Wednesday, June 25, 2025
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सफेद चीनी की तुलना में कितनी फायदेमंद होती है ब्राउन शुगर? आज जान लीजिए सच


Brown Sugar Benefits: जब भी हम हेल्दी खाने की बात करते हैं, तो सबसे पहले मीठे को नहीं खाने की सलाह दी जाती है. जिसकी वजह से एक नाम तेजी से पॉपुलर हो गया है, ब्राउन शुगर…सोशल मीडिया हो या हेल्थ ब्लॉग्स, हर जगह यही कहा जा रहा है कि, ब्राउन शुगर सेहत के लिए बेहतर है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? क्या ब्राउन शुगर खाने से सेहत पर कोई पॉजिटिव असर पड़ता है या ये सिर्फ सफेद चीनी की नई पैकेजिंग है?अगर आप भी कंफ्यूज हैं कि, अपने किचन में कौन सी चीनी रखनी चाहिए- ब्राउन या सफेद तो आज समझने की कोशिश करिये. 

ब्राउन शुगर बनती कैसे है? 

सफेद चीनी में थोड़ा सा गुड़  मिलाकर बनाई जाती है. ये हल्का ब्राउन रंग और थोड़ी अलग खुशबू देता है. वहीं सफेद चीनी को पूरी तरह रिफाइन किया जाता है, जिससे उसका नेचुरल सिरप और रंग दोनों हट जाते हैं. तो ब्राउन शुगर थोड़ी कम प्रोसेस्ड होती है. ब्राउन शुगर में थोड़ा बहुत कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम होता है. लेकिन ध्यान रहे, ये मात्रा इतनी कम होती है कि, इससे कोई बड़ा पोषण नहीं मिलता. वहीं दूसरी तरफ सफेद चीनी में कोई भी न्यूट्रिएंट्स नहीं होते. तो अगर आप सोचते हैं कि ब्राउन शुगर खाने से आपको विटामिन और मिनरल्स मिलेंगे, तो ये पूरी तरह सही नहीं है. 

ये भी पढ़े- रात में क्यों नहीं खाना चाहिए खीरा, जानें इससे क्या हो सकते हैं नुकसान?

कैलोरीज और मिठास कितनी होती है 

कैलोरी की बात करें तो ब्राउन और सफेद चीनी लगभग बराबर ही होती हैं. अगर आप एक चम्मच ब्राउन शुगर लेते हैं तो उसमें 15 से 17 तक कैलोरी होती है. वहीं अगर व्हाइट शुगर लेते हैं तो उसमें 16 तक की कैलोरी होती है.यानी ये मामूल का अंतर है. ब्राउन शुगर थोड़ी कम मीठी लगती है क्योंकि उसमें नमी होती है, इसलिए कुछ लोग ज्यादा मात्रा में डाल देते हैं, जो सेहत के लिए उल्टा असर कर सकती है. 

स्वाद और उपयोग कैसे किया जाता है 

ब्राउन शुगर का फ्लेवर थोड़ा अलग होता है, जो कुछ रेसिपीज जैसे कुकीज, केक या ओट्स में अच्छा लगता है. लेकिन चाय या कॉफी में सफेद चीनी ठीक लगती है. क्योंकि उसका स्वाद हल्का और होता है. 

साफ-साफ कहें तो ब्राउन शुगर हेल्दी ऑप्शन नहीं है, बल्कि सिर्फ थोड़ा कम प्रोसेस्ड विकल्प है. इसमें थोड़ी बहुत न्यूट्रिशनल जरूर है, लेकिन वो इतनी कम है कि उसके लिए इसे “हेल्दी” कहना सही नहीं होगा. अगर आप सच में स्वास्थ को लेकर सजग हैं, तो बेहतर विकल्प गुड़ और शहद होता है. इसलिए अगली बार जब आप ब्राउन शुगर को “डायट फ्रेंडली” समझकर चाय में डालें, तो जरा एक बार सोचकर देखें. 

यह भी पढ़ें : पूरी तरह शुगर छोड़ने के फायदे तो जान गए होंगे, अब जान लीजिए क्या है इसके नुकसान

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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