Friday, April 25, 2025
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Canada’s Climate Policies Meet Resistance from Business Sector

कनाडा की सरकार की जलवायु नीतियों को लेकर देश के व्यावसायिक क्षेत्र में बढ़ता विरोध सामने आ रहा है। इन नीतियों का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और 2050 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है, लेकिन व्यापारिक समुदाय इसे आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए बाधा मान रहा है।


जलवायु नीतियों के प्रमुख पहलू

  1. कार्बन टैक्स में वृद्धि:
    • सरकार ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन टैक्स में वृद्धि की है, जिससे औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्रों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ा है।
  2. क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन:
    • तेल और गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
  3. कठोर पर्यावरणीय मानक:
    • कंपनियों के लिए सख्त उत्सर्जन लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जो उन्हें अतिरिक्त तकनीकी निवेश और लागत बढ़ाने के लिए बाध्य कर रहे हैं।
  4. ग्रीन तकनीक में निवेश:
    • सरकार ने ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की घोषणा की है, जिससे पारंपरिक उद्योगों में बदलाव की मांग की जा रही है।

व्यवसायिक क्षेत्र की चिंताएं

1. आर्थिक बोझ और प्रतिस्पर्धा पर असर:

  • कार्बन टैक्स और कड़े पर्यावरणीय नियमों से उत्पादन लागत बढ़ रही है।
  • कनाडा के उद्योगों का कहना है कि इससे वे वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा खो सकते हैं, खासकर अमेरिका और चीन जैसे देशों से।

2. रोजगार पर प्रभाव:

  • तेल, गैस और खनन जैसे उद्योगों में रोजगार का खतरा बढ़ गया है।
  • छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) नई नीतियों के अनुरूप खुद को ढालने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।

3. निवेश में गिरावट:

  • कंपनियां ऊर्जा-गहन क्षेत्रों में निवेश करने से हिचक रही हैं, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

4. अनिश्चितता:

  • लंबे समय तक लागू होने वाली नीतियों के कारण व्यवसायिक जगत में निवेश निर्णयों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है।

सरकार का पक्ष

  • प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटना राष्ट्रीय प्राथमिकता है।
  • सरकार का दावा है कि ये नीतियां दीर्घकालिक आर्थिक विकास और ग्रीन जॉब्स के सृजन में मदद करेंगी।
  • ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश से नए उद्योगों और अवसरों का निर्माण होगा।

व्यापार जगत की मांगें

  1. लचीली नीतियां:
    • कंपनियां चाहती हैं कि जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अधिक समय दिया जाए।
  2. उत्पादन लागत में राहत:
    • कार्बन टैक्स और पर्यावरणीय मानकों को लागू करते समय उद्योगों को करों में छूट और वित्तीय सहायता दी जाए।
  3. नवीकरणीय ऊर्जा के लिए तकनीकी मदद:
    • सरकार से टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में सहायता और स्वच्छ ऊर्जा में निवेश के लिए सब्सिडी की मांग की जा रही है।
  4. वैश्विक समन्वय:
    • कनाडाई उद्योग चाहते हैं कि जलवायु नीतियों का वैश्विक स्तर पर एक समान क्रियान्वयन हो ताकि प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित न हो।

विशेषज्ञों की राय

  • जलवायु विशेषज्ञ: उनका कहना है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से ये नीतियां पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभदायक होंगी।
  • आर्थिक विश्लेषक: वे मानते हैं कि ग्रीन एनर्जी में निवेश से नई नौकरियों का सृजन होगा, लेकिन इस बदलाव के लिए उद्योगों को संक्रमण काल में वित्तीय राहत दी जानी चाहिए।

आगे की राह:

  1. संतुलित नीतियां:
    • सरकार को जलवायु लक्ष्यों और आर्थिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करना होगा।
  2. निवेश प्रोत्साहन:
    • ग्रीन एनर्जी और तकनीकी नवाचार में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाए।
  3. संवाद और भागीदारी:
    • सरकार और व्यावसायिक समुदाय के बीच सकारात्मक संवाद के जरिए समाधान ढूंढना जरूरी है।

निष्कर्ष:

कनाडा की जलवायु नीतियों का उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है, लेकिन इसका प्रभाव व्यावसायिक क्षेत्र पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। सरकार और उद्योगों के बीच संवाद और समझौता इस संक्रमण काल को सुचारू बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। यदि सही नीतियों के साथ समर्थन प्रदान किया गया, तो कनाडा ग्रीन अर्थव्यवस्था के लिए एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन सकता है।

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