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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ 15,000 सैनिक भेजे. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया तो उत्तर कोरिया सैन्य ताकत का इस्तेमाल करेगा.
रूस में अपने सैनिक भेजने की बात किम जोंग ने कबूल की.
हाइलाइट्स
- उत्तर कोरिया ने रूस को 15,000 सैनिक भेजे
- किम जोंग-उन ने सैनिक भेजने को उचित ठहराया
- अमेरिका के हस्तक्षेप पर सैन्य ताकत की चेतावनी
सियोल: उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन ने कहा कि रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में समर्थन देने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती उचित थी. उन्होंने अपनी सेना की भागीदारी को देश के संप्रभु अधिकारों के इस्तेमाल के रूप में बचाव किया. प्योंगयांग की सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी. किम ने यह टिप्पणी शुक्रवार को प्योंगयांग में रूसी दूतावास के दौरे के दौरान की, जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की नाजी जर्मनी पर जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर गए थे, जिसे विजय दिवस के रूप में जाना जाता है.
योनहाप ने सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के हवाले से यह जानकारी दी है. पिछले साल रूस संग हुई रक्षा संधि का हवाला देते हुए किम ने कहा कि उन्होंने कुर्स्क फ्रंट-लाइन क्षेत्र को मुक्त करने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजने का आदेश दिया था, क्योंकि वे इस संधि को पूरी तरह लागू करने पर अडिग थे. किम ने अपने भाषण में कहा, ‘हमारी युद्ध में भागीदारी उचित थी और यह हमारे संप्रभु अधिकारों के उपयोग के दायरे में है.’
रूस को भेजे 15,000 सैनिक
उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में शामिल उत्तर कोरियाई सैनिकों को हीरो बताया. पिछले महीने, उत्तर कोरिया ने पहली बार स्वीकार किया कि उसने रूस के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए सैनिक भेजे थे. सियोल की जासूसी एजेंसी के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अब तक रूस को लगभग 15,000 सैनिक भेजे हैं और इसमें 4,700 से अधिक हताहत हुए हैं, जिनमें करीब 600 की मौत हुई है.
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने दावा किया कि यूक्रेन ने रूस के क्षेत्र पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस के खिलाफ कोई और हमला करने की कोशिश करेंगे, तो वह उत्तर कोरिया की सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेंगे.
सेना भेजने का बताया कारण
किम ने कहा, ‘अगर हम यूक्रेन की कठपुतली सेना के रूस जैसे परमाणु शक्ति वाले देश के क्षेत्र पर सैन्य कार्रवाई की अनदेखी करेंगे, तो वे और अधिक बेपरवाह हो जाएंगे. इससे सियोल की सेना, जो अमेरिका की सबसे बड़ी कठपुतली है, वे भी अपनी बेपरवाह हिम्मत दिखाएगी.’ रूस ने शुक्रवार को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ सैन्य परेड के साथ मनाई, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विदेशी नेता शामिल हुए. किम के इस समारोह में शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन सुरक्षा और लॉजिस्टिक कारणों से वे मॉस्को नहीं गए.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें