Wednesday, June 25, 2025
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विराट कोहली प्रेमानंद महाराज से मिलने वृंदावन पहुंचे: पत्नी अनुष्का भी साथ; कल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था – Mathura News


तस्वीर 4 महीने पहले 10 जनवरी 2025 की है। विराट कोहली, पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे थे।

विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन मथुरा के वृंदावन पहुंचे। मंगलवार सुबह उन्होंने केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करके आशीर्वाद लिया। पत्नी अनुष्का शर्मा भी साथ हैं। विराट कोहली का वृंदावन का यह तीसरा दौरा था।

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इससे पहले वह 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को वृंदावन आए थे। दोनों बार प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। विराट कोहली वृंदावन में होटल रेडिसन में रुके हैं। मंगलवार तड़के यहां से प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे।

विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा था- टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।

विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाए। विराट ने 7 दोहरे शतक लगाए। 2017 और 2018 में वे टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए।

विराट कोहली वृंदावन में होटल रेडिसन में रुके हैं। मंगलवार सुबह कार से वह प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे।

विराट ने पूछा था- असफलता में हमें कैसे रहना है? विराट-अनुष्का दोनों बच्चों के साथ 10 जनवरी 2025 को भी प्रेमानंद महाराज से मिलने आए थे। दोनों ने करीब 30 मिनट तक आध्यात्मिक चर्चा की। अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से भक्ति के लिए आशीर्वाद मांगा।

तब बातचीत के दौरान विराट ने पूछा, ‘असफलता से कैसे निकलें। महाराज ने कहा, ‘अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है। अपने अभ्यास को निरंतर और नियंत्रण में रखते हुए आगे बढ़ें। जैसे मेरे लिए नाम जप एक साधना है, वैसे ही आपके लिए क्रिकेट साधना है। बस बीच-बीच में भगवान का नाम लेते रहें।’

महाराज बोले- उस समय हमको भगवान का चिंतन करते हुए धैर्य रखना है। ये बड़ा कठिन है। असफलता में कोई धैर्यपूर्वक मुस्कुरा के निकल जाए, ये बहुत बड़ी बात होती है। असफलता हमेशा नहीं रहेगी। दिन है तो रात आएगी, रात है तो दिन आएगा। हमको धैर्यपूर्वक भगवान का स्मरण करना चाहिए। पर यह बहुत कठिन है, क्योंकि जो सम्मान सफलता में मिलता है वो असफलता में नहीं मिलता।

उन्होंने कहा, ‘विजय के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। एक अभ्यास और दूसरा प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है, सिर्फ अभ्यास है, तब जीत मुश्किल हो जाती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान के साथ-साथ उनका नाम जपना आवश्यक है।’

यह तस्वीर 10 जनवरी 2025 की है। विराट-अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम किया था।

यह तस्वीर 10 जनवरी 2025 की है। विराट-अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम किया था।

अनुष्का ने पूछा था- पिछली बार जब हम आए थे तो मन में कुछ सवाल थे, लेकिन मैं पूछ नहीं पाई। मैं आपसे मन ही मन बात कर रही थी। मेरे मन में जो सवाल थे, उसे कोई न कोई पूछ लेता था। प्रेमानंद महाराज बोले- श्रीजी वो व्यवस्था कर देती हैं। सबसे बड़ी बात, हम साधना देकर लोगों को प्रसन्नता दे रहे हैं। और ये पूरे भारत को प्रसन्नता एक खेल में देते हैं।

अनुष्का बोलीं- मुझे प्रेम भक्ति दे दो आप बस। महाराज बोले- हमें लगता है भक्ति का आप पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। भक्ति के ऊपर कुछ नहीं है।

यह तस्वीर 4 जनवरी 2023 की है। जब विराट और अनुष्का अपनी बेटी के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।

यह तस्वीर 4 जनवरी 2023 की है। जब विराट और अनुष्का अपनी बेटी के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।

4 जनवरी 2023 को भी प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी विराट और अनुष्का ने 4 जनवरी 2023 को पहली बार प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। इस दौरान बेटी वामिका भी उनके साथ थी। अनुष्का की गोद में खेलती रही। विराट परिवार के साथ 4 जनवरी को यहां आए थे। बेटी वामिका अनुष्का की गोद में बैठी दिख रही थी। इस मौके पर आश्रम के लोगों ने अनुष्का को चुनरी ओढ़ाई और वामिका के गले में माला डाली थी।

अब जानिए कौन हैं प्रेमानंद महाराज…

प्रेमानंद महाराज की पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं तक प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था।

पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया।

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