Pakistan Army General Asim Munir: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने सोमवार (12 मई 2025) को कहा कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और उनका संकल्प किसी भी शत्रुतापूर्ण मंसूबे से कमजोर नहीं हो सकता. सेना की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, जनरल मुनीर ने यह टिप्पणी भारत के साथ सैन्य टकराव में घायल हुए सैनिकों और नागरिकों का हालचाल जानने के लिए रावलपिंडी स्थित संयुक्त सैन्य अस्पताल (CMH) के दौरा किया. बयान के अनुसार मुनीर ने घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उनके साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण की सराहना की और यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाएं उनके इलाज, पुनर्वास और कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं.
जनरल मुनीर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं के संकल्प को कोई भी शत्रुतापूर्ण योजना कमजोर नहीं कर सकती. पूरा राष्ट्र अपने हर एक सैनिक के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है.’’ मुनीर ने यह भी कहा कि ‘मारका-ए-हक’ या ‘बुन्यान-ए-मर्सूस’ के दौरान सेनाओं की तरफ से दिखाया गया संगठित ठोस जवाब और देश की जनता का अडिग समर्थन पाकिस्तान के सैन्य इतिहास का एक निर्णायक अध्याय है.
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब
पाकिस्तान की वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी को ‘आम आदमी’ के रूप में पेश करने की चाल पर से उस समय पर्दा उठ गया जब पड़ोसी देश के एक शीर्ष अधिकारी ने हाफिज अब्दुल रऊफ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक रूप से उजागर कर दी. पाकिस्तानी अधिकारी की तरफ से दी गयी जानकारी में रऊफ की राष्ट्रीय पहचान संख्या भी शामिल थी, जो अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची के ‘डेटाबेस’ में मौजूद विवरणों से मेल खाती है. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक अहमद शरीफ चौधरी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रऊफ को एक आम आदमी बताया, जिसकी तीन बेटियां और एक बेटा है. रऊफ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के पंजाब के मुदरिके में लश्कर-ए-तैयबा मुख्यालय में मारे गए आतंकवादियों की नमाज अदा की थी.