Thursday, June 19, 2025
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ब्रेन कंट्रोल टेक्‍नोलॉजी टेस्ट कर रहा Apple, सीधे दिमाग से चलेगा फोन


नई द‍िल्‍ली. आप भले ही अभी तक AI के कारनामों को देखकर सरप्राइज होने वाले महौल से बाहर नहीं न‍िकल पाएं हैं, लेक‍िन तकनीक की दुन‍िया अभी और आगे न‍िकल गई है. जल्‍द ही आपके सामने एक ऐसी टेक्‍नोलॉजी आने वाली है, ज‍िसे बोलकर आपको नहीं समझाना होगा और ना ही अपने ड‍िवाइस को चलाने के ल‍िए उंगल‍ियों की जरूरत होगी. बल्‍क‍ि, मन में सोचने भर से ड‍िवाइस आपकी बात समझ लेगा. जी हां, ऐपल कुछ इसी तरह की टेक्‍नोलॉजी डेवलप कर रहा है. हालांक‍ि इस फील्‍ड में काम करने वाला ऐपल अकेला नहीं है. एलन मस्‍क की कंपनी न्‍यूराल‍िंक भी इसी तकनीक पर काम कर रही है.

दरअसल, ये दोनों कंपन‍ियां ऐसी टेक्‍नोलॉजी लाने की तैयारी कर रही हैं, जो ब‍िना बोले इंसानों के मन की बात ड‍िकोड कर ले. ऐपल ज‍िस टेक्‍नोलॉजी पर काम कर रहा है, वह अगर व‍िकसित हो जाता है तो उसे iPhone से जोड द‍िया जाएगा. यानी आप स‍िर्फ अपनी सोच से अपने फोन को कंट्रोल कर सकेंगे. द वॉल स्‍ट्रीट जरनल में छपी एक र‍िपोर्ट में ये कहा गया है क‍ि इस साल के आख‍िर तक कंपनी अपने डेवलपर्स को ये सौंप देगी. इस टेक्‍नोलॉजी को वास्‍तव‍िकता में लाने के ल‍िए Apple ने न्‍यूरोटेक्‍नोलॉजी कंपनी स‍िंक्रोन (Synchron) के साथ पार्टनरश‍िप की है. दोनों कंपन‍ियां म‍िलकर एक बेन कंप्‍यूटर इंटरफेस (BCI) स‍िस्‍टम पर काम कर रही हैं. बीसीआई की मदद से यूजर अपने ड‍िवाइस को मात्र अपनी सोच से नेव‍िगेट कर सकता है और ऑपरेट कर सकता है. यानी यूजर को ल‍िखने, स्‍वाइप करने या टैप करने की जरूरत नहीं होगी. बस वो मन में ऐसा सोचेगा और ड‍िवाइस उस कमांड को फॉलो करेगा.

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क्‍या है ब्रेन कंप्‍यूटर इंटरफेस (BCI)?

BCI एक ऐसी टेक्‍नोलॉजी है, जो क‍िसी इंसान के ब्रेन और बाहरी ड‍िवाइस के साथ कम्‍युन‍िकेट कर सकता है. इसके ल‍िए मांसपेश‍ियों के मूवमेंट की जरूरत नहीं होती. सिंक्रोन का बीसीआई ड‍िवाइस, जिसे स्टेंटरोड के नाम से जाना जाता है, गले की नस के जर‍िए डाला जाता है और ब्रेन के मोटर कॉर्टेक्स के पास नसों में स्थापित किया जाता है.

इस टेक्‍नोलॉजी के बारे में सबसे खास बात ये है क‍ि जो लोग जीवन में कठोर घटना का श‍िकार होने के बाद अपनी आवाज खा चुके हैं. वो BCI टेक्‍नोलॉजी के जर‍िए अपने आस-पास की दुनिया के साथ बातचीत कर सकते हैं. इसकी क्षमताओं को देखते हुए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने सिंक्रोन के ड‍िवाइस को सफलता(breakthrough) का दर्जा दिया है. हालांकि अभी तक इसे कमर्श‍ियल रूप से उपलब्ध नहीं कराया है. FDA ये मानता है क‍ि इस तरह के इनोवेशन गंभीर शारीरिक विकलांगता वाले लोगों के जीवन को काफी आसान बना सकते हैं .

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एलन मस्क का न्यूरालिंक

ऐपल जो ब्रेनवेव-पावर्ड डिवाइस कंट्रोल बना रहा है, एलन मस्‍का का न्यूरालिंक भी ऐसा ही काम करता है. मस्क की ब्रेन-टेक कंपनी, न्यूरालिंक, ऐसे एडवांस इंप्‍लांट ड‍िवाइस पर काम कर रही है, जो स‍िर्फ न्‍यूरल स‍िग्‍नल्‍स के आधार पर लकवाग्रस्त लोगों के साथ कम्‍युन‍िकेट कर सकते हैं. इस बात को आसान शब्‍दों में ऐसे समझें क‍ि ये एडवांस ड‍िवाइस इंसानों के मन में क्‍या चल रहा है उसे समझ लेंगे. इसके ल‍िए इंसानों के मस्तिष्क में एक चिप लगाया जाएगा. हाल ही में Neuralink ने तीसरे पेशेंट में सफलतापूर्वक ब्रेन इम्‍प्‍लांट क‍िया है.



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