस्त्र संघर्ष और विस्थापन:
- नाइजीरिया, सोमालिया, सूडान, और इथियोपिया जैसे देशों में संघर्ष और आंतरिक विस्थापन के कारण कुपोषण की समस्या गहराती जा रही है।
4. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी:
- सब-सहारा अफ्रीका में स्वास्थ्य सेवाएं और टीकाकरण सुविधाएं अपर्याप्त हैं, जिससे बच्चे बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
- स्वच्छता और स्वच्छ जल की कमी स्थिति को और बदतर बना रही है।
प्रभावित देश:
- सूडान और दक्षिण सूडान: आंतरिक संघर्ष और खाद्य संकट के कारण कुपोषण का स्तर उच्चतम पर है।
- नाइजीरिया: आतंकवाद और गरीबी के कारण लाखों बच्चे भुखमरी से जूझ रहे हैं।
- सहेल क्षेत्र: यहां सूखे के कारण खाद्य उत्पादन लगभग ठप हो गया है।
यूनिसेफ की चेतावनी:
- यूनिसेफ का कहना है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले महीनों में कुपोषण से मौतों की संख्या में भारी वृद्धि हो सकती है।
- इस संकट से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर मानवीय सहायता और धन जुटाने की जरूरत है।
संभावित समाधान और प्रयास
1. खाद्य सहायता कार्यक्रम:
- UNICEF और WFP जैसे संगठनों को तत्काल पौष्टिक भोजन और Ready-to-Use Therapeutic Food (RUTF) की आपूर्ति करनी चाहिए।
2. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
- टीकाकरण, स्वच्छता कार्यक्रम और स्वास्थ्य केंद्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
3. जलवायु परिवर्तन से निपटना:
- जलवायु अनुकूलन तकनीकों के जरिए कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
4. शिक्षा और जागरूकता:
- माता-पिता को पोषण के महत्व और स्वस्थ आहार के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
वैश्विक समुदाय का आह्वान
यूनिसेफ ने वैश्विक समुदाय से इस संकट पर तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है। इसमें शामिल हैं:
- मानवीय सहायता फंड जुटाना।
- पोषण कार्यक्रमों के लिए आर्थिक और तकनीकी समर्थन देना।
- राजनीतिक स्थिरता और संघर्ष समाधान के प्रयास तेज करना।
निष्कर्ष:
सब-सहारा अफ्रीका में बढ़ता कुपोषण संकट लाखों बच्चों के जीवन को खतरे में डाल रहा है। जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और आर्थिक चुनौतियों से उत्पन्न इस समस्या का समाधान वैश्विक एकजुटता और तत्काल सहायता के बिना संभव नहीं है। अगर समय रहते कदम न उठाए गए, तो यह संकट एक पीढ़ी के भविष्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।