5 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह
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उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 6 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्ची को मुंह में दबाकर एक किनारे ले गए और नोच-नोच कर मार डाला।
ऐसी घटनाएं अब अपवाद नहीं रही हैं। अक्सर आवारा कुत्तों के हमलों की खबरें सामने आती रहती हैं। कभी स्कूली बच्चे शिकार बनते हैं, कभी खेलते हुए मासूम तो कभी पार्क में टहलते बुजुर्ग। ये हमले सिर्फ खौफ नहीं पैदा करते, बल्कि हमारी सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम खुद भी सतर्क रहें और अपने बच्चों को भी सावधानी बरतना सिखाएं।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि आवारा कुत्तों से हमलों के पीछे की वजहें क्या हैं? साथ ही जानेंगे कि-
- क्या मौसम और मानवीय लापरवाही उन्हें आक्रामक बनाते हैं?
- बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए पेरेंट्स को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
एक्सपर्ट: पुष्पेंद्र सिंह जादौन, डॉग ट्रेनर, भोपाल
आगे बढ़ने से पहले ये जानिए कि बीते एक साल में डॉग बाइट के कितने मामले सामने आए हैं।

सवाल- आवारा कुत्तों के हमलों के पीछे की क्या वजहें हैं?
जवाब- अक्सर कुत्ते डर, भूख और अपने एरिया की सुरक्षा के लिए आक्रामक हो जाते हैं। कई बार वे झुंड में होते हैं, जिससे उनकी आक्रामकता और बढ़ जाती है। इसके अलावा रेबीज जैसी बीमारी भी इनके व्यवहार को खतरनाक बना देती है। इंसानों का कुत्तों के प्रति गलत व्यवहार जैसे डराना या मारना भी उन्हें हमला करने के लिए उकसाता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि कुत्ते कब और क्यों हमलावर हो जाते हैं ताकि उनसे बचाव के बेहतर उपाय अपनाए जा सकें।

सवाल- बदलता मौसम आवारा कुत्तों के व्यवहार को आक्रामक कैसे बना सकता है?
जवाब- मौसम बदलने का असर आवारा कुत्तों के व्यवहार पर सीधा पड़ता है। खासकर गर्मी और बारिश के मौसम में वे ज्यादा चिड़चिड़े और आक्रामक हो सकते हैं।
गर्मी में उन्हें ना तो ठंडी जगह मिलती है, ना पीने को पानी और ना ही आराम करने की सुरक्षित जगह। तेज धूप और प्यास से उनका शरीर जल्दी थक जाता है और दिमाग चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में वे किसी के करीब आने या छेड़ने पर गुस्से से हमला कर सकते हैं।
इसके अलावा बारिश के मौसम में स्किन की खुजली, घाव या इन्फेक्शन जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं, जिससे वे इरिटेट हो जाते हैं और आक्रामक हो सकते हैं।
सवाल- बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए पेरेंट्स को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- पेरेंट्स को सबसे पहले बच्चों को कुत्तों से डरना और उनकी आदतों को समझना सिखाना चाहिए। उन्हें बताएं कि कुत्तों को परेशान न करें, उन पर पत्थर न फेंकें और न ही उन्हें चिढ़ाएं। साथ ही बच्चों को कभी भी गली-मोहल्ले में अकेले नहीं छोड़ना चाहिए, खासकर जब कुत्ते झुंड में हों।
इसके अलावा पेरेंट्स खुद भी सतर्क रहें और अगर आसपास आवारा कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं तो स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचित करें। इन सावधानियों से बच्चों को सुरक्षित रखना आसान हो जाता है और हादसों की आशंका कम हो जाती है।

सवाल- कैसे जानें कि कोई आवारा कुत्ता हमला कर सकता है?
जवाब- कुत्तों के व्यवहार को समझना बेहद जरूरी है, खासकर जब वे आवारा हों। उनकी हरकतें और बॉडी लैंग्वेज से हम पता लगा सकते हैं कि वे शांत हैं या आक्रामक होने वाले हैं। समय रहते इस बात की पहचान कर लेना बचाव की पहली सीढ़ी है। इसे इस ग्राफिक से समझिए।

ऐसी स्थिति में सतर्क रहें और तुरंत वहां से धीरे-धीरे हटने की कोशिश करें।
सवाल- अगर कुत्ता हमला करने की स्थिति में हो तो क्या करें?
जवाब- अगर किसी गली-मोहल्ले में लगे कि कुत्ता हमला कर सकता है तो घबराएं नहीं और शांत रहने की कोशिश करें। कभी भी उसकी आंखों में न देखें क्योंकि इससे कुत्ता और अग्रेसिव हो सकता है। साथ ही तेज भागने की बजाय धीरे-धीरे पीछे हटें। अपने हाथ या कोई वस्तु जैसे बैग, छड़ी या कपड़ा कुत्ते और अपने बीच में रखें ताकि वह आपको आसानी से न छू सके। अगर कुत्ता हमला कर भी दे तो गिरकर सिर और गर्दन को हाथों से ढंक लें और जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाएं। इससे समय रहते आसपास के लोग आपकी मदद के लिए आ सकते हैं।
सवाल- अगर कुत्ता हमला कर दे तो तुरंत क्या प्राथमिक उपचार करना चाहिए?
जवाब- अगर किसी पर कुत्ते ने हमला किया है तो सबसे पहले घाव को साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। साबुन से धीरे-धीरे घाव की सफाई करनी जरूरी है ताकि उस पर कोई बैक्टीरिया न रहे। इसके बाद घाव को साफ कपड़े या पट्टी से ढंक देना चाहिए ताकि वह साफ रहे और संक्रमण न हो।
अगर खून बह रहा है तो उसे रोकने की कोशिश करें। जितनी जल्दी हो सके नजदीकी डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराना बहुत जरूरी है क्योंकि कुत्ते के काटने से बुखार या इन्फेक्शन हो सकता है। डॉक्टर आपको जरूरी दवाइयां या टीके देंगे। घाव पर घरेलू उपाय करने से बचें और डॉक्टर की सलाह लें।
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