तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (BRS) के विधायकों ने मंगलवार को K.T. रामाराव (KTR) के नेतृत्व में अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। सभी विधायक ऑटो ड्राइवरों की वेशभूषा में विधानसभा पहुँचे और राज्य सरकार से ₹12,000 वेलफेयर योजना को तत्काल लागू करने की माँग की।
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य:
BRS विधायकों ने ऑटो-रिक्शा चालकों के लिए ₹12,000 की वार्षिक वित्तीय सहायता योजना की माँग करते हुए सरकार पर जनकल्याणकारी योजनाओं की अनदेखी का आरोप लगाया।
प्रदर्शन के प्रमुख बिंदु:
- KTR का नेतृत्व:
- BRS के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री केटी रामाराव (KTR) ने कहा कि राज्य सरकार को ऑटो चालकों के जीवनयापन में मदद करनी चाहिए।
- उन्होंने दावा किया कि ऑटो ड्राइवर कोरोना महामारी और बढ़ती महंगाई के चलते आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
- ऑटो ड्राइवरों की वेशभूषा:
- विधायक खाकी वर्दी और ऑटो चालक टोपी पहनकर विधानसभा पहुँचे, जिससे उनका विरोध प्रतीकात्मक और असरदार दिखा।
- वेलफेयर योजना:
- ₹12,000 की वार्षिक सहायता योजना की माँग की गई, जिससे ऑटो चालकों को राहत मिले।
- KTR ने कहा कि यह योजना राज्य के लाखों ऑटो ड्राइवरों की आर्थिक स्थिति सुधार सकती है।
- सरकार पर निशाना:
- BRS विधायकों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसने गरीब और मध्यम वर्ग की योजनाओं को नज़रअंदाज़ किया है।
KTR का बयान:
“यह सरकार गरीबों और श्रमिक वर्ग के लिए नाकाम साबित हुई है। ऑटो चालक हमारे समाज की रीढ़ हैं और उन्हें वित्तीय सहायता की सख्त जरूरत है। हमारी माँग है कि सरकार ₹12,000 की सहायता तत्काल लागू करे।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- कांग्रेस सरकार का जवाब:
- राज्य सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह श्रमिक वर्ग और गरीबों के हित में कई योजनाएँ लागू कर रही है।
- विपक्ष का समर्थन:
- कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी BRS की इस माँग को समर्थन दिया।
ऑटो ड्राइवरों की स्थिति:
- आर्थिक संकट:
- तेल की बढ़ती कीमतों और महंगाई ने ऑटो चालकों की कमाई पर बुरा असर डाला है।
- सरकारी सहायता:
- अन्य राज्यों की तरह तेलंगाना में भी वित्तीय सहायता की माँग बढ़ रही है।
निष्कर्ष:
BRS विधायकों का यह अनोखा प्रदर्शन राज्य सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति है ताकि ऑटो ड्राइवरों को ₹12,000 वेलफेयर योजना का लाभ दिया जा सके। KTR के इस नेतृत्व ने विरोध प्रदर्शन को प्रभावशाली और जनसंपर्क वाला बना दिया है।
“यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक संदेश है कि आम आदमी की समस्याओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।”