अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को मध्य पूर्व संघर्ष से निपटने के उनके दृष्टिकोण को लेकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बाइडन प्रशासन की नीतियों को असंतुलित, प्रतिक्रियात्मक और अस्पष्ट करार दिया जा रहा है, खासकर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और क्षेत्र में बढ़ते अस्थिर माहौल के संदर्भ में।
मुख्य बिंदु:
1. इजरायल-गाजा संघर्ष पर अमेरिका का रुख
- बाइडन प्रशासन का इजरायल के प्रति मजबूत समर्थन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विवाद का विषय बना हुआ है।
- आलोचकों का कहना है कि अमेरिका ने इजरायल के सैन्य कदमों की निंदा करने से बचते हुए फिलिस्तीन के नागरिकों के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं दिखाया।
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने बार-बार नागरिकों की सुरक्षा और संघर्षविराम की मांग की है, लेकिन अमेरिका ने इस पर संतुलित प्रतिक्रिया नहीं दी।
2. दोहरे मानकों का आरोप
- कई देशों का मानना है कि बाइडन प्रशासन के नीतिगत रुख में दोहरे मापदंड दिखाई देते हैं।
- जबकि यूक्रेन-रूस संघर्ष में अमेरिका ने नागरिक सुरक्षा और मानवीय मूल्यों पर जोर दिया है, वहीं मध्य पूर्व के मामले में यह उतनी सक्रियता नहीं दिखा पा रहा है।
- इस मुद्दे पर यूरोपीय सहयोगियों और वैश्विक संगठनों के साथ असहमति बढ़ी है।
3. घरेलू आलोचना
- अमेरिका के अंदर भी डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रगतिशील गुट और युवा मतदाता बाइडन प्रशासन के कदमों पर सवाल उठा रहे हैं।
- प्रोटेस्ट और रैलियों के माध्यम से कई अमेरिकी नागरिक गाजा में मानवीय संकट को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं।
- बाइडन के आलोचकों का कहना है कि उनकी नीति शांतिवार्ता की बजाय सैन्य समाधान को बढ़ावा दे रही है।
4. कूटनीतिक विफलता
- मध्य पूर्व में स्थिरता लाने के लिए अमेरिका की कूटनीतिक कोशिशें अभी तक सफल नहीं हो सकी हैं।
- अमेरिका की ओर से भेजे गए शांति दूतों और बैठकों के बावजूद, तनाव और सैन्य कार्रवाइयों में कमी नहीं आई है।
- बाइडन प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि वह स्थानीय नेतृत्व को शामिल करने में असफल रहा है।
मध्य पूर्व नीति के प्रमुख आलोचनात्मक बिंदु
- मानवीय संकट की अनदेखी: गाजा और अन्य क्षेत्रों में बिगड़ते हालात को लेकर पर्याप्त मानवीय मदद नहीं दी गई।
- असंतुलित समर्थन: इजरायल को सैन्य और राजनीतिक समर्थन देकर अमेरिका की भूमिका को निष्पक्ष नहीं माना जा रहा।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव: संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं की अपील के बावजूद संघर्षविराम की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
- घरेलू विभाजन: अमेरिकी समाज में इस मुद्दे पर गहरी मतभेद उभर रहे हैं, जो बाइडन की लोकप्रियता पर असर डाल सकते हैं।
बाइडन प्रशासन की प्रतिक्रिया
- बाइडन ने कहा है कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही दो-राज्य समाधान (Two-State Solution) का समर्थन करता है।
- बाइडन प्रशासन लगातार शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रहा है।
- हाल ही में मानवीय सहायता भेजने की घोषणाएं हुई हैं, लेकिन आलोचकों के अनुसार यह नाकाफी है।
आगे की चुनौतियां
- शांतिवार्ता को प्राथमिकता: अमेरिका को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सीधी बातचीत के लिए प्रभावी भूमिका निभानी होगी।
- मानवीय राहत: गाजा और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता बढ़ाना जरूरी है।
- निष्पक्ष कूटनीति: अमेरिका को अपनी छवि सुधारने के लिए निष्पक्ष नीति अपनानी होगी।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: वैश्विक मंचों पर साझेदारी के साथ स्थिरता के प्रयासों को तेज करना होगा।