Friday, June 20, 2025
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सड़क हादसे में घायल को अब मिलेगा तुरंत इलाज: सरकार उठाएगी 1.5 लाख रुपए तक का खर्च, कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम हुई लागू


6 घंटे पहले

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हर साल सड़क हादसे के बाद वक्त पर इलाज न मिलने की वजह से हजारों लोग जान गंवा देते हैं। कभी अस्पताल एडवांस की मांग करता है, तो कभी इंश्योरेंस पॉलिसी दिखाने की शर्त आड़े आ जाती है। हालांकि ऐसा नहीं होगा।

भारत सरकार ने 5 मई 2025 से ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025’ की शुरुआत की है, जो सड़क हादसों के शिकार लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनेगी। इस स्कीम के तहत घायल व्यक्ति को 1.5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। वह भी बिना किसी कागजी झंझट, एडवांस या इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट के।

सरकार देशभर के चुनिंदा सरकारी और निजी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ेगी, जिससे हादसे के तुरंत बाद इलाज शुरू हो सके और अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सके।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर जानते हैं कि ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025’ क्या है? साथ ही बात करेंगे कि-

  • इस स्कीम की खास बात क्या है?
  • क्या इस स्कीम में कोई शर्तें हैं?

सवाल- कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 क्या है?

जवाब- कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 एक ऐसी सरकारी योजना है, जिससे लोगों को अस्पताल में इलाज के लिए पैसे साथ ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सड़क दुर्घटना में घायल होने पर पीड़ित का इलाज बिना पैसे दिए हो जाएगा। ये स्कीम खासतौर पर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।

सवाल- इस स्कीम का किन लोगों को फायदा मिलेगा?

जवाब- इस स्कीम का फायदा सड़क हादसे में घायल किसी भी व्यक्ति को मिलेगा। चाहे वह गाड़ी चला रहा हो, उसमें बैठा हो या सड़क पर पैदल जा रहा हो। बस हादसा सड़क पर हुआ हो और घायल को सरकार द्वारा तय किए गए अस्पताल में ले जाया जाए।

सवाल- क्या यह योजना किसी खास राज्य के लिए है?

जवाब- नहीं, यह योजना पूरे भारत में लागू होगी। चाहे आप किसी भी राज्य, शहर या गांव से हों, आपको इसका लाभ मिलेगा।

ध्यान देने वाली खास बातें:

  • आपकी आर्थिक स्थिति, जाति या इंश्योरेंस होने की जरूरत नहीं है।
  • इलाज के लिए किसी तरह के कागजात की भी बाध्यता नहीं है।
  • हादसा देश के किसी भी कोने में हो, तुरंत इलाज की सुविधा मिलेगी।

सवाल- कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम में क्या-क्या कवर किया जाएगा?

जवाब- इस स्कीम में सिर्फ शुरुआती इमरजेंसी इलाज ही नहीं, बल्कि चोट की गंभीरता के हिसाब से पूरा हॉस्पिटल में इलाज, ऑपरेशन, दवाइयां, जांच-पड़ताल और जरूरी मेडिकल सपोर्ट भी कवर किया जाएगा। इसे ग्राफिक से देखिए-

सवाल- सरकार को ये स्कीम लाने की जरूरत क्यों लगी?

जवाब- सड़क दुर्घटनाएं भारत में बड़ी समस्या हैं। 2023 में लगभग 1.70 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, यानी हर 3 मिनट में एक जान चली जाती है।

हादसे के बाद घायल को ‘गोल्डन आवर’ यानी दुर्घटना के पहले एक घंटे के अंदर इलाज मिलना सबसे जरूरी होता है। इस समय अगर सही और तुरंत इलाज मिल जाए तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।

लेकिन अक्सर इलाज के लिए अस्पताल एडवांस और इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट्स मांगते हैं, जिससे घायलों को मदद मिलने में देर हो जाती है। आर्थिक और प्रशासनिक दिक्कतों की वजह से कई बार यह ‘गोल्डन आवर’ नाकाम हो जाता है।

इसी कारण सरकार ने ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025’ शुरू की है, ताकि घायलों को तुरंत, बिना किसी रुकावट के इलाज मिले और उनकी जान बचाई जा सके।

सवाल- अस्पताल को पेमेंट कैसे मिलेगा?

जवाब- जब मरीज ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी लेगा तो अस्पताल इलाज का बिल एक सरकारी पोर्टल पर डालेगा। फिर राज्य की हेल्थ एजेंसी उस बिल को चेक करेगी और सही पाए जाने पर अस्पताल को पैसा दे देगी।

सवाल- ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम’ की शुरुआत कब और कैसे हुई?

जवाब- इस स्कीम की शुरुआत 14 मार्च 2024 को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी, ताकि सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत और मुफ्त इलाज मिल सके। इसके सफल ट्रायल के बाद, 7 जनवरी 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे पूरे देश में लागू करने की घोषणा की थी।

सवाल- सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कीम को लेकर क्या निर्देश दिए हैं?

जवाब- 13 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए कि यह स्कीम सिर्फ कागजों में नहीं, जमीन पर भी पूरी तरह लागू होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सड़क हादसों के शिकार लोगों को ‘गोल्डन ऑवर’ में इलाज देना कानूनन जरूरी है। इसलिए सरकार यह सुनिश्चित करे कि हर जरूरतमंद को समय रहते कैशलेस इलाज मिले। साथ ही कोर्ट ने केंद्र से अगस्त 2025 तक यह रिपोर्ट भी मांगी है कि इस योजना से अब तक कितने लोगों को फायदा मिला है।

सवाल- ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025’ को सुचारु रूप से लागू करने के लिए कौन-सी टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा?

जवाब- इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दो प्रमुख डिजिटल प्रणालियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो दुर्घटना की सूचना से लेकर अस्पताल में इलाज और पेमेंट प्रक्रिया प्रक्रिया तक को सरल और पारदर्शी बनाती हैं।

ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (eDAR):

यह प्रणाली सड़क दुर्घटनाओं की विस्तृत जानकारी को डिजिटल रूप से दर्ज करती है। पुलिस द्वारा दुर्घटना की सूचना, स्थान, समय, वाहन की जानकारी और घायल व्यक्ति की डिटेल को इसमें रिकॉर्ड किया जाता है। इससे दुर्घटना की रिपोर्टिंग तेज होती है और इलाज प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा सकती है।

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) का ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम:

यह प्रणाली अस्पतालों द्वारा किए गए इलाज के खर्चों को सीधे सरकार से सेटल करने में मदद करती है। इससे मरीज या उसके परिवार को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करना पड़ता और अस्पताल को भी भुगतान समय पर मिल जाता है।

इन दोनों प्रणालियों के एकीकृत इस्तेमाल से इलाज की प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और भरोसेमंद बनती है। इससे सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर जरूरी इलाज मिलता है।

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