पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कल दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। उनके निधन की खबर ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। डॉ. सिंह, जिन्हें भारत के आर्थिक विकास का वास्तुकार माना जाता है, ने अपने कार्यों से भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमिट छाप छोड़ी है।
एक सरल लेकिन महान नेता
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी और नीतिगत दृष्टिकोण के लिए जाना जाता था। 1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। इन सुधारों ने भारतीय बाजार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया और देश को आर्थिक स्थिरता दी।
प्रधानमंत्री के रूप में उनके 10 वर्षों के कार्यकाल (2004-2014) में भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई नई ऊंचाइयों को छुआ। उनकी नीतियों ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।
पूरे देश में शोक
डॉ. सिंह का कल सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था। उनके निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई प्रमुख नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया।
सरकार ने उनके सम्मान में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। कल निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार में देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
डॉ. सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह को न केवल एक महान नेता बल्कि एक विद्वान और प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाएगा। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा। उनकी सादगी और समर्पण हमें सिखाता है कि सच्चे नेता केवल पद से नहीं बल्कि अपने काम और नैतिकता से पहचाने जाते हैं।
उनके परिवार ने सभी से शांति बनाए रखने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील की है।
श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारतीय राजनीति बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। वे हमेशा याद किए जाएंगे।