10 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह
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उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना उचित जांच और मेडिकल परामर्श के ट्रांसप्लांट किया गया था। इससे उसके पति के चेहरे पर सूजन आ गई थी।
19 नवंबर, 2024 को इसी क्लिनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक के परिवार ने अब 6 महीने बाद (13 मई) को मामले की पुलिस से शिकायत की है।
आज के समय में बालों का झड़ना, टूटना और गंजापन एक आम समस्या बन चुकी है, जिसे दूर करने के लिए लोग हेयर ट्रांसप्लांट का विकल्प अपना रहे हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया तब तक सुरक्षित नहीं मानी जा सकती, जब तक इसे सही तरीके से, उचित जांच और एक्सपर्ट की देखरेख में न किया जाए।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कितनी सेफ है। साथ ही जानेंगे कि-
- किन लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट से बचना चाहिए?
- क्या हेयर ट्रांसप्लांट का कोई साइड इफेक्ट भी हो सकता है?
- हेयर ट्रांसप्लांट से पहले और बाद में क्या सावधानियां बरतें?
एक्सपर्ट: डॉ. शिवम गोयल, कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट, इटरनल हॉस्पिटल, जयपुर
सवाल- हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?
जवाब- यह एक सर्जरी होती है, जिसमें बालों को सिर के गंजे या झड़ते हिस्सों में ट्रांसफर किया जाता है। इसे हेयर रेस्टोरेशन या हेयर रिप्लेसमेंट भी कहा जाता है। आमतौर पर यह प्रोसेस उन लोगों के लिए होता है, जिन्होंने पहले बाल झड़ने के इलाज के अन्य तरीके आजमाए होते हैं। मुख्य रूप से दो टेक्नीक से हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है।
फॉलिकुलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT)
इसमें सिर के पीछे के हिस्से में चीरा लगाकर स्किन की एक पतली पट्टी निकाली जाती है, जिसमें हजारों हेयर फॉलिकल्स होते हैं। उस स्किन स्ट्रिप को माइक्रोस्कोप की मदद से कई छोटे-छोटे ग्राफ्ट्स (फॉलिक्युलर यूनिट्स) में बांटा जाता है, जिनमें 1-4 बालों की जड़ें होती हैं। इसके बाद जिन जगहों पर बाल कम हैं या नहीं हैं, वहां छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं और उनमें हेयर ग्राफ्ट्स लगाए जाते हैं। बाद में स्किन को सिल दिया जाता है और कुछ हफ्तों में वहां बाल उगने लगते हैं।
फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE)
इसके लिए सबसे पहले उस हिस्से को ट्रिम किया जाता है, जहां से बाल निकाले जाने हैं। फिर एक माइक्रो पंच टूल की मदद से बालों की जड़ों (फॉलिक्युलर यूनिट्स) को निकाला जाता है। इसमें सर्जिकल स्ट्रिप नहीं निकाली जाती, इसलिए कोई लंबा कट या टांका (stitch) नहीं लगता है। FUE की खासियत यह है कि इसमें बाल केवल सिर से ही नहीं, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों जैसे दाढ़ी, छाती, पेट (एब्डोमेन) और प्यूबिक एरिया से भी निकाले जा सकते हैं।

FUE और FUT में बेसिक अंतर
सवाल- कौन हेयर ट्रांसप्लांट करवा सकता है?
जवाब- यह प्रक्रिया हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होती है। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- हेयर ट्रांसप्लांट से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- डॉ. शिवम गोयल बताते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले एक अच्छे और अनुभवी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन से संपर्क करें। उनकी योग्यता, अनुभव और पिछले मरीजों के रिव्यू को वेरिफाई करें।
इसके बाद अपनी हेल्थ कंडीशन के बारे में डॉक्टर को पूरी जानकारी दें। किसी भी बीमारी या दवाइयों के बारे में छिपाएं नहीं क्योंकि इससे आपकी सर्जरी पर असर पड़ सकता है। यह भी जरूर पूछें कि आपके केस में हेयर ट्रांसप्लांट की कौन-सी टेक्नीक (FUE या FUT) बेहतर रहेगी। इसके लिए ग्राफिक में दी गई कुछ बातों का ध्यान रखें।

सवाल- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कितने दिनों बाद बाल उगने लगते हैं?
जवाब- आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बालों की ग्रोथ कुछ स्टेप्स में होती है।
- बालों की लगभग 10 से 20% ग्रोथ 3 से 4 महीने के भीतर देखने को मिलती है।
- ट्रांसप्लांट के बाद 6 महीने में लगभग 50% बालों की ग्रोथ हो चुकी होती है।
- 8 से 9 महीने में लगभग 80% रिजल्ट्स दिखने लगता है।
- 9 से 12 महीने के भीतर 100% हेयर ट्रांसप्लांट के रिजल्ट्स दिखाई देने लगते हैं। इस प्रकार एक साल के भीतर हेयर ट्रांसप्लांट का पूरा असर सामने आ जाता है। हालांकि कई बार यह हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

सवाल- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद सही देखभाल करना बहुत जरूरी है, ताकि बाल अच्छे से उगें और किसी तरह की कोई परेशानी न हो। इसे नीचे ग्राफिक में देखिए-़

सवाल- क्या हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं?
जवाब- डॉ. शिवम गोयल बताते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी सुरक्षित होती है, लेकिन इसके बाद कुछ हल्के और अस्थायी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ये आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं और खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं। जैसेकि-
- ट्रांसप्लांट किए गए हिस्से में छोटी-छोटी पपड़ियां या सूखे घाव बन सकते हैं।
- सिर पर हल्की-फुल्की खुजली महसूस हो सकती है, जो ठीक होने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
- कुछ लोगों के डोनर एरिया या ट्रांसप्लांट एरिया में सनसनाहट या सुन्नपन होने का अहसास हो सकता है।
- शुरुआती कुछ दिनों में सिर में हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
- माथे या सिर के आसपास सूजन आ सकती है, जो धीरे-धीरे कम हो जाती है।
- स्किन टाइट लग सकती है, जो कुछ समय बाद सामान्य हो जाती है।
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या कोई परेशानी दिखे तो तुरंत अपने सर्जन से संपर्क करें।
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