Last Updated:
Jose Mujica News: लैटिन अमेरिका में कई ऐसे विद्रोही नेता हुए हैं, जिनकी ख्याति देश के साथ ही दुनिया तक फैली. उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति होजे मुइका उनमें से एक थे. उन्होंने गोरिल्ला लड़ाका से राष्ट्रपति भ…और पढ़ें
उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति और लेफ्ट लीडर होजे मुइका का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. (फोटो: एपी)
हाइलाइट्स
- उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति होजे मुइका का थ्रोट कैंसर की वजह से निधन
- तानाशही के दिनों में लोकतंत्र की बहाली के लिए लगातार करते रहे लड़ाई
- दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति का मिला था तमगा, जनता में थे मशहूर
लैटिन अमेरिका ने दुनिया को कई विद्रोही नेता दिए हैं, जिन्होंने वर्ल्ड पॉलिटिक्स को व्यापक पैमाने पर प्रभावित किया. उनकी विचारधारा और आचरण ने फूल की खुशबू की तरह सीमाओं से परे जाकर आमलोगों के जीवन पर पॉजिटिव असर डाला. उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति होजे मुइका उन्हीं महान नेताओं में से एक थे. उन्होंने जंगल से राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया. उरुग्वे में जब तानाशाही थी तो मुइका ने गोरिल्ला वॉर का नेतृत्व किया. उनके अथक प्रयासों के चलते ही उरुग्वे में लोकतंत्र का झंडा बुलंद हो सका था. मुइका अपने देश के रष्ट्रपति बने लेकिन प्रेसिडेंशियल पैलेस में नहीं रहे. उनका मानना था कि लग्जरी लाइफस्टाइल से राष्ट्रपति का जनता से तलाक हो जाता है. सिंपल तरीके से जीवन जीने के चलते उन्हें ‘दुनिया का सबसे गरीब राष्ट्रपति’ भी कहा जाता था. अब यह दिग्गज नेता हमारे बीच नहीं हैं. गले का कैंसर की वजह से 89 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, पर उनकी राजनीतिक और वैचारिक विरासत न केवल उरुग्वे बल्कि दुनियाभर में आने वाले कई दशकों तक कायम रहेगी.
उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांदु ओरसी ने होजे मुइका के निधन की सूचना सार्वजनिक की. मुइका को साल 2024 में गले का कैंसर हो गया था. मुइका का जन्म उरुग्वे की राजधानी मॉन्टेविडियो में एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता किसान थे और मां का परिवार इतालवी प्रवासियों से था. 1960 के दशक में मुइका तुपमारोस (Tupamaros) नामक वामपंथी गोरिल्ला आंदोलन में शामिल हुए. मुइका ने उरुग्वे की सैन्य तानाशाही के खिलाफ जारी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया था. इस दौरान उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया. 1970-1980 के दशक में उन्होंने 14 साल जेल में बिताए, जिसमें 10 साल कठोर एकांतवास में गुजरे. इस दौरान किताब ही उनका एकमात्र साथी था.
राष्ट्रपति भवन में कभी नहीं रहे
मुइका 2010 से 2015 तक उरुग्वे के रष्ट्रपति रहे. यह जानकर हैरानी होगी कि मुइका ने राष्ट्रपति रहते हुए मॉन्टेविडियो के बाहर एक साधारण फार्महाउस में रहना चुना. उन्होंने सरकारी महल ठुकरा दिया. उनकी एकमात्र संपत्ति थी 1987 मॉडल की फोक्सवैगन बीटल कार. यह उनकी पहचान भी थी. मुइका साधारण कपड़े पहनते थे और अपने खेत में खुद काम करते थे. सादगी भरा जीवन जीने के चलते उन्हें दुनिया भर में सम्मान मिला. मुइका को दुनिया का सबसे गरीब राष्ट्रपति भी कहा जाता था.
लंबे समय की साथी संग विवाह
उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति और क्रांतिकारी नेता मुइका ने साल 2005 में अपनी लंबे समय की साथी लुसिया तोपोलान्स्की से शादी की थी. लुसिया खुद एक राजनेता और पूर्व तुपमारोस की सदस्य थीं. उनके निधन के बाद भी उनकी सादगी, मानवतावाद और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करता है. मुइका का एक प्रसिद्ध कथन है – अगर आप कम सामान के साथ खुश रह सकते हैं, तो आप वास्तव में आज़ाद हैं. उन्होंने उपभोक्तावाद के बजाय सादा और सार्थक जीवन पर जोर दिया था. उनके विचारों का व्यापक पैमाने पर असर पड़ा और करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ.

बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें